बेटी पैदा होने की खुशी में खिल उठा परिवार, फूलों से सजाए गए रास्ते, उड़ा अबीर गुलाल
देवरिया। घर के बाहर, गुलाब और गेंद के फूलों की पंखुडि़यां बिछाई गईं। गुब्बारे लगाए गए, फूलमालाएं और जोरदार आतिशबाजी के साथ हर चेहरे पर मुस्कान दिखी। ये सारी तैयारियां की गई घर में बेटी के जन्म पर। यह प्रेरणादायी मामला है उत्तर प्रदेश के देवरिया, जहां हेड कॉन्स्टेबल कृष्णकांत मिश्र ने घर में पोती के जन्म पर पूरे स्टाफ को मिठाई खिलाई और उनकी बहू अस्पताल से नवजात को लेकर घर आईं तो दुल्हन की तरह पूरे घर को बेटी के स्वागत में सजा दिया गया।
चल रही हैं सार्वजनिक भोज की तैयारियां
हेड कॉन्स्टेबल कृष्णकांत के बेटे जितेंद्र, बहू मधु और नवजात पोती शनिवार को जब घर पहुंचे तो उनका शानदार स्वागत किया। कृष्णकांत मिश्र के बेटे को पहली संतान पुत्री के रूप में हुई है, इसलिए वह बड़े खुश हैं और बहू तथा पोती के अस्पताल से घर आते ही सार्वजनिक भोज की तैयारियां भी शुरू हो गईं। कृष्णाकांत देवरिया जिले के बिजापुर झंगटौर में रहते हैं। कृष्णकांत मिश्र का परिवार अन्य परिवारों से थोड़ा अलग है। उनकी सात बहनें हैं और तीन बेटियां हैं। सभी बहनों और एक बेटी की शादी वह कर चुके हैं और उनकी दो बेटियों की शादी बाकी है।
फूलो से सजी कार में नवजात को घर लाया गया
कृष्णकांत मिश्र को जब पता चला कि उनके घर में पोती हुई है तो वह पिछड़ी सोच वाले लोगों की तरह दुखी नहीं हुए, बल्कि खुशी से झूम उठे और मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। इसके अस्पताल पहुंचे और मिठाइयां बांटीं। नवजात के चाचा विपिन और भाई सत्यम ने स्वागत की तैयारियां कीं। नवजात को घर लाने के लिए कार को दुल्हन की तरह सजाया गया।
लक्ष्मी स्वरूप मानकर उतारी गई आरती
नवजात बच्ची को लेकर जब बहू मधु घर पहुंची तो गुब्बारों और फूर्ला से सजा तोरणद्वार देखकर उनकी खुशी दोगुनी हो गई। इतना हीह नहीं, घर से 50 मीटर की दूरी तक गुलाब और गेंदा के फूलों को बिछाया गया। घर में कमरे से मेन गेट तक रंगोली बनाई गई। बच्ची के लिए जो बिस्तर लगाया गया, उस पर गुलाम के फूल और नोट बिछाए गए। मंगल गान के साथ अबीर गुलाल भी उड़ाया गया। इसके बाद घर की बुजुर्ग औरतों ने बिटिया को लक्ष्मी स्वरूप मानकर उसकी आरती उतारी।