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लोकसभा चुनाव से पहले शिवपाल-डीपी यादव बढ़ाएंगे अखिलेश की टेंशन, समझिए BJP को कैसे मिलेगा फायदा

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लखनऊ, 01 सितंबर: देश में 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को घेरने की कवायद शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को एक नए संगठन का उदय हुआ। इस संगठन का नाम यदुकुल पुनर्जागरण मिशन रखा गया है। इसके मायने तब और बढ़ जाते हैं जब शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। शिवपाल के इस कदम को अखिलेश की पार्टी में सेंधमारी के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो शिवपाल-डीपी यादव के साथ आने के पीछे का मकसद अखिलेश यादव को यादवों के बीच ही उलझाए रखना है ताकि इसका ज्यादा लाभ बीजेपी उठा सके।

शिवपाल ने बनाया

शिवपाल ने बनाया "यदुकुल पुनर्जागरण मिशन

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) के संस्थापक शिवपाल यादव ने गुरुवार को एक नए संगठन "यदुकुल पुनर्जागरण मिशन (यदुकुल पुनर्जागरण मिशन)" के गठन की घोषणा की। इस संगठन का ऐलान मिशन 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है। शिवपाल ने पूर्व सांसद (सांसद) डीपी यादव के साथ संगठन का शुभारंभ किया। माना जा रहा है कि शिवपाल की इस कवायद से अखिलेश की टेंशन में इजाफा हो सकता है।

शिवपाल के साथ डीपी यादव भी रहे मौजूद

शिवपाल के साथ डीपी यादव भी रहे मौजूद

लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिवपाल ने यह बातें कहीं। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि संगठन किसी राजनीतिक दल के लिए या उसके खिलाफ नहीं है। सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करेंगे। शिवपाल संगठन के संरक्षक हैं, जबकि संभल के पूर्व सांसद डीपी यादव इसके अध्यक्ष हैं। दरअसल इससे पहले शिवपाल यादव जन्माष्टमी के अवसर पर इशारों ही इशारों में अखिलेश पर निशाना साध चुके हैं और तब उन्होंने यदुवंशियों से एकजुट होने की अपील भी की थी।

देशभर में गठन होगी इस मिशन की इकाई

देशभर में गठन होगी इस मिशन की इकाई

यादव ने कहा, "हम जल्द ही राज्य और देश भर में मिशन की इकाई का गठन करेंगे।" नया संगठन जिन मुद्दों को उठाने जा रहा है उनमें जाति जनगणना और 'अहीर (यादव) रेजिमेंट' के गठन की मांग शामिल है। यादवों को समाजवादी पार्टी का मुख्य वोट बैंक माना जाता है और नए संगठन का गठन यादव समाज को लुभाने के एक स्पष्ट प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि शिवपाल यादव ने जन्माष्टमी के दौरान यदुवंशियों का जो आह्वन किया था उसके बाद ही इस बैठक को कराने का निर्णय लिया गया है।

डीपी यादव ने कहा- अखिलेश को निशाना बनाने की कोशिश नहीं

डीपी यादव ने कहा- अखिलेश को निशाना बनाने की कोशिश नहीं

यह पूछे जाने पर कि क्या संगठन का गठन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाना बनाने और उनके वोट बैंक को नुकसान पहुंचाने का प्रयास था। डीपी यादव ने कहा, "नहीं, यह अखिलेश यादव को निशाना बनाने या (यादव वोटों) को विभाजित करने के लिए नहीं है। यह एकजुट होने का प्रयास है।" हालांकि डीपी यादव और शिवपाल यादव अभी इस बात से इंकार जरूर कर रहे हैं कि वो अखिलेश को घेरने के लिए ये कदम नहीं उठा रहे हैं लेकिन सियासी हलकों में इस प्रयास को अखिलेश से जोड़कर ही देखा जा रहा है।

यादवों को एकजुट करने में ही उलझ जाएंगे अखिलेश

यादवों को एकजुट करने में ही उलझ जाएंगे अखिलेश

यूपी के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह कहते हैं कि अखिलेश यादव को घेरने की तैयारी अभी से शुरू हो गई है। इस सीन में हालांकि कहीं बीजेपी नहीं दिखाई दे रही है लेकिन इस गठबंधन के सक्रिय होने के पीछे भाजपा की सोची समझी रणनीति काम कर रही है। बीजेपी अखिलेश को चुनावी तैयारियों की बजाए यादवों को एकजुट करने में ही उलझाए रखना चाहती है क्योंकि आने वाले चुनाव में बीजेपी को इसका लाभ मिल सकता है।

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English summary
Shivpal-DP Yadav will increase Akhilesh's tension before general elections
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