अच्छा चलता हूं दुआओं में याद रखना.. अब सपा को मुलायम की जरूरत नहीं!
समाजवादी पार्टी को बनाने वाले मुलायम सिंह यादव इस बार के चुनाव अभियान में एकांतवास में, चुनावी मैदान में मुलायम सिंह पूरी तरह से अलग-थलग
लखनऊ। हाल ही में रणवीर कपूर अभिनीत फिल्म ऐ दिल है मुश्किल सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई और उसका एक गीत अच्छा चलता हूं दुआओं में याद रखना काफी लोकप्रिय हुआ, इस फिल्म में रणवीर कपूर की प्रेमिका का दूसरे अभिनेता से विवाह होता है और रणवीर कपूर इस गीत को गुनगुनाते हैं। सिनेमाई पर्दे पर लोकप्रिय यह गीत सपा के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव पर मौजूदा स्थिति से काफी मेल खाता है। मुलायम सिंह यादव ने जिस समाजवादी पार्टी की नींव रखी और उसे प्रदेश की सबसे बड़े दल के रूप में स्थापित किया उसी दल को अब मुलायम सिंह की जरूरत नहीं है। जी हां इस बार के चुनाव प्रचार अभियान में जिस तरह से मुलायम सिंह को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है उसने मुलायम सिंह की जीवन के अंतिम पड़ाव पर पीड़ा को काफी बढ़ाकर रख दिया है।
नहीं दिखे अखिलेश-मुलायम साथ
समाजवादी पार्टी के भीतर जिस तरह से अखिलेश यादव ने खुलकर बगावत की और पार्टी की कमान अपने हाथ में ली उसके बाद परिवार के भीतर के विवाद को खत्म होने का भी संदेश देने की कोशिश की, लेकिन इस पूरी कवायद में सपा के स्टार कैंपेनर मुलायम सिंह यादव पूरी तरह से नजरअंदाज हो गए हैं। यूपी में चुनाव प्रचार अभियान की कमान अखिलेश ने अकेले अपने हाथ में ले रखी है और मुलायम सिंह यादव को अभी तक किसी भी रैली में एक साथ मंच पर नहीं देखा गया है।
2012 में मुलायम सिंह की थी अहम भूमिका
आज प्रदेश में दूसरे चरण का मतदान हो रहा है लेकिन यह पहली बार ऐसा है जब मुलायम सिंह यादव पूरे अभियान से नदारद नजर आ रहे हैं। सपा की नींव रखने वाले मुलायम सिंह यादव के लिए यह मुश्किल समय है जब वह पहली बार अपनी ही पार्टी में अलग-थलग कर दिए गए हैं। वर्ष 2012 के चुनावी परिणाम पर नजर डालें तो यहां की कुल 140 सीटों में से सपा ने 58 सीटें जीती थी, इस दौरान सपा की इस जीत के पीछे मुलायम सिंह यादव की काफी अहम भूमिका थी।
बहू के लिए कर सकते हैं प्रचार
अखिलेश यादव से खुले मंच पर बहस और झड़प के बाद मुलायम सिंह ने अभी तक सिर्फ अपने भाई शिवपाल यादव के समर्थन में रैलियां की हैं। उन्होंने शिवपाल यादव के विधानसभा क्षेत्र जसवंत नगर में जनसभा को संबोधित किया था। उन्होंने 11 फरवरी और 14 फरवरी को जसवंत नगर और इटावा में रैलियों को संबोधित किया था। माना जा रहा कि वह आज अपनी बहू अपर्णा यादव जोकि उनकी दूसरी पत्नी के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं के लिए प्रचार कर सकते हैं। अपर्णा यादव लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से इस बार सपा के टिकट पर मैदान में हैं और यहां 19 फरवरी को चुनाव होने हैं।
उम्मीदवार भी प्रचार के लिए नहीं बुला रहे
समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में मुलायम सिंह यादव का नाम सबसे उपर है लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो अभी भी मुलायम सिंह यादव की कोई रैली प्रस्तावित नहीं है। सपा में फूट के बाद मुलायम सिंह को जिस तरह से दरकिनार किया गया है वह साफ तौर पर चुनावी अभियान में देखा जा सकता है। मुरादाबाद के बिलारी से सपा उम्मीदवार मोहम्मद फहीम का कहना है कि मैंने नेताजी को रैली को संबोधित करने का न्योता नहीं दिया है, क्योंकि अब समय नहीं बचा है कि इसकी तैयारी की जा सके, उन्होंने कहा कि नेताजी की जगह मैंने अखिलेश यादव और आजम खान को प्रचार के लिए बुलाया और वह लोगों को अपनी ओर खींचने के लिए पर्याप्त हैं।
नेताजी आएंगे इस पर उम्मीदवारों को नहीं था भरोसा
मेरठ के सिवल्खास से सपा के विधायक और इस बार फिर से पार्टी के उम्मीदवार गुलाम मोहम्मद का कहना है कि इस बात पर संशय था कि नेताजी प्रचार के लिए आएंगे या नहीं, इसी के चलते मैंने उन्हें रैली में आने का न्योता नहीं दिया। मैंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रचार करने के लिए बुलाया था, मुझे अखिलेश और मुलायम में कोई अंतर नहीं दिखता है क्योंकि पार्टी की नीतियां और योजनाएं पहले जैसी ही हैं। मेरठ में 11 फरवरी को पहले चरण में ही मतदान हो चुका है।
2012 में मेरठ और मुरादाबाद में पहुंचे थे प्रचार करने
2012 में मुलायम सिंह ने मुरादाबद व मेरठ में सपा उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था और दोनों ही सीटों पर साझा रैली को संबोधित भी किया था। बरेली की बहेड़ी से सपा विधायक अताउर रहमान का कहना है कि मैंने नेताजी को रैली में आने का न्योता दिया था लेकिन वह नहीं आए। वहीं अखिलेशजी भोजीपुरा में चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए आए थे औऱ मैं उनसे वहां मिलने गया था। हालांकि हमने अपनी रैलियों में नेताजी का नाम लिया था और नेताजी की तस्वीर को अपने पोस्टर में लगाया था। रहमान का कहना है कि नेताजी पार्टी के जन्मदाता हैं और अखिलेश यादव के साथ उनका आशीर्वाद हमेशा साथ है।
पार्टी नेता कर रहे हैं बचाव
मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार प्रमोद त्यागी का कहना है कि मैंने अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव दोनों को प्रचार के लिए बुलाया था लेकिन मुलायम सिंह नहीं आए। नेताजी और अखिलेश बड़े नेता हैं और मुस्लिम मतदाता दोनों ही नेताओं को पसंद करते हैं। वहीं इस सपा के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर का कहना है कि नेताजी पूरे चुनाव अभियान पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और वह अपनी राय पार्टी को देते रहते हैं। उनका आशीर्वाद अखिलेश यादव के साथ है और वह चाहते हैं कि उनका बेटा ही प्रदेश की मुख्यमंत्री बनें।