अखिलेश ने मानी हार, भाजपा को OBC या दलित सीएम बनाना चाहिए- साक्षी महाराज
साक्षी महाराज ने कहा कि अखिलेश यादव ने मान ली है अपनी हार, एक तरफ बेचारा मोदी और दूसरी तरफ सारे विरोधी उनके खिलाफ
लखनऊ। भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने यूपी चुनाव के रुझानों के सामने आने के बाद कहा कि मुमकिन है कि जिस तरह से प्रदेश की जनता ने भाजपा को अपना साथ दिया है मुमकिन है कि विपक्ष में भी सपा-बसपा और कांग्रेस को जगह नहीं मिले। गायत्री प्रजापति ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार में विपक्ष में भी दूसरे दलों को जगह नहीं मिली उसी तर्ज पर मुमकिन है कि यूपी में भी विपक्ष में अन्य दलों को बैठने का मौका नहीं मिले।
अखिलेश ने अपनी हार मान ली है
साक्षी महाराज ने कहा कि जब एक्स्प्रेस वे और मेट्रो का काम पूरा नहीं था लेकिन इसके बाद भी अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन किया, उसी से साफ हो गया था कि उन्होंने इस चुनाव से पहले ही अपनी हार मान ली थी। उन्होंने कहा कि दूसरा मौका तब जब अखिलेश ने अपनी हार मानी वह कांग्रेस के साथ गठबंधन था, अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके उन्होने अपनी हार को स्वीकार कर लिया है।
क्या मायावती हत्यारों को भूल गई
साक्षी ने कहा कि तीसरा मौका तब था जब अखिलेश ने अपनी हार को स्वीकार किया जब उन्होंने एग्जिट पोल के आने के बाद मायावती के साथ जाने का बयान दिया। मायावती के साथ अखिलेश यादव ने जिस तरह से गठबंधन के संकेत दिए उसपर हमला बोलते हुए साक्षी महाराज ने कहा कि अखिलेश ने बुआ के साथ जाने की बात कही, आपके पिता मुलायम और आपने वीआईपी कांड किया था क्या उसके लिए आप मायावती, दलित व देश की महिलाओं से माफी मागेंगे, अगर भाजपा नहीं होती तो क्या मायावती जिंदा होती आज। अब तो मायावती ने भी कहा है कि वह सपा के साथ गठबंधन कर सकती हैं तो क्या वह हत्यारों के साथ चली जाएंगी।
दलित ओबीसी का होना चाहिए सीएम
साक्षी महाराज ने कहा कि तमाम दल एक दूसरे के साथ मिल रहे हैं, एक तरफ सारी दुनिया और दूसरी तरफ बेचारा मोदी। उन्होंने कहा कि हम चार राज्यों में सरकार बनाने जा रहे हैं। वहीं प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के बारे में साक्षी महाराज ने कहा कि मेरे विचार से भाजपा को दलित या ओबीसी में से किसी चेहरे पर विचार करना चाहिए।
शुरुआती रुझान में भाजपा को पूर्ण बहुमत
आपको बता दें कि शुरआती रुझान में भाजपा पूर्ण बहुमत की ओर जाती दिख रही है, पार्टी को 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल हो रही है, वहीं बसपा तीसरे पायदान पर खिसकती नजर आ रही है। जबकि सबसे बड़ा झटका सपा और कांग्रेस के गठबंधन को 100 सीटे भी हासिल नहीं आती दिख रही है।