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UP में नए मोर्चे की आहट हुई तेज, सपा भाजपा को कुछ यूं टक्कर देने की तैयारी में शिवपाल

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लखनऊ, 01 सितंबर: लोकसभा चुनाव 2024 में होने है, लेकिन उससे पहले उत्तर प्रदेश की सियासत में नए मोर्चे की आहट तेजी से शुरू हो गई। हालांकि, यह नया मोर्चे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सियासत में कितना असर डालेगा, यह तो आने वाले समय ही बताएंगा। लेकिन इस नए मोर्चे का नेतृत्व सूबे के दो कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव और डीपी यादव करेंगे। दोनों नेता यादव बिरादरी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी से अलग-थलग पड़े नेताओं को अपने साथ एक मंच पर लाने का काम करेंगे।

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Shivpal Yadav और DP Yadav का Uttar Pradesh में क्या है नया mission | वनइंडिया हिंदी | *News
250 नेताओं को भेजा बुलावा

250 नेताओं को भेजा बुलावा

प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव और डीपी यादव ने इस नए मोर्चे को सामाजिक एकजुटता का नाम दिया है। लेकिन इस नए मोर्चे से दोनों ही नेता अपनी-अपनी सियासी ताकत को बढ़ाने का काम करेंगे। इस नए मोर्चे में शामिल होने के लिए प्रदेश भर के करीब 250 से ज्यादा यादव नेताओं को बुलावा भेज गया है। वहीं, राजनीतिक जानकारों का ऐसा मानना है कि यह नया मोर्चा समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को आने वाले चुनावों में यूपी के अंदर झटका दे सकता है। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है इस बारे में अभी कहना थोड़ा मुश्किल होगा।

शिवपाल ने बनाई ये रणनीति

शिवपाल ने बनाई ये रणनीति

कभी मुलायम सिंह यादव के खास रहे डीपी यादव ने राष्ट्रीय परिवर्तन दल के नाम से नई पार्टी बनाई ली थी। तो वहीं, खुद शिवपाल सिंह यादव ने भी सपा से अलग होने के बाद प्रसपा (लोहिसा) के नाम से नए दल का गठना किया था। लेकिन अब उन्होंने यादव बिरादरी को एक मंच पर लाने के लिए नई रणनीति बनाई है। दरअसल, प्रदेश में यादव वोट बैंक करीब 12 फीसदी के आसपास है। इस वोट बैंक को मुलायम सिंह यादव ने सपा के झंडे तले गोलबंद किया था। लेकिन अब वक्त बदला गया है और सियासत ने भी अपनी करवट बदल ली।

अलग-थलग पड़े है यादव नेता

अलग-थलग पड़े है यादव नेता

मुलायम सिंह बीमार हैं और उनकी पीढ़ी के तमाम यादव नेता अलग-थलग हैं। ज्यादातर सपा में तो कुछ भाजपा की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ तमाशबीन बने हैं। ऐसे में इन नेताओं को शिवपाल यादव ने गोलबंद करने की रणनीति बनाई है। वह यदुकुल पुनर्जागरण मिशन के तहत इन्हें एक मंच पर लाने की कोशिश में हैं। इसलिए आज यानी गुरुवार 01 सितंबर को राजधानी लखनऊ में डीपी यादव, बालेश्वर यादव, सुखराम यादव, मुलायम सिंह के समधी हरिओम यादव सहित तमाम पूर्व सांसद व पूर्व विधायक इकट्ठा होंगे।

यादवों की यह गोलबंदी 2023 के मद्देनजर

यादवों की यह गोलबंदी 2023 के मद्देनजर

यादव बिरादरी की यह गोलबंदी 2024 में होने लोकसभा चुनाव को देखते हुए की जा रही है। यह गोलबंदी भाजपा की ओर यादवों के बढ़ते कदम को रोकेगी तो सपा के मूल वोट बैंक में सेंधमारी होना तय है। ऐसे में देखना यह होगा कि यह मिशन कितना कारगर साबित होता है। हालांकि, पश्चिमी यूपी के वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार चौहान ने बताया कि यह गठबंधन समाजवादी पार्टी को तो नुक्सान पहुंचा सकता है, लेकिन भाजपा पर इसका असर कम ही देखने को मिलेगा। अगर बात पश्चिमी यूपी की करें तो यहां केवल यह मोर्चा मुश्किल पैदा कर सकता है। लेकिन भाजपा को वोट नहीं कटेगा। भाजपा का वोटर्स भाजपा को ही वोट देगा।

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English summary
Mission 2024: Shivpal Singh Yadav Yadav Community DP Yadav SP BJP
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