कस्तूरबा आवासीय स्कूल में वार्डन के जुल्म को रो-रोकर छात्रा ने किया बयां
कन्नौज। उत्तर प्रदेश में कन्नौज जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय महिला विद्यालय में तैनात महिला वार्डन की ऐसी खौफनाक करतूत सामने आई जिसको सुनकर और देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे। विद्यालय में वार्डन पद पर तैनात सुनीता मासूम बच्चियों को न तो सही से खाना देती है और न किसी अन्य जरूरत का सामान। वार्डन ने तब निर्दयता की सारी हदें पार कर दी जब उसमें बीमार बच्चियों को दवा तक नहीं दी और जिनको दवा दी तो वो एक्सपाइरी दी। वार्डन बच्चियों पर इस कदर जुल्म करती जिसकी बानगी आप खुद देखिये कैसे बच्चियां रो-रोकर बता रही हैं। जिसके बाद मामले की जांच में मामला सही पाए जाने पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुई आरोपी वार्डन को हटा दिया।
मामला छिबरामऊ क्षेत्र में बने कस्तूरबा गांधी आवासीय महिला विद्यालय का है। यहां तैनात महिला वार्डन सुनीता का बच्चियों पर अत्याचार का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले ये वार्डन अपने दुर्व्यवहार के चलते इस विद्यालय से हटाई जा चुकी है। इसके बाद जोड़-तोड़ से फिर अपनी वापसी इसी विद्यालय में कर ली पर इस बार वार्डन ने सारी हदें पार कर दी।
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वार्डन मासूम बच्चियों से जानवरों जैसा सलूक करती है। उनको मारती-पीटती है। उनको खाना नहीं देती है और अन्य जरूरतों का सामान भी नहीं देती। बच्चियों को डायन कहकर बुलाती है। ऐसे में इस मासूम के आंसू देखकर आप भी सहम जाएंगे। ये बच्ची अपने पर हो रहे अत्याचारों को बता रही है कि वार्डन उसको डायन बोलती है और कहती है कि अपने भाई को खा गई अपने पापा को भी खा जायेगी।
वहीं जब हमने अन्य छात्राओं से बात की तो उन्होंने बताया कि वार्डन उनको दवा तक नहीं देती है और भगा देती है। कुछ छात्राओं ने बताया कि वार्डन ने उनको एक्सपाइरी दवा दे दी थी। छात्राओं ने बताया कि वार्डन उनको सही से खाना नहीं देती है और डराती-धमकाती है कि अगर किसी से कुछ कहा तो अच्छा नहीं होगा।
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मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि सुनीता नाम की वार्डन पूर्व में बच्चियों के सही व्यवहार नहीं करती थी जिसके बाद अब दोबारा इनकी ऐसी ही शिकायत हुई है। फिलहाल इनका वेतन रोका गया और सीनियर को इनकी जगह पर लगाया गया है। इसके बावजूद पूरे मामले में जांच चल रही है जिसको लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को फिर भेजा गया।
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