UP में स्मार्ट मीटर को लेकर नियामक आयोग ने UPPCL से 7 दिन के भीतर मांगी रिपोर्ट, जानिए क्या है पूरा मामला
लखनऊ, 31 अगस्त: उत्तर प्रदेश में हाई-टेक स्मार्ट मीटर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उपभक्ताओं की तरफ से लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए सरकार ने इसपर अंतिम फैसला लेने का मूड बना लिया है। इसको लेकर बिजली नियामक आयोग ने यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) को हाई-टेक स्मार्ट मीटर के बारे में ताजा शिकायतों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। दरअसल यूपी के कई शहरों में ये मीटर बड़ी तेजी से लगाए जा रहे हैं लेकिन पहले से लगे इन मीटरों में काफी शिकायतें आ रही हैं जिसको लेकर ये कदम उठाया गया है।
UPERC ने सात दिन के भीतर मांगी रिपोर्ट
यूपी विद्युत नियामक आयोग (UPERC) ने मंगलवार को इस संबंध में UPPCL के प्रबंध निदेशक को एक पत्र लिखकर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट जमा करने को कहा ताकि आयोग उपभोक्ताओं के व्यापक हित में जल्द निर्णय ले सके। आयोग ने यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा द्वारा मंगलवार को लिखित शिकायत के बाद कार्रवाई की। शिकायत में, उन्होंने कहा कि यूपीपीसीएल ने न केवल दो साल बाद एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के बिना गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को दूर किए बिना 4-जी स्मार्ट मीटर की स्थापना फिर से शुरू की थी, बल्कि कई स्मार्ट मीटर भी खराब पाए गए थे। परीक्षण।
कई जिलों में कराया गया था मीटरों का परीक्षण
लखनऊ डिस्कॉम की परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में लखनऊ, बाराबंकी और बरेली में परीक्षण किए गए 1911 स्मार्ट मीटरों में से 84 तेजी से चल रहे थे जबकि 6 काफी धीमे थे। नियम किसी कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की अनुमति देते हैं यदि उसके द्वारा आपूर्ति किए गए 1.5% से अधिक मीटर खराब पाए जाते हैं। इस मामले में, प्रतिशत 4.7% जितना अधिक है। वर्मा ने मीटर की आपूर्ति करने वाले ईईएसएल को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।
यूपी में 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की चल रही कवायद
इसको लेकर ताजा विवाद तब खड़ा हो गया जब यूपीपीसीएल ने आने वाले महीनों में पूरे राज्य में 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का काम फिर से शुरू कर दिया है। दो साल बाद काम फिर से शुरू हुआ जब हजारों स्मार्ट मीटर खराब हो गए और कई शहरों में उपभोक्ताओं को घंटों बिजली के बिना अपने आप काट दिया गया। हालांकि निगम ने केस्को के साथ काम फिर से शुरू कर दिया है, फिर भी कुछ मीटरों में रिपोर्ट की गई कार्यात्मक समस्याओं पर ईईएसएल से जवाब मिलना बाकी है।
समस्याओं को लेकर केवल हो रही खानापूर्ति
दरअसल इसी साल 26 जून को ईएसएसएल के निदेशक को लिखे पत्र में, यूपीपीसीएल के निदेशक (वाणिज्यिक), अमित कुमार श्रीवास्तव ने कहा है कि उनके कार्यकाल के दौरान बीएसआई-प्रमाणित मीटरों में कुछ समस्याओं का पता चला था। 18 अगस्त को ईएसएसएल को लिखे एक रिमाइंडर पत्र में श्रीवास्तव ने कहा है कि हमने ईईएसएल से अनुरोध किया था कि वह हमें रिपोर्ट उपलब्ध कराए लेकिन वांछित कार्रवाई अभी भी प्रतीक्षित है। हालांकि यूपीईआरसी ने भी मंगलवार को यूपीपीसीएल को भेजे अपने पत्र में इसका संज्ञान लिया।
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