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यूपी में योगी सरकार ने तीसरी लहर के लिए कैसे की है तैयारी ? सबकुछ जानिए

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लखनऊ, 31 मई: कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार थमने से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की जान में जान लौट आई है। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी यूपी मॉडल को सराहा जा चुका है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इंफेक्शन को मात दे चुके हैं। इसलिए वह अब मीडिया के सामने अपने 'कामयाब' मॉडल पर खुलकर अपना पक्ष रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य या तीसरी लहर के लिए भी ऐक्शन प्लान तैयार कर लिया है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सीएम योगी ने उन सवालों के भी जवाब दिए हैं, जिसकी वजह से यूपी की कुछ असहज करने वाली तस्वीरों पर विदेशी मीडिया ने भी खूब बवाल काटा है। इसके अलावा उन्होंने इसपर भी बात की है कि नदियों में शव आगे से न बहाया जाए, इसके लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं।

कोरोना की दूसरी लहर थम चुकी है-योगी

कोरोना की दूसरी लहर थम चुकी है-योगी

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कोविड को लेकर विस्तार से बात की है। राज्य में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के बारे में उन्होंने कहा है, 'आज हमारी पॉजिटिविटी रेट 0.6 फीसदी है, जबकि रिकवरी रेट 97 फीसदी है। अब मैं कह सकता हूं कि कोरोना की दूसरी लहर थम चुकी है।' उन्होंने सोमवार से धीरे-धीरे पाबंदियां हटाने की जानकारी देते हुए कहा है कि 'अगले हफ्ते हालात काफी हद तक सामान्य हो जाएंगे।' उन्होंने बताया है कि सरकार को गांवों में वैक्सीन और टेस्टिंग दोनों को लेकर किस तरह से लोगों की हिचकिचाहट का सामना करना पड़ा है। इस स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों, आंगनवाड़ी और आशा वर्करों को सौंपी थी। सीएम ने बताया कि इसके लिए 'हम गांवों में उन लोगों के पोस्टर लगा रहे हैं जो वैक्सीन लगवा चुके हैं। हमने सभी 58,000 ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए हैं, जहां कागजी और ऑनलाइन काम के लिए कुशल लोग मौजूद हैं। '

'बिना कुछ हुए यूपी मॉडल विकसित नहीं हो सकता'

'बिना कुछ हुए यूपी मॉडल विकसित नहीं हो सकता'

जब मुख्यमंत्री से यह पूछा गया कि आरोप लग रहे हैं कि (कोविड से मौतों को लेकर) सरकारी आंकड़ों में झोल है तो उन्होंने कहा, 'जिन लोगों को तथ्यों और जमीनी हकीकत का पता ही नहीं है तो वह ऐसे ही आरोप लगाएंगे।' उन्होंने कहा कि सभी डेटा एंट्री ऑनलाइन होती है, जो कि नेशनल सर्वर से जुड़ा हुआ है। अपने दावे के पक्ष में उन्होंने बताया है कि 'यहां सिर्फ राज्य की मशीनरी ही नहीं काम कर रही है। फिल्ड में यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ जैसी एजेंसियां भी हैं और सेंट्रल एजेंसियां भी हैं। डब्ल्यूएचओ ने तो 2,000 कार्यकर्ताओं को यहां लगा रखा है। इसने डोर-टू-डोर सर्वे के यूपी मॉडल की सराहना भी की है, जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग की जा रही और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं। नीति आयोग ने भी दूसरे राज्यों से इस अपनाने को कहा है। बिना कुछ हुए इस तरह का मॉडल विकसित नहीं हो सकता।' सीएम ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के रिकवरी रेट से पता चलता है कि आंकड़ों में कोई गड़बड़ी नहीं है। उनके मुताबिक यूपी में रोजाना 3.5 से 4 लाख सैंपलों की टेस्टिंग हो रही है, जो कि देश में सबसे ज्यादा है।

'जल प्रवाह की परंपरा नई नहीं है'

'जल प्रवाह की परंपरा नई नहीं है'

