UP: घर निर्माण के लिए अब और ज्यादा करनी होगी जेब ढीली, नक्शा पास कराने पर लगेगा अधिक 'टैक्स'
UP: घर निर्माण के लिए अब और ज्यादा करनी होगी जेब ढीली, नक्शा पास कराने पर लगेगा अधिक 'टैक्स'
लखनऊ, 17 अगस्त: अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और भवन निर्माण की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। क्योंकि, उत्तर प्रदेश के अंदर अब भवन निर्मणा करने पर आपको और अधिक ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। दरअसल, उत्तर प्रदेश कैबिनेट में यह फैसला लिया गया है कि अब कोई भी भवन निर्माण करता है तो नक्शा पास कराने के लिए 50 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से जल शुल्क लिया जाएगा।
इस फैसले को योगी कैबिनेट में दी गई मंजूरी
आवास विभाग की ओर से तैयार जल शुल्क नियमावली-2022 को उत्तर प्रदेश कैबिनेट में रखा गया था। जिसपर 16 अगस्त को योगी सरकार ने अपनी मंजूर दे दी है। हालांकि, अभी तक ऐसा उत्तर प्रदेश में कोई नियम नहीं था। लेकिन अब इस नियम को मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में भवन निर्माण करना और अधिक महंगा हो गया है।
50 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से वसूला जाएगा टैक्स
बता दें कि अगर आप दो-तीन मंजिला या बहु मंजिला बिल्डिंग का निर्माण कराते हैं तो सभी तलों और बेसमेंट को शामिल करते हुए कुल क्षेत्रफल के आधार पर प्रति मीटर 50 रुपए का जल शुल्क (टैक्स) वसूला जाएगा। यही नहीं, मौजूदा निर्मित क्षेत्र से अतिरिक्त निर्माण करने पर भी जल शुल्क देय होगा। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा है कि जल शुल्क की दरों को हर साल 01 अप्रैल से आयकर विभाग के कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स के आधार पर पुनरीक्षित किया जाएगा।
ऐसी जगह पर मिलेगी टैक्स में छूट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जलापूर्ति करने में जहां विकास प्राधिकरण असर्थ होगा, वहां पर जल शुल्क (टैक्स) में छूट दी जाएगा। यानी वहां जल शुल्क देय नहीं होगा। हालांकि, वैधता अवधि के अंदर स्वीकृति के लिए प्रस्तुत पुनरीक्षित मानचित्र जिसके लिए जल शुल्क पूर्व में भुगतान किया जा चुका है उससे शुल्क नहीं लिया जाएगा। लेकिन वैधता अवधि बढ़ाने की स्थिति में पूर्व में जमा शुल्क को समायोजित करते हुए नक्शा पास करने की तिथि से लागू दर पर शुल्क लिया जाएगा।
10 लाख पर लिया जाएगा एकमुश्त भुगतान
अगर निर्माण के दौरान अपने नक्श में जल शुल्क की धनराशि 10 लाख रुपए तक है तो उसका भुगतान एकमुश्त लिया जाएगा। हालांकि, धनराशि 10 लाख से अधिक होने पर, 10 लाख तक तो एकमुश्त और शेष को चार अर्द्धवार्षिक किस्तों में नौ प्रतिशत ब्याज के साथ लिया जाएगा। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि योजना के बाहर जल शुल्क नहीं लिया जाएगा।