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सपा के बगावती नेता यूपी के रण में अखिलेश के लिए बनेंगे बड़ी चुनौती

समाजवादी पार्टी में जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला वह अब बागी हो रहे हैं, ये बागी नेता दूसरी पार्टी में जाकर पार्टी के लिए मुश्किल का सबब बन सकते हैं।

By Ankur
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी में दो फाड़ होने के बाद अब जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला वह अपने बगावती सुर दिखाने लगे हैं। तमाम नेता जो पहले शिवपाल के खेमे में थे उन्हें अखिलेश यादव ने अपनी लिस्ट में जगह नहीं दी है, लिहाजा इन नेताओं ने बगावती सुर दिखाते हुए पार्टी छोड़नी शुरु कर दी है। इसमें सबसे आगे बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा हैं, जिन्हें शिवपाल यादव ने अपनी लिस्ट में जगह दी थी लेकिन अखिलेश यादव ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

बेनी का बयान यह राम-रावण का युद्ध

बेनी का बयान यह राम-रावण का युद्ध

राकेश वर्मा की जगह अखिलेश यादव ने मौजूदा मंत्री अरविंद सिंह गोप को बाराबंकी की रामनगर से टिकट दिया है। सपा में टिकट नहीं मिलने के बाद माना जा रहा है कि राकेश वर्मा अब भाजपा के टिकट पर मैदान में उतर सकते हैं। हाल ही में बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा था कि यह लड़ाई राम और रावण के बीच की है और वह राम की मदद से रावण को चुनाव में हराएंगे।

बगावती के लिए ओवैसी हैं विकल्प

बगावती के लिए ओवैसी हैं विकल्प

वहीं जो दूसरे नेता सपा से विमुख हुए हैं वह हैं मौजूदा विधायक विजय मिश्रा, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने धमकी दी है कि वह सपा के कई नेताओं की पोल-खोल करेंगे। विजय मिश्रा ने कहा कि वह इस चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा शफीकुर रहमान वर्क ने भी सपा को नमस्ते कह दिया है और उन्होंने ओवैसी की पार्टी एएमआईएम में शामिल होने का फैसला लिया है। शफिकुर रहमान के पोते जिआउर रहमान को सपा में टिकट नहीं मिलने के चलते शफिकुर ने दल बदल का फैसला लिया है।

बहनजी के साथ भी सपा के दिग्गज

बहनजी के साथ भी सपा के दिग्गज

आपको बता दें कि दो दिन पहले प्रदेश में पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने भी सपा छोड़ने का ऐलान किया था और उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया था। उनके अलावा तीन और सपा विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है, जिसमें रामवीर सिंह, रामपाल यादव, आशीष यादव शामिल हैं, इन सभी नेताओं ने सपा छोड़ लोकदल में शामिल होने का फैसला लिया है। सपा छोड़ने के बाद अंबिका चौधरी ने कहा कि अगर वरिष्ठ नेताओं के साथ बुरा व्यवहार किया जाए तो नेता पार्टी छोड़ेंगे ही, लेकिन जबतक नए नेता को अपनी गलती का एहसास होगा तबतक काफी देर हो चुकी होगी।

कई मंत्रियों का भी टिकट कटा

कई मंत्रियों का भी टिकट कटा

अखिलेश यादव ने मौजूदा मंत्री शादाब फातिमा, नारद राय का भी टिकट काट दिया है और माना जा रहा है कि ये दोनों नेता भी जल्द बसपा में शामिल हो सकते हैं। इनके अलावा दो अन्य विधायक गुड्डु शर्मा और मुकेश शर्मा ने भी सपा छोड़ आरएलडी का हाथ थाम लिया है, इन नेताओं को भी टिकट नहीं दिया गया है। हालांकि सपा विधायक कुलदीप सिंह भाजपा से टिकट हासिल करने में सफल हुए हैं।

मुलायम ने टेके घुटने

मुलायम ने टेके घुटने

वहीं जब 50 से अधिक नेता जिन्हें टिकट नहीं दिया गया है, मुलायम सिंह यादव से मिलने के लिए पहुंचे तो मुलायम सिंह ने इस मामले में इन नेताओं से अफसोस जताया और कुछ भी कर पाने में असमर्थता जाहिर की। एक नेता का कहना है कि मुलायम सिंह उनके करीबी और वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी से दुखी हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद सपा 42 उम्मीदवारों का टिकट रद्द कर सकती है। प्रदेश सपा अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि उम्मीदवारों की ताजा लिस्ट जल्द ही जारी की जाएगी। सूत्रों की मानें तो जिन लोगों का टिकट काटा गया है वह या तो दूसरे दल में जाएंगे या फिर वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में सपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ये नेता ना सिर्फ पार्टी से दूर जाएंगे बल्कि अपने समर्थकों को भी अपने साथ ले जाएंगे, ऐसे में चुनावी मैदान में सपा के लिए यह मुश्किल का सबब बन सकती है।

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English summary
Rebel candidates who are denied ticket in Samajwadi party may prove tough. All the leader who are denied ticket may prove costly for the party
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