जब योगी आदित्यनाथ से शवों को गंगा में बहाने और रेत में दफनाने की तस्वीरों और वीडियो को लेकर सवाल पूछे गए तो वो बोले- 'आपने ऐसे विजुअल्स 2014,2015 और 2016 और उससे पहले भी देखे होंगे, जब कोई कोविड नहीं था। भारत में हमारी नदियों के किनारे ऐसे रिवाज और परंपराएं प्राचीन काल से चली आ रही हैं। कुछ लोग मोक्ष के लिए नदियों में शवों को बहाते हैं। अगर आप संन्यासियों की परंपराओं को देखेंगे तो उनमें तीनों तरह की परंपरा मौजूद है- दाह संस्कार, दफनाने के साथ-साथ जल प्रवाह। कुछ विवाहित लोग भी ऐसी परंपरा अपनाते हैं, इनके अलावे दसनामी संप्रदाय, गिरी, पुरी समुदाय में भी यह देखी जाती है। जो लोग नदियों कि नजदीक रहते हैं वह खासकर इस तरह की प्रक्रिया अपनाते हैं।' सीएम ने कहा है कि 2014 और 2015 में भी यह मुद्दा मीडिया में सुर्खियां बन चुका है। हालांकि, उन्होंने दावा किया है कि नामामि गंगे अभियान के तहत सरकार जागरुकता अभियान भी चला चुकी है। वो बोले कि सही तरह से अंतिम संस्कार के लिए उन्होंने ग्राम पंचायतों और नगर निगमों को फंड भी दिए हैं, 'अगर कोई परिवार यह जिम्मेदारी नहीं उठा सकता तो स्थानीय निकाय इसके लिए 5,000 रुपये तक खर्च कर सकते हैं।....लेकिन दूसरी लहर के दौरान हमारी एडमिनिस्ट्रेटिव मशीनरी कोविड मैनेजमेंट में लगी रही और ऐसी घटनाएं (शवों को बहाए जाने वाले) हो गईं।' मुख्यमंत्री योगी के मुताबिक जल प्रवाह की परंपरा पहले से भी रही है, लेकिन उसके लिए शवों को भारी चीज से बांध दिया जाता था, जिससे कि वह ऊपर ना बहे। लेकिन, कोविड की वजह से ऐसी स्थिति बन गई कि गैर-कोविड मरीजों को भी शायद इस तरह से अंतिम संस्कार कर दिया गया होगा और नियमों का पालन नहीं किया गया।' उनका कहना है कि इसकी वजह यह भी रही कि पहले पूरा गांव ऐसे कार्यों के लिए जाता था, लेकिन दूसरी लहर के समय ऐसा नहीं हुआ। 'अब हमने ग्राम प्रधानों और नगर निगमों के हेड की कमिटियां बना दी हैं कि ताकि नदियों में शवों को न बहाया जाए। इसके अलावा एसडीआरएफ, पीएसी भी उन इलाकों में पेट्रोलिंग कर रही हैं।'

मौत की बात छिपायी नहीं जा सकती- सीएम

मौत की बात छिपायी नहीं जा सकती- सीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि अस्पताल किसी की मौत के आंकड़े नहीं छिपा सकते। उनकी जिम्मेदारी तय की गई है। योगी का ये भी कहना है कि अगर लोगों की मौत होगी और आंकड़े छिपाए जाएंगे तो कोई न कोई तो सामने आकर इसके खिलाफ आवाज उठाएगा? उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि कोई मर जाए और चुपचाप उसका दाह संस्कार कर दिया जाए। ऐसा हो ही नहीं सकता। पूरी व्यवस्था पारदर्शी है। शायद यूपी पहला राज्य है जहां हर अस्पताल सेंट्रल सीसीटीवी सर्विलांस के अंदर हैं। गोरखपुर के अस्पताल में क्या हो रहा है मैं अपने टैबलेट पर लखनऊ से निगरानी कर सकता हूं। हम बहुत ही रेयर ग्लोबल पैंडेमिक का सामना कर रहे हैं। लेकिन फिर भी कुछ लोग इसपर राजनीति कर रहे हैं। जनता उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी।'

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यूपी में तीसरी लहर के लिए कैसे की है तैयारी ?

यूपी में तीसरी लहर के लिए कैसे की है तैयारी ?

यूपी के सीएम ने कहा है कि उनकी सरकार कोविड की संभावित तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर चुकी है। वो खुद इसके लिए राज्य का दौरान कर चुके हैं। आदियनाथ ने कहा कि यूपी के हर जिले में पोस्ट-कोविड समस्याओं के लिए पोस्ट-कोविड वार्ड बनाए गए हैं, जहां मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। इसके साथ ही वे बोले- 'हम 100 बेड और 25 बेड पीडियाट्रिक आईसीयू भी क्रमश: मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में बना रहे हैं। इसके लिए लोगों को प्रशिक्षित करने का काम भी हमने शुरू कर दिया है।' यूपी में वैक्सीनेशन ड्राइव के बारे में उन्होंने कहा है कि अब तक करीब 2 करोड़ डोज लगाए जाए चुके हैं। '1 जून से हम 18 से 44 उम्र श्रेणी में सभी 75 जिलों में वैक्सीनेशन शुरू कर रहे हैं। 12 साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता के लिए स्पेशल बूथ बना रहे हैं। ' उनके मुताबिक ये ऐसी श्रेणी है जो काम के लिए बाहर निकलता है और इसके वायरस के संपर्क में आने की ज्यादा आशंका है और तीसरी लहर की तैयारी के लिए इन्हें टीका लगाना बहुत आवश्यक है।

English summary
The Yogi Adityanath government of UP has prepared for the third wave, from building pediatric wards and ICUs to a special vaccination drive
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