UP निकाय चुनाव में 17 महापौर प्रत्याशियों को लेकर BJP में मचा है घमासान
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर अब सरगर्मी बढ़नी शुरू हो गई है। नगर पालिका से लेकर नगर निगमों में अब टिकटों को लेकर घमासान शुरू हो गया है।
UP Nagar Nigam Election 2022: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी के सिंबल पर वार्ड स्तर तक लड़ने का फैसला किया है। इसको लेकर हाल ही में बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक में मेयर पद के उम्मीदवारों और नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए नामों पर विचार किया गया। इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, सीएम योगी आदित्यनाथ, संगठन मंत्री धरमपाल सिंह सैनी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी महापौर सीटों पर मतदाताओं से जुड़कर अपनी पार्टी के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया है।
पार्टी कार्यालय पर लगने लगा है दावेदारों का जमावड़ा
दरअसल यूपी निकाय चुनाव को लेकर आरक्ष्ज्ञण की सूची सामने आने के बाद अब नए दावेदार सामने आ रहे हैं। कई जगहों पर महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित हो गई हैं तो कई सीटों को ओबीसी के लिए आरक्षित कर दिया गया है। आरक्षण की सूची आने के बाद जहां पुराने दावेदारों के मंसूबों पर पानी फिर गया है वहीं नए दावेदारों ने अपनी गोटियां सेट करनी शुरू कर दी हैं। बीजेपी दरअसल सत्ता में काबिज है इसलिए इसमें बीजेपी महापौर के टिकटों को लेकर ज्यादा घमासान मचा हुआ है।
वाराणसी-लखनऊ-गोरखपुर की सीटें अहम
सूत्रों की माने तो लखनऊ-गोरखपुर और वाराणसी सीटें सामान्य श्रेणी में रखी गई हैं। सूत्रों की माने तो लखनऊ में सांसद और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ और वाराणसी में पीएम मोदी की सहमति के बाद ही नामों का ऐलान किया जाएगा। बाकी सीटों पर पार्टी अपने हिसाब से उम्मीदवार उतारेगी। दरअसल भाजपा इन शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए एक सप्ताह का अभियान (12 से 18 दिसंबर) शुरू करेगी, जिसमें पार्टी के नेताओं ने फैसला किया कि "संपर्क, संवाद, समन्वय, समन्वय, सामूहिकता" के आधार पर चुनाव लड़ा जाएगा।
उम्मीदवारों को लेकर हुई कोर कमेटी की बैठक
पार्टी की एक बैठक के बाद, भाजपा के शीर्ष नेताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ निकाय चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम दौर के परामर्श के लिए बंद कर दिया गया, जिसमें भाजपा ने परंपरागत रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। बीजेपी इस बार कई मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है। यह 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अल्पसंख्यक समुदाय को लुभाने के लिए 'पसमांदा (पिछड़े)' मुस्लिम सम्मेलनों को जारी रखने की भी योजना बना रहा है।
समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश
प्रदेश भाजपा प्रमुख भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि, 'हम महापौर सीटों और नगर पंचायत और नगर पालिका प्रमुखों के लिए सर्वसम्मति और एकजुटता की भावना के आधार पर उम्मीदवारों को अंतिम रूप देंगे। हमारी सूची में समाज के सभी वर्गों के उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व किया जाएगा।" बीजेपी के नेताओं की माने तो पहले की परम्परा के अनुसार प्रमुख पदों के लिए नामों का एक पैनल चिन्हित किया जाता था और भाजपा नेतृत्व की मंजूरी के लिए भेजा जाता था। पार्टी नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इन निकाय चुनावों में पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों की लंबी सूची है।
ज्यादातर मंत्री इस समय विदेश दौरों पर
योगी आदित्यनाथ ने सभी महापौर सीटों पर मतदाताओं से जुड़कर अपनी पार्टी के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया है। दरअसल उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक और अन्य योगी सरकार 2.0 के मंत्री, वर्तमान में यूपी में नियोजित वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के लिए ब्याज और निवेश उत्पन्न करने के लिए विदेशी दौरों पर हैं। फरवरी में, उनकी वापसी पर भी अभियान में शामिल होने की उम्मीद है।
जल्द जारी होगी निकाय चुनाव की अधिसूचना
बीजेपी के नेताओं की माने तो इन चुनावों की अधिसूचना जल्द ही कभी भी जारी की जा सकती है। हमारे कैडर पार्टी के संदेश और हमारी सरकार के काम को जनता तक ले जाएंगे। ये चुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले आयोजित किए जा रहे हैं। इस बैठक में कैडरों को पार्टी की योजना के अनुसार अभियान शुरू करने का आह्वान करते हुए कहा और वार्ड स्तर तक चुनाव समितियों के गठन पर जोर दिया गया। राज्य भाजपा महासचिव (संगठन) धर्मपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को समाज के सभी वर्गों का समर्थन सुनिश्चित करने का काम सौंपा।