मोदी के सर्वे ने उड़ाई यूपी के विधायकों की नींद, लोकल मुद्दों को लेकर लोग बीजेपी से नाराज
मोदी के सर्वे ने उड़ाई यूपी के विधायकों की नींद, लोकल मुद्दों को लेकर लोग बीजेपी से नाराज
लखनऊ, 29 अगस्त। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने बीजेपी के विधायकों का फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी यूपी के विधायकों के कामकाज का फीडबैक नमो ऐप के जरिए ले रहे हैं, लेकिन बीजेपी के सूत्र बता रहे हैं की ऐप के जरिए विधायकों को लेकर जो फीडबैक आ रहा है वह संतोषजनक नहीं है। नमो एप के जरिए जनता जो फीडबैक दे रही है उससे बीजेपी विधायकों की नींद उड़ी हुई है। सूत्रों का दावा है कि सर्वे की रिपोर्ट आने के के बाद बीजेपी के करीब 50 विधायकों का टिकट कट सकता है।
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपने विधायकों के कामकाज का सर्वे करा रही है। इस सर्वे के माध्यम से बीजेपी लोगों से यह अपील कर रही है कि लोग अपने स्थानीय विधायक के काम का फीडबैक पीएम मोदी से साझा कर सकते हैं। सर्वे में यह सवाल जनता से पूछा जा रहा है कि वो अपने विधायक के कामकाज से संतुष्ट हैं या नहीं।
नमो
ऐप
के
सर्वे
से
विधायकों
में
मची
खलबली
भाजपा
के
एक
प्रदेश
महासचिव
कहते
हैं,
नमो
ऐप
के
जरिए
जो
फीडबैक
पीएम
के
पास
जा
रही
है
उससे
वर्तमान
विधायकों
के
बीच
अफरा
तफरी
मची
हुई
है।
अब
इन्हें
डर
सता
रहा
है
कि
कहीं
इनका
टिकट
न
काट
जाए।
चुनाव
से
पहले
वैसे
भी
एक
विधानसभा
के
भीतर
कई
दावेदार
सामने
आ
रहे
हैं,
लेकिन
कई
विधानसभाएं
ऐसी
हैं
जहां
का
फीडबैक
तो
काफी
खराब
है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता बताते हैं कि सर्वे रिपोर्ट में ज्यादातर लोग स्थानीय मुद्दों को अपनी पसंद बताकर विधायकों के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लोकल मुद्दों में बिजली, पानी और सड़क के अलावा जो भी बुनियादी सुविधाएं होती हैं, उसी पर लोग फोकस करते हैं और उन्हीं सुविधाओं को आधार बनाकर लोग अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों की जगह लोग स्थानीय मुद्दों को ही तरजीह देते हैं।
कई
स्तर
पर
तैयार
हो
रही
विधायकों
की
रिपोर्ट
बीजेपी
के
एक
विधायक
भी
इस
बात
को
स्वीकार
करते
हुए
कहते
हैं
कि
सर्वे
को
लेकर
विधायकों
में
खासी
बेचैनी
देखी
जा
सकती
है।
कई
विधायक
तो
रिपोर्ट
आने
से
पहले
ही
यह
मान
चुके
हैं
कि
इस
बार
उनका
टिकट
काटना
तय
है।
असल
में
आप
इसमें
कुछ
कर
भी
नहीं
सकते।
नमो
ऐप
के
जरिए
फीडबैक
सीधे
पीएम
के
पास
पहुंच
रही
है
और
जाहिर
सी
बात
है
कि
जब
टिकट
के
वितरण
का
समय
आएगा
तो
विधायकों
के
कामकाज
की
रिपोर्ट
भी
सामने
रखी
जायेगी।
बीजेपी के विधायक कहते हैं कि ऐसा भी नहीं है की सर्वे सिर्फ नमो ऐप के जरिए ही हो रहा है। RSS का विधानसभावार सर्वे अलग हो रहा है, जिले के प्रभारी अपने स्तर से सभी विधानसभा की रिपोर्ट अलग से तैयार कर रहे हैं। इन सभी रिपोर्ट को सामने रखकर ही विधायक के कामकाज का असेसमेंट किया जाएगा।
UP
के
मंत्रियों
के
कामकाज
पर
भी
नजर
उत्तर
प्रदेश
में
अगले
साल
होने
वाले
विधानसभा
चुनाव
को
लेकर
विधायकों
के
साथ
ही
मंत्रियों
के
कामकाज
पर
भी
बीजेपी
आला
कमान
और
संघ
की
नजर
बनी
हुई
है।
उत्तर
प्रदेश
के
कई
मंत्रियों
पर
भी
तलवार
लटकी
हुई
है।
पिछले
दिनों
लखनऊ
में
जब
बी
एल
संतोष
और
अत्तर
प्रदेश
के
प्रभारी
राधामोहन
सिंह
ने
अलग
अलग
मंत्रियों
के
साथ
बैठक
की
थी
तब
उन्हें
सख्त
हिदायत
दी
गई
थी
कि
समय
रहते
वो
अपने
कामकाज
को
ठीक
करें।
जनता
के
बीच
मंत्रियों
के
कामकाज
को
लेकर
नाराजगी
ज्यादा
है,
लिहाजा
समय
रहते
मामला
नहीं
संभला
तो
चुनाव
से
पहले
गाज
गिरना
तय
है।
टिकट
के
दावेदारों
को
स्वतंत्रदेव
ने
दी
थी
चेतावनी
उत्तर
प्रदेश
में
विधानसभा
सत्र
की
शुरूवात
के
दौरान
भी
लखनऊ
के
लोकभावन
में
यूपी
के
सभी
विधायकों
को
डिनर
दिया
गया
था।
इस
डिनर
पार्टी
में
भी
बीजेपी
के
यूपी
चीफ
ने
सख्त
हिदायत
दी
थी
कि
ऐसा
देखने
में
आ
रहा
है
की
कई
लोग
अपनी
विधानसभाओं
में
टिकट
की
दावेदारी
को
लेकर
पोस्टर
लगा
रहे
हैं।
पार्टी
इस
तरह
के
काम
को
बिलकुल
स्वीकार
नहीं
करेगी।
ये
विधानसभा
में
टिकट
के
कई
दावेदार
सामने
आ
रहे
हैं।
टिकट
मांगना
गलत
नहीं
है
लेकिन
जो
तरीका
कुछ
लोग
अपना
रहे
हैं
वो
गलत
है।
पार्टी
के
नियम
के
तहत
ही
सबको
अपनी
दावेदारी
पेश
करनी
चाहिए।