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समाजवादी विजय यात्रा का हाल, जानिए क्या बीजेपी के गढ़ कानपुर-बुंदेलखंड में सेंध लगा पाएंगे अखिलेश

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लखनऊ, 13 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, जिन्होंने 12 अक्टूबर को कानपुर से विजय रथ यात्रा के साथ अपना अभियान शुरू किया है। हालांकि कानुपर-बुंदेलखंड रीजन बीजेपी का मजबूत गढ़ है और उसमें अखिलेश कैसे सेंध लगा पाएंगे यह बड़ा सवाल है। हालांकि अखिलेश की यात्रा का यह पहला चरण है जो कानपुर से निकलकर बुंदेलखंड के कई जिलों से होकर गुजरेगी। पिछले लोकसभा चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें तो बुंदेलखंड में बीजेपी सपा और बसपा पर भारी रही है। इस बार भी बीजेपी कानपुर-बुंदेलखंड में क्लीन स्वीप के दावे कर रही है। हर लिहाज से अखिलेश की यात्रा काफी चुनौतिपूर्ण होने वाली है। हालांकि बीजेपी का दावा है कि अखिलेश की यात्राओं से कुछ होने वाला नहीं है बीजेपी इस बार कानपुर-बुदेलखंड रीजन में पूरी तरह से क्लीन स्वीप करेगी।

सपा का दावा- पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही विजय यात्रा

सपा का दावा- पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही विजय यात्रा

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की चुनावी रणनीति बनाने में तमाम राजनीतिक दल जुटे हुए हैं। समाजवादी पार्टी की नजर बीजेपी के मजबूत किले में घुसने पर है। कानपुर-बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को कानपुर-बुंदेलखंड से विजयरथ यात्रा की शुरुआत कर दी है। अखिलेश का सफर कानपुर से शुरू होकर हमीरपुर होते हुए पूरे कानपुर-बुंदेलखंड में कई जिलों से होकर गुजरेगा। सपा के राज्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा कि, "जिस तरह से भीड़ जमा हो रही है, उससे पता चलता है कि लोग भाजपा को बाहर करने और समाजवादी पार्टी को वापस लाने के लिए कितने बेचैन हैं। इस रथयात्रा ने यह भ्रम भी तोड़ दिया है कि लोग उस तरह से सड़कों पर नहीं उतरेंगे, जैसा कि उनके पिता और पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पार्टी का नेतृत्व करते समय किया था।''

सरकार बनानी है तो कानपुर-बुदेलखंड रीजन सपा के लिए अहम

सरकार बनानी है तो कानपुर-बुदेलखंड रीजन सपा के लिए अहम

कानपुर-बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश में भाजपा का सबसे मजबूत किला है। पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कानपुर-बुंदेलखंड की 52 विधानसभा सीटों में से 47 पर कमल खिलाया था। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में कानपुर-बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। सपा मुखिया अखिलेश जानते हैं कि 2022 में सरकार बनानी है तो कानपुर-बुंदेलखंड का किला जीतना होगा।

2017 में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था

2017 में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था

कानपुर-बुंदेलखंड में बीजेपी को समाजवादी पार्टी के गढ़ में दो और कानपुर में तीन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। जिसमें से इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट शामिल है। जसवंतनगर सीट से प्रस्पा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव जीते। यह सीट मुलायम की फैमिली सीट मानी जाती है। इसके बाद कन्नौज सदर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। सदर विधानसभा सीट सपा का गढ़ है। यूपी विधानसभा चुनाव में 2022 में अपने गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी भी अखिलेश के कंधों पर है।

 बीजेपी को टक्कर देने की स्थिति में सपा ही

बीजेपी को टक्कर देने की स्थिति में सपा ही

एक राजनीतिक विश्लेषक और राजनीति विज्ञान विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रह चुके प्रोफेसर आर के द्विवेदी कहते हैं कि, "यह अच्छा है कि अखिलेश यादव इस तरह के व्यस्त दौरे कर रहे हैं और चुनाव से बहुत पहले भाजपा को टक्कर देने में लगे हुए हैं। कोई दूसरा रास्ता नहीं है, अगर उन्हें और उनकी पार्टी को भाजपा से लड़ना है और सत्ता वापस पाने की ख्वाहिश है। अभी तक केवल उनकी पार्टी और वे ही हैं जो भाजपा को अच्छी तरह से टक्कर देने की स्थिति में हैं। इस तरह की कड़ी मेहनत और कुछ रणनीतिक गठबंधन, अगर वह उन्हें करते हैं, तो निश्चित रूप से लड़ाई में मदद मिलेगी। "

क्लीन स्वीप की तैयारी में बीजेपी

क्लीन स्वीप की तैयारी में बीजेपी

कानपुर-बुंदेलखंड में बीजेपी क्लीन स्वीप करने की तैयारी में है। बीजेपी का दावा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कानपुर-बुंदेलखंड की 52 में से 52 सीटों पर परचम लहराएगा। बीजेपी उन सीटों पर मेहनत कर रही है, जहां उसे 2017 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेयी कहते हैं कि, '' सपा की इस यात्रा से उसे कोई लाभ होने वाला नहीं है। जनता इनकी नौटंकी को पूरी तरह से देख चुकी है। बीजेपी के सामने चुनौती पेश करने से पहले ये अपने चाचा से ही लड़ लें वही काफी है। बुंदेलखंड हो या पूर्वांचल हो या फिर यूपी का कोई कोना हो, जनता इनको पहले ही नकार चुकी है। अखिलेश तब क्या कर रहे थे जब कोरोना में लोग परेशान थे। उस समय तो ये घर से बाहर भी नहीं निकले। जनता जब सबसे ज्यादा परेशान थी उसी समय इन्होंने जनता को दरकिनार किया और अब जनता इन्हें सबक सिखा देगी।''

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English summary
Samajwadi Vijay Yatra, know whether Akhilesh will be able to make a dent in BJP's stronghold Bundelkhand
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