जानिए कौन हैं धर्मपाल सिंह जो लेंगे संगठन मंत्री सुनील बंसल की जगह
लखनऊ, 10 अगस्त: उत्तर प्रदेश में बुधवार को बड़ा फेरबदल हुआ। संगठन मंत्री सुनील बंसल के यूपी से जाने की अटकलें बहुत दिन से लग रही थीं । आखिरकार उनको यूपी के दायित्व से मुक्त कर केंद्रीय संगठन में अहम जगह प्रदान कर दी गई। उनकी जगह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के पूर्णकालिक सदस्य रहे धर्मपाल सिंह को यूपी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दरअसल धर्मपाल सिंह को भी जो लोग करीब से जानते हैं उनका कहना है कि वो यूपी की चुनौतियों से बखूबी निपटने में कामयाब होंगे और बीजेपी के लिए काफी लाभकारी साबित होंगे।
विद्यार्थी परिषद में 1990 से ही पूर्णकालिक हैं
दरअसल धर्मपाल सिंह 1990 से विद्यार्थी परिषद में पूर्णकालिक रहे। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के संयुक्त क्षेत्रीय संगठन मंत्री रहे धर्मपाल सिंह उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, ब्रज और पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री भी रह चुके हैं। इससे पहले उन्हें 2017 के विधानसभा चुनावों में संघ की ओर से बीजेपी के लिए काम किया था। इसे बाद धर्मपाल सिंह का कद बढ़ा और उन्हें जुलाई 2017 में झारखंड में भाजपा के संगठन महामंत्री की कमान सौंप दी गई।
कई चुनावों में बीजेपी के लिए अहम साबित हुए थे धर्मपाल
झारखंड में तैनात होने के बाद पहली बार उन्होंने नगर निगमों, जिला परिषदों में बीजेपी को जीत दिलाई। कहा जाता है कि धर्मपाल सिंह ने 2022 के यूपी विधानसभा, 2021 के असम विधानसभा और 2020 के बिहार चुनाव में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका अदा की थी। धर्मपाल सिंह को लाने के पीछे संगठन का मकसद ये भी है कि संगठन और सरकार में बेहतर तालमेल बना रहे। बताया जाता है कि सीएम योगी की पसंद भी धर्मपाल सिंह ही थे। धर्मपाल सिंह की ट्यूनिंग योगी से अच्छी है लिहाजा उनको यहां का प्रभार सौंपा गया।
धर्मपाल को यूपी में अपने आपको साबित करना होगा
यूपी में 2012 के बाद बदली हुई परिस्थितियों में अपने आपको साबित करने वाले सुनील बंसल के जाने के बाद अब धर्मपाल सिंह को अपने आपको साबित करना होगा। सुनील बंसल ने जिस तरह से विपरीत परिस्थितियों में आकर अपने हुनर का परिचय दिया उससे पूरी बीजेपी उनकी कायल हो गई थी। अब उनके जाने के बाद धर्मपाल सिंह के सामने संगठन और सरकार के बीच तालमेल बनाकर चलने की चुनौती रहेगी। पहले भी संगठन और सरकार के बीच खींचतान को लेकर खबरें आती रही हैं। इसलिए इस मोर्च पर धर्मपाल को सतर्क रहना होगा। सबसे बड़ी चनौती धर्मपाल के सामने नवंबर में होने वाले नगर निगम चुनाव और उसके बाद 2024 के चुनाव में यूपी में बीजेपी को जीत दिलाना है।
बसंल की जगह लेना इतना आसान भी नहीं
दरअसल विषम परिस्थितियों में 2012 के चुनावों के बाद और 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी बीजेपी में संगठन मंत्री सुनील बंसल की एंट्री हुई और उन्होंने पूरे यूपी की सियासी तस्वीर ही बदलकर रखी दी थी। उनके नेतृत्व में बीजेपी ने चार चुनावों में यूपी में बेहतरीन सफलता मिली थी। सूत्रों के मुताबिक बंसल ने शीर्ष नेतृत्व से प्रदेश छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि आलाकमान यह चाहता था कि वह 2024 के चुनाव तक यूपी में ही रुकें लेकिन उनको संगठन ने केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी।
बसंल ने कई अहम चुनावों में अपने को साबित किया
बंसल के नेतृत्व में BJP ने जीते चार अहम चुनाव महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी अब भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश से विदाई ले सकते हैं। महामंत्री संगठन सुनील बंसल को उत्तर प्रदेश में 8 साल का समय बीत चुका था। इस दौरान चार चुनाव उनके रहते भाजपा जीत चुकी है। दो लोकसभा चुनावों में पार्टी को ज्यादा सीटें दिलाने और यूपी में लगातार दो बार यूपी में बीजेपी की सरकार बनवाने में बंसल का अहम योगदान है।
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