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यूपी में लोकप्रियता को लेकर अखिलेश और पीएम मोदी कांटे की टक्कर

लोकप्रियता को लेकर अखिलेश यादव और नरेंद्र मोदी के बीच ही कड़ी प्रतिस्पर्धा, दोनों ही नेता प्रदेश में काफी लोकप्रिय

By Ankur
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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उनके सख्त फैसलों के चलते लोगों में काफी लोकप्रियता है, लेकिन जिस तरह से हाल फिलहाल में अखिलेश यादव ने अपने ही परिवार के खिलाफ मोर्चा खोला है उसने उन्हें लोगों के बीच और भी लोकप्रिय बना दिया है। लोग अखिलेश यादव के विकास कार्यों के साथ अपने परिवार के भीतर बगावती सुर के चलते उनकी तारीफ कर रहे हैं। यह सोच हमारी नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के लोगों की है, प्रधानमंत्री मोदी और अखिलेश यादव के बारे में कुछ ऐसी ही राय रखते हैं। इसी के चलते आगामी यूपी चुनाव में सपा और भाजपा अहम पार्टी के तौर पर उभरे हैं।

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सीएसडीएस ने हाल ही में एक शोध किया, जोकि दिसंबर माह के पहले दो हफ्तों के बीच किया गया, जिसमें अखिलेश यादव और नरेंद्र मोदी के बीच लोकप्रियता को लेकर काफी मुश्किल प्रतिस्पर्धा चल रही है। सर्वे के अनुसार एक तरफ जहां पीएम मोदी के सख्त फैसलों व विकास के लिए किए गए कामों की तारीफ की है तो दूसरी तरफ लोगों ने अखिलेश यादव की भी तारीफ की है। सीएसडीएस कानपुर के डायरेक्टर एके वर्मा का कहना है कि पीएम मोदी ने लोगों का समर्थन प्राप्त करने के लिए कई अहम फैसले लिए, जबकि सपा सरकार ने कई ऐसे कदम उठाएं जिसने गरीबों, किसानों को लाभ दिया।

हाल ही में पाकिस्तान पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का मोदी पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। इन स्ट्राइक के बाद लोगों ने पीएम मोदी का पूरा समर्थन किया था, लोगों ने इसका श्रेय सेना को दिया है लेकिन एक बड़ा तबका ऐसा भी है जो सोचता है कि इस फैसले के पीछे नरेंद्र मोदी की दृढ इच्छा शक्ति भी है। वहीं लखनऊ मेट्रो, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे, नए पुल, बेहतर बिजली व्यवस्था जैसे मुद्दों ने सपा को लोकप्रिय बनाया है, इसके अलावा किसानों को मुफ्त सिचाई, समाजवादी पेंशन योजना, कन्या विद्याधन लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुई। इन फैसलों के दम पर अखिलेश यादव ने लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाने में सफलता हासिल की और उन्हे साफ छवि के विकासपर नेता के रूप में स्थापित किया।

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सर्वे के अनुसार पीएम मोदी ने राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का भी पूरा लाभ उठाएंगे, जिसके जरिए वह मुसलमानों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। जिस तरह से पीएम मोदी ने तीन तलाक के मुद्दे पर अपनी राय रखी और इसकी जमकर खिलाफत की उसने मुस्लिम धर्मगुरुओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा को एक बार फिर से शुरु किया, इस फैसले के जरिए पीएम मोदी ने उन मुसलमान महिलाओं तक अपनी पैठ बढ़ाई है जो खुलकर इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से डरती हैं। इसके अलावा भाजपा कैराना जैसे मुद्दे को भी आगामी चुनाव में भुना सकती है, जहां हिंदुओं को कथित रूप से पलायन करने पर मजबूर किया गया, इसके पीछे मुस्लिम अपराधी अहम वजह रहे, इस मुद्द के जरिए हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण करने में भी मदद मिल सकती है। नोटबंदी के फैसले का भी भाजपा को लाभ मिल सकता है, लोगों के सर्वे के अनुसार बड़ी संख्या में इस फैसले के साथ लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं।

हालांकि समाजवादी पार्टी के लिए कानून-व्यवस्था जैसा मुद्दा अभी भी चिंता का विषय है और वह अखिलेश यादव की छवि पर बट्टा भी लगाता है, इससे इतर परिवार के भीतर मचे संग्राम से भी पार्टी की छवि को भारी नकुसान हुआ है। एक तरफ जहां सपा के लिए यह विषय मुश्किल हैं, तो भाजपा के लिए भी मुश्किलें है, जिसमें सबसे अहम है प्रदेश में भाजपा का सीएम पद का उम्मीदवार का ना होान, ऐसे में लोग आसानी से अखिलेश यादव को अपना मुख्यमंत्री चुन सकते हैं।

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English summary
Who is more popular A tough fight between Akhilesh Yadav and PM Narendra Modi. CSDS survey reveals the mood of the people in the state.
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