महिषासुर की जगह हुआ 'राम रहीम' का मर्दन, बीचबचाव में आई 'हनीप्रीत' का भी हुआ संहार!
कानपुर। नवरात्र के मौके पर केदार मण्डल ने मां दुर्गा के प्रति अतिअशोभनीय टिप्पणी की और समाज में गन्दगी बिखेरने की कोशिश की लेकिन कानपुर में एक संस्था ऐसी भी है जो हर साल नवरात्र के पावन अवसर पर नुक्कड़ नाटक के जरिए समाज में अच्छाई का सन्देश देती है। इस नवरात्र दुर्गा स्वरूपा छात्रा द्वारा भगवाधारी ढोंगी बाबा का संहार करते हुए दिखाया गया है।
ये नजारा शारदीय नवरात्र पर सजने वाले किसी पूजा पंडाल का नहीं है। मां दुर्गा के इस संहारक स्वरूप के दर्शन करने और दुष्ट बाबाओं की हालत देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। शहर के बड़े चौराहे पर सजाए गए इस मंच पर छात्राऐं हाथों में तख्तियां लिए खड़ी हैं। वे सभी मां महिषासुरमर्दिनी को ढोंगी और बलात्कारी बाबाओं से बचाने की गुहार लगाती दिख रही हैं। मां अपनी बेटियों की पुकार सुनकार आती हैं और त्रिशूल की नोंक पर बाबा राम रहीम को रस्सियों में जकड़ लेती है। पाखंडी बाबा को बचाने आई हनीप्रीत का भी यही हश्र होता है। उसे कोई माफी नहीं मिलती।
दरअसल कानपुर में हर नवरात्र यहां का एक एनजीओ समाज सुधार का सन्देश देने वाला इस तरह का खुला पूजा पाण्डाल सजाता है। इसमें छात्राऐं मां दुर्गा का रूवरूप धारण करती हैं। श्रद्धालु भक्तिभाव से मां के दर्शन करते हैं, उनकी आरती उतारते हैं और जब वापस घरों के जाते हैं तो उनके भीतर भक्ति के साथ साथ सामाजिक उत्तरदायित्व का बोध भी भरा होता है। सही मायनों में त्योहारों की सार्थकता भी इसी में हैं जो हमें बुराई से दूर कर सकें।