UP by Election: चलेगी साइकिल या खिलेगा कमल, जानिए किस ओर इशारा कर रहे मतदान के आंकड़े

UP by Election: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के साथ ही रामपुर विधानसभा सीट और खतौली में चुनाव सम्पन्न हो चुका है। रामपुर और खतौली में जहां बीजेपी का पलड़ा भारी बताया रहा है वहीं मैनपुरी में कांटे की टक्कर बतायी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो मैनपुरी में काफी नजदीकी मुकाबला हो सकता है जबकि रामपुर और खतौली सपा के हाथ से निकल सकती हैं। हालांकि इस बार मतदाान प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में कम दर्ज किया गया है। रामपुर में तो 1951 के बाद सबसे कम मतदान हुआ है।
रामपुर में कम मतदान होने से बीजेपी उत्साहित
रामपुर विधानसभा सीट के लिए सोमवार को हुए उपचुनाव में 1951 के बाद से सबसे कम मतदान दर्ज किया गया। चुनाव आयोग के अनुसार, रामपुर में 3.88 लाख मतदाता हैं, जिनमें 1.82 महिला मतदाता हैं। सोमवार को केवल 31.2% वोट डाले गए जबकि इस साल मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में सीट पर दर्ज 56.6% मतदान हुआ था। 1951 में रामपुर शहर में 38.1% मतदान दर्ज किया गया था।
इस सीट से 10 बार विधायक बन चुके हैं आजम
रामपुर 1993 से समाजवादी पार्टी, विशेष रूप से इसके नेता आज़म खान का गढ़ रहा है। केवल 1996 में कांग्रेस के खाते में यह सीट गई थी। चार दशकों से अधिक समय तक रामपुर ने आजम खान को अपने 11 प्रयासों में से 10 बार विधानसभा में भेजा। 2019 में, रामपुर लोकसभा चुनाव में अपनी जीत के बाद अपने पति के इस्तीफा देने के बाद आजम की पत्नी तज़ीन फातमा को विधायक चुना गया था।
मैनपुरी में सपा का शानदार जीत का दावा
हालांकि इन चुनौतियों के बीच समाजवादी पार्टी ने दावा किया कि मैनपुरी में पार्टी उम्मीदवार डिंपल यादव मुलायम सिंह यादव की तुलना में "तीन गुना अधिक वोट" से मैनपुरी उपचुनाव जीतेंगी। सपा सांसद राम गोपाल यादव ने इटावा के सैफई में वोट डालने के बाद कहा कि,
'' नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को जितने वोट मिलते थे, उससे तीन गुना ज्यादा वोट डिंपल यादव जीतेंगी। भारतीय जनता पार्टी के "गुंडों" ने मैनपुरी में विभिन्न स्थानों पर मतदाताओं और सपा कार्यकर्ताओं को डराया।''
खतोली में भी मतदान प्रतिशत में आई कमी
दरअसल पिछले महीने, अभद्र भाषा के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजम को रामपुर विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सपा ने उपचुनाव में आजम के करीबी आसिम रजा खान को मैदान में उतारा है। इस बीच, खतौली (मुजफ्फरनगर) विधानसभा क्षेत्र में भी पहले की तुलना में कम मतदान दर्ज किया गया। हालांकि हाई-प्रोफाइल मैनपुरी लोकसभा सीट पर भी कम मतदान दर्ज किया गया, जो सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी।
हालांकि राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन कहते हैं कि,
"रामपुर और खतौली में मतदान का प्रतिशत कम होना सरकार के पक्ष में जा सकता है। हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि जीत किसकी होगी। मैनपुरी से जो सूचनाएं मिल रही हैं उसके अनुसार यहां सपा और बीजेपी के बीच बराबरी का मुकाबला है और ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है।"
मैनपुरी में बीजेपी-सपा में टक्कर
यादवों के गढ़ में लगभग 54 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया जबकि यहां 2019 में 56.77% था। मैनपुरी में 17.41 लाख मतदाता हैं, जिनमें आठ लाख महिलाएँ हैं। सपा ने मुलायम की बहू डिंपल यादव को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने रघुराज सिंह शाक्य को मौका दिया है। शाक्य 1999 और 2004 में सपा के टिकट पर सांसद रह चुके हैं और बाद में इटावा सदर सीट से सपा के समर्थन से विधायक बने थे।
हालांकि बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे कहते हैं कि,
''रामपुर के साथ ही खतौली और मैनपुरी में भी इस बार कमल खिलेगा। बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की नीतियों की बदौलत चुनाव में गई थी। जनता इससे पहले भी रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में अपना आशीर्वाद दे चुकी है। एक बार फिर जनता का आशीर्वाद बीजेपी को ही मिलेगा।''
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