खत लिखकर स्टेशन को उड़ाने की दी धमकी, लेकिन कर बैठा ये गलती और चढ़ गया पुलिस के हत्थे
सहारनपुर। रेलवे स्टेशन अधीक्षक को धमकी भरा खत भेजकर 1 करोड़ रुपए मांगे जाने के मामले का जीआरपी ने शनिवार को खुलासा कर दिया है। इस मामले में जीआरपी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरा ताना-बाना एक मदरसे के मौलवी को फंसाने व उस से ली गई रकम को ना लौटाने के लिए ही बुना गया था। लेकिन एक जरा सी चूक के कारण पूरे प्लान का भंडाफोड़ हो गया।
जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिसोदिया ने बताया कि 7 सितंबर को स्टेशन अधीक्षक शिवपाल सिंह को एक धमकी भरा खत मिला था। जिसमें एक करोड़ रुपया नहीं दिए जाने पर खतौली जैसी रेल दुर्घटना को हरिद्वार रेल मार्ग पर भी दोहराने की धमकी दी गई थी। साथ ही रकम नहीं मिलने पर खत लिखने वाले ने रेलवे स्टेशन को भी बम से उड़ाने और स्टेशन अधीक्षक के परिवार को खत्म करने की भी धमकी दी थी।
खत के साथ देहात कोतवाली के गांव कोलकी रांघड निवासी तासीन के बैंक खाते का नंबर और उसकी आईडी भी संलग्न की गई थी। रकम भी इसी खाते में डलवाने को कहा गया था। पुलिस जब तासीन तक पहुंची तो तासीन ने बताया कि उसे गांव कोटा निवासी असगर उर्फ छोटन पुत्र अब्दुल कलीम पर शक है क्योंकि उसने ही करीब 3 वर्ष पूर्व ग्रामीण विकास योजना के तहत मकान बनवाने का झांसा देकर उससे और उसके छोटे भाई से 50 हजार की नगदी के अलावा दोनों का आधार कार्ड, फोटो पहचान पत्र व बैंक खाते की पासबुक ली थी और इस दौरान उससे ठगी भी करता रहा है। मगर मकान बनवा कर नहीं दिया है।
पुलिस असगर तक पहुंच गई और जब असगर से पूछताछ की गई तो पूरा मामला खुल गया। आरोपी असगर ने बताया कि उसने अपने साथी दीपक निवासी गांव इस्माइलपुर घसोती थाना कांधला जनपद शामली को शेखपुरा कदीम स्थित मस्जिद में ले जाकर उससे यह खत लिखवाया था। उसका मकसद था कि यह खत भेज कर तासीन को फसा देंगे, ताकि उसकी ली गई रकम वापस ना करनी पड़े। तासीन उस पर दबाव बना रहा था। इसी से परेशान होकर उसने योजना का ताना-बाना बुन अपने साथी के साथ मिलकर अंजाम दिया। इंस्पेक्टर ने बताया कि दूसरे आरोपी दीपक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।