लखनऊ विश्वविद्यालय में कर्मचारी हड़ताल पर, संस्थान में प्रदर्शन व नारेबाजी गैरकानूनी घोषित
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने संस्थान के भीतर नारे लगाने और प्रदर्शन करने को गैरकानूनी बनाने का फैसला लिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के फैसले को देखते हुए लिया है। कर्मचारियों की हड़ताल के ऐलान के मद्देनजर प्रशासन ने संस्थान के भीतर नारेबाजी व प्रदर्शन को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। आपको बता दें कि विश्वविद्यालय के तमाम कर्मचारी अनियमितताओं, संविदा पर कर्चारियों की नौकरी और ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय के वीसी एसपी सिंह ने प्रॉक्टर विनोद सिंह को निर्देश दिए हैं कि वह किसी भी तरह के प्रदर्शन या नारेबाजी को संस्थान के भीतर नहीं होने दें। साथ ही इस बात के भी निर्देश दिए गए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कर्मचारी को जबरन हड़ताल में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जाए। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता एनके पांडेय ने कहा कि अगर कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रॉक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि वह संस्थान के भीतर जरूरत के अनुसार फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराएं।
आज से तमाम कर्मचारियों की उपस्थिति को उनके हेड व डीन के द्वारा सील किया जाएगा। कर्मचारियों की उपस्थिति का हस्ताक्षर एक सादे कागज पर उनके हस्ताक्षर के द्वारा ली जाएगी और उसे सुबर 10.30 बजे तक रजिस्ट्रार को भेजनी होगी। सभी डीन, विभागाध्यक्षों, प्रोवोस्ट व विश्वविद्लाय के अन्य अधिकारियों ने वीसी के आदेश के साथ अपनी सहमति जताई है। वीसी ने तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह किसी भी सूरत में परीक्षा, मुल्यांकन, प्रैक्टिल परीक्षा, शिक्षण कार्य इस हड़ताल के चलते बाधित नहीं होना चाहिए। वीसी ने बताया कि कर्मचारियों की अधिकतर मांगों को पहले ही स्वीकार किया जा चुका है, ऐसे में कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह बिल्कुल गलत है।
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