केजरीवाल सरकार की राह पर योगी आदित्यनाथ, लागू करेंगे ये योजना
उत्तर प्रदेश में दिल्ली की तर्ज पर स्थापित होंगे मोहल्ला क्लीनिक, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री का दावा, प्रदेस के स्वास्थ्य विभाग ने इस बाबत मांगी मदद, दिल्ली सरकार देगी मदद
लखनऊ। देश की राजधानी नई दिल्ली में जिस तरह से आम आदमी पार्टी की सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक को स्थापित किया है, वह अब देश के अन्य राज्यों के लिए भी रोल मॉडल साबित हो रही है। उत्तर प्रदेस में योगी आदित्यनाथ सरकार भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार की मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर क्लीनिक खोलने की योजना बना रही है, जिससे कि गरीब लोगों को मुफ्त इलाज हासिल हो सके।
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यूपी ने मांगी मदद
दिल्ली
के
स्वास्थ्य
मंत्री
सत्येंद्र
जैन
का
कहना
है
कि
प्राथमिक
उपचार
को
लेकर
दिल्ली
में
आम
आदमी
पार्टी
की
सरकार
ने
जो
पहल
की
है
उसे
कई
अन्य
राज्यों
की
सरकार
ने
भी
अपनाया
है।
उन्होंने
बताया
कि
हाल
ही
में
उत्तर
प्रदेश,
पंजाब,
कर्नाटक
के
स्वास्थ्य
विभागों
ने
दिल्ली
में
इस
प्रोजेक्ट
का
मुआयना
किया
है।
सत्येंद्र
जैन
का
दावा
है
कि
उत्तर
प्रदेश
के
स्वास्थ्य
विभाग
ने
भी
इस
बाबत
दिल्ली
सरकार
से
प्रोजेक्ट
रिपोर्ट
मांगी
है।
देशभर के लिए रोल मॉडल साबित होगा
सत्येंद्र
जैन
का
कहना
है
कि
उत्तर
के
स्वास्थ्य
विभाग
ने
दिल्ली
से
इस
प्रोजेक्ट
के
तहत
मदद
मांगी
है।
उन्होंने
दावा
किया
है
कि
आने
वाले
समय
में
दिल्ली
का
मोहल्ला
क्लीनिक
पूरे
देश
के
लिए
रोल
मॉडल
साबित
होगा
और
पूरे
देश
में
इसे
लागू
किया
जाएगा।
सत्येंद्र
जैन
ने
बताया
कि
मौजूदा
समय
में
यह
इस
व्यवस्था
के
लिए
तीन
राज्यों
ने
पहल
की
है,
ऐसे
में
हमें
पूरी
उम्मीद
है
कि
आने
वाले
समय
में
अन्य
राज्य
भी
इस
प्रोजेक्ट
की
ओर
ध्यान
देंगे।
हालांकि
यूपी
सरकार
की
ओर
से
इस
बाबत
कोई
भी
बयान
नहीं
जारी
किया
गया
है
कि
प्रदेश
में
दिल्ली
की
तर्ज
पर
मोहल्ला
क्लीनिक
की
स्थापना
होने
जा
रही
है।
योगी सरकार की हुई थी किरकिरी
गौरतलब
है
कि
हाल
ही
में
जिस
तरह
से
गोरखपुर
के
बीआरडी
अस्पताल
में
दर्जनों
बच्चों
की
ऑक्सीजन
की
कमी
से
मृत्यु
हो
गई
थी,
जिसके
बाद
योगी
सरकार
की
इस
घटना
को
लेकर
जमकर
आलोचना
हुई
थी।
हालांकि
इस
दुर्घटना
के
बाद
योगी
सरकार
ने
घटना
में
सख्त
कार्रवाई
करते
हुए
अस्पताल
के
तमाम
अधिकारियों
को
निलंबित
कर
दिया
था,
जिन्हे
अब
जेल
की
सलाखों
के
पीछे
भेज
दिया
गया
है।
लेकिन
इस
घटना
के
बाद
भी
जिस
तरह
से
फर्रुखाबाद
सहित
अन्य
जिलों
में
बच्चों
की
मौत
हुई
उसने
प्रदेश
की
स्वास्थ्य
व्यवस्था
पर
बड़ा
चिन्ह
लगा
दिया
है।