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दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती है शहीद की बहू, BJP नेता ने दिया 11 हजार का चेक

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शाहजहांपुर। यूपी के शाहजहांपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह के मौके पर शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान बीजेपी के पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयान्नद सरस्वती, जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह, एसपी केबी सिंह कार्यक्रम में मौजूद रहे। शहीदों का सम्मान करते हुए स्वामी चिन्मयान्नद ने शहीद ठाकुर रोशन सिंह की पुत्र वधु को 11 हजार का चेक दिया। वहीं जब शहीद ठाकुर रोशन सिंह की पुत्र वधु से चेक मिलने के बाद पूछा तो उनका कहना था कि हम दूसरे के घरो मे बर्तन धोते है। उनका बेटा 35 सौ रुपए पर नौकरी करता है। इस चेक से वह संतुष्ट तो है लेकिन जो सम्मान उन्हे मिलना चाहिए था वो क्यों नही मिला।

स्वामी चिन्मयान्नद ने दिया चेक

स्वामी चिन्मयान्नद ने दिया चेक

दरअसल कार्यक्रम में शहीदों को सम्मान देते हुए उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। इस दौरान बीजेपी के पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयान्नद ने 11 हजार रुपये का चेक शहीद ठाकुर रोशन सिंह की पुत्रवधू अर्चना सिंह को दिया। जब शहीद की पुत्र वधु को 11 हजार का चेक दिया गया तो उससे वह संतुष्ट तो दिखी लेकिन अभी भी पिछली सरकारों से लेकर मौजूदा सरकार तक से शिकायत उनके दिल में है। शहीद की पुत्रवधू अर्चना सिंह ने बताया कि वह दूसरो के घरों में जाकर बर्तन साफ करती है। उनका 17 साल का बड़ा बेटा प्रशांत सिंह 3500 रुपये पर प्राईवेट जॉब करता है। और 14 साल का छोटा बेटा नितिन सिंह पढ़ रहा है। लेकिन आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर होने के कारण स्कूल से आने के बाद वो भी दुकान पर जाता काम करने जाता है। बेटी की शादी कर चुकी है और एक बेटे की मौत हो चुकी है। यह भी पढ़ें- आठ टुकड़ों में सीआरपीएफ जवान का शव पहुंचा गांव, मचा कोहराम

पति की हो चुकी है मौत

पति की हो चुकी है मौत

अर्चना सिंह ने बताया कि उनके पति रमेश सिंह की बीमारी के चलते मौत हो गयी थी। उसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती गई। उनके पास महज दो बीघा खेती है। उनका कहना है कि कहने को तो वह शहीद ठाकुर रोशन सिंह की पुत्र वधु है लेकिन आज तक उन्हें वो सम्मान नही मिल पाया जिससे उन्हें भी गर्व हो कि हम शहीद की पुत्र वधु है। आज तक कभी भी सरकार ने उनकी मदद नहीं की। न पैसे से और ना ही किसी नौकरी से। आलम ये है कि वह दूसरे के घरों मे जाकर बर्तन धोती है और अपने परिवार को पाल रही हैं। अब एक महीने से उनका काम भी छूट गया है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई। उनका बेटा 35 सौ रुपए महीने पाता है उसी से उनका गुजर बसर हो रहा है।

क्या हम नहीं सम्मान के लायक

क्या हम नहीं सम्मान के लायक

उनका कहना है कि सरकार को मदद करनी चाहिए थी लेकिन जब बेटी की शादी की तो कुछ समाज में अच्छे लोग थे जिन्होंने आगे आकर उनकी मदद की और वह अपनी बेटी की शादी कर सकीं। उनका कहना है कि आज सबके समाने सरकार ने उनको 11 हजार रुपये का चेक दिया। वह इससे संतुष्ट तो है क्योंकि इस वक्त उनका काम छूट गया था उनके पास बिल्कुल पैसे नहीं थे। इस पैसे से उनका काम चल जाएगा। लेकिन शिकायत अभी भी है कि क्या हम सिर्फ 11 हजार रुपये के सम्मान के लायक है?

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English summary
martyr's daughter-in-law clean utensils in neighborhood, BJP leader gave 11 thousand checks
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