UP BJP का नया बॉस कौन ? संगठन में अहम बदलावों के बाद क्या दलित बनेगा नया कप्तान
लखनऊ, 11 अगस्त: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में यूपी बीजेपी में दो बड़े घटनाक्रम हुए। बीजेपी ने पिछड़ा समाज से आने वाले धर्मपाल सिंह को यूपी बीजेपी का संगठन मंत्री बनाया है जबकि केशव मौर्य को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। बीजेपी के सूत्रों की माने तो ये दोनों कदम अगले आम चुनाव के लिहाज से उठाए गए हैं। अब बीजेपी में अगला बड़ा सवाल यह है कि कौन होगा प्रदेश अध्यक्ष? इसका जवाब बहुत जल्द मिलने की संभावना है। सूत्रों की माने तो ओबीसी चेहरे पर दांव लगाने के बाद अब बीजेपी किसी दलित को यूपी बीजेपी की कमान सौंप सकती है।
यूपी बीजेपी में हुए दो महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में एक स्वतंत्र देव सिंह का विधान परिषद से इस्तीफा भी शामिल है। उनकी जगह डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने उन्हें विधान परिषद के नेता के रूप में चुना गया है। भले ही एक ओबीसी ने एक दूसरे ओबीसी की जगह ले ली हो, लेकिन केशव मौर्य की छवि एक मजबूत ओबीसी नेता की है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
हार के बाद भी बढ़ रहा केशव का कद
जानकारों का दावा है कि हार के बावजूद मौर्य की डिप्टी सीएम के पद पर नियुक्ति ओबीसी को साधने की कयावद का ही एक हिस्सा था। वर्तमान में उठाया गया कदम भी इस लिहाज से काफी अहम है। अब विधान परिषद का नेतृत्व करने वाले एक मजबूत ओबीसी नेता और ब्रजेश पाठक जैसे ब्राह्मण नेता के डिप्टी सीएम होने के बाद अब एक दलित अगले यूपी बीजेपी प्रमुख बन सकता है।
बीजेपी का संगठन मंत्री भी बना ओबीसी
इसके अलावा, दूसरे बदलाव के तौर पर ओबीसी धर्मपाल सिंह ने सुनील बंसल को महासचिव (संगठन) के रूप में तैनात किया गया है। सूत्रों ने कहा कि हालांकि भाजपा में संगठन सचिव की जाति कभी कोई मुद्दा नहीं रही है, लेकिन अगले आम चुनाव में जान से पहले उनकी जाति को ध्यान में रखा जा रहा है। इससे ओबीसी के यूपी बीजेपी के अगले अध्यक्ष बनने की संभावना और भी कम हो गई है।
दलित चेहरे पर दांव लगा सकती है बीजेपी
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि सीएम और डिप्टी सीएम पद पर दो सवर्ण और दो महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर एक ओबीसी नेता, अगले भाजपा प्रमुख के रूप में एक दलित नेता की संभावना बढ़ गई है। सूत्रों ने कहा कि अगले एक-दो दिनों में इस पर अंतिम फैसला होने की संभावना है कि भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होगा। चर्चा के दौरान धर्मपाल के भी मौजूद रहने की संभावना है। हालांकि धर्मपाल यूपी की राजनीति के लिए नए नहीं हैं, लेकिन उन्हें अपने पूर्ववर्ती सुनील बंसल द्वारा खींची गई रेखा के अनुरूप चलना होगा।
शाह के चाणक्य सुनील बंसल पहुंचे दिल्ली
दरअसल 2014 के बाद से, जब अमित शाह की टीम में सुनील बंसल सह-चुनाव प्रभारी के रूप में यूपी आए थे और उन्हें उस समय भाजपा के यूपी प्रभारी बनाया गया था। पार्टी ने कोई बड़ा चुनाव नहीं हारा या बुरा प्रदर्शन नहीं किया। बंसल को जून 2014 में यूपी बीजेपी का संगठन सचिव नियुक्त किया गया था। भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में रिकॉर्ड 73 लोकसभा सीटें जीतीं, इसके बाद नगर निगमों के चुनाव, विधानसभा चुनाव 2017, लोकसभा चुनाव 2019, विधानसभा चुनाव 2022 और पंचायत चुनावों में जीत हासिल की थी।
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