देर रात रेस्ट हाउस पहुंचा IFS अधिकारी तो बाहर खड़ा था तेंदुआ, बताया आगे क्या हुआ?
लखनऊ, 15 मई। आप ऑफिस से घर लौटकर आएं और घर के बाहर एक तेंदुआ आपका इंतजार करता मिले। सोचकर ही डर लग रहा होगा ना लेकिन एक आईएफएस अधिकारी के साथ ऐसा ही वाकया हुआ तो उन्होंने एक खूबसूरत मुलाकात कह दिया। यूपी के बहराइच जिले में स्थित कतर्नियाघाट वन्य जीव अभ्यारण्य में जब भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के एक अधिकारी रात में वन विभाग के रेस्ट हॉउस में पहुंचे तो वहां एक तेंदुआ ने उनका स्वागत किया। तेंदुए को सामने देख अधिकारी ने उसकी तस्वीर क्लिक की और उसे शेयर करते हुए लिखा कि हम दोनों ने साथ में अच्छा समय बिताया।
IFS अफसर ने शेयर की फोटो
आईएफएस अधिकारी आकाश दीप बधावन ने तस्वीर को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा "रस्किन बांड की कहानी की तरह मैं पिछली रात इनसे फॉरेस्ट रेस्ट हॉउस में मिला और हमने एक दूसरे की कंपनी में अच्छा वक्त बिताया। कतर्नियाघाट का यह 120 साल पुराना फॉरेस्ट रेस्ट हाउस अपनी दीवारों के पीछे जंगल का बहुत सारा इतिहास समेटे हुए है।"
रेस्ट हाउस के सामने तेंदुआ
आईएफएस अधिकारी ने जो तस्वीर शेयर की है वह देखने से ऐसा लग रहा है कि गाड़ी के अंदर से ली गई है। सामने रेस्ट हाउस और उसके बाहर तेंदुआ खड़ा है जिसके ऊपर गाड़ी की लाइट पड़ रही है। अधिकारी की इस फोटो पर यूजर खूब पसंद कर रहे हैं और ढेरों कमेंट आ रहे हैं।
लोग खूब कर रहे कमेंट
एक यूजर ने लिखा "भाग्यशाली है कि आप एक कार में थे। एक अंधेरी रात में मैंने अपने गेस्टहाउस की बत्तियाँ बुझा दीं और उनमें से एक मुझ पर गुर्रा उठा। मुझे लगता है कि उसने मुझे करीब नहीं आने और अपने कमरे से बाहर निकलने की चेतावनी दी होगी। इतना अँधेरा था कि मैं देख नहीं पाई। लेकिन यह बिल्ली जिस तरह से टहल रही है उसे देखकर बहुत अच्छा लगा।"
यूजर शेयर कर रहे अनुभव
एक दूसरे यूजर ने लिखा कतर्नियाघाट में देखना (जंगल सफारी) हमेशा गजब होती है। तो एक अन्य ने लिखा "मेरी पहली रस्किन बांड स्टोरी, मुझे आज भी याद है।"
कुछ यूजर्स ने कतर्नियाघाट में रात बिताने के अपने अनुभव भी साझा किए हैं। एक ने लिखा यह अद्भुत जगह है। 2009 या 2010 में किसी समय मैं वहां गया था। सुना था कि जहां हम ठहरे थे एक दिन पहले ही वहां तेंदुए ने एक आदमी को मार डाला था। इसके अलावा बहुत सारी कहानियां कि कैसे पालतू जानवरों को उठा ले जाते हैं।
Like a Ruskin Bond story, met this one outside a Forest Rest House and we spent a good amount of time in each other’s company last night. So much wildlife history in the walls of these 120 plus years old FRH of Katarniaghat pic.twitter.com/IbIDz7pRfw
— Akash Deep Badhawan, IFS (@aakashbadhawan) May 11, 2022
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