यूपी: पति-पत्नी में किसी एक को पंचायत चुनाव ड्यूटी से मिल सकती है राहत, राज्य निर्वाचन आयोग ने बताई शर्त
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आयोजन की तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग जोर-शोर से कर रहा है। चुनाव की तारीखों के ऐलान हो चुके हैं और मतदान कराने के लिए पोलिंग पार्टी बनाने की कवायद भी चल रही है। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने उप जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं। आयोग का निर्देश है कि उसकी अनुमति के बिना किसी कर्मचारी को चुनाव ड्यूटी से मुक्त नहीं किया जाएगा। अब इस संबंध में आयोग ने एक और महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है जिसमें कहा है कि अगर सरकारी नौकरी कर रहे पति-पत्नी, दोनों की चुनाव ड्यूटी लगी हो और बच्चे को संभालने की समस्या हो तो उनमें से किसी एक को राहत देने के आवेदन पर विचार किया जाएगा।
अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने जिला मजिस्ट्रेट व जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र जारी कर कहा है कि यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएसन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने अवगत कराया है कि यदि पति-पत्नी सरकारी सेवा में हैं और उन दोनों की ड्यूटी चुनाव में लगा दी जाती है तो उनके बच्चों की देखभाल का संकट दंपति के सामने रहता है जिससे उनके सामने विकट समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए यदि सरकारी नौकरी में कार्यरत पति-पत्नी दोनों में से किसी एक के द्वारा चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया जाता है तो उनके बच्चों की देखभाल को ध्यान में रखते हुए किसी एक को निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त रखने पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।
पोलिंग पार्टी बनाने में महिला कर्मी की अनिवार्यता को पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग खत्म कर चुका है। आयोग ने कहा कि अगर मतदान कराने के दौरान महिला कर्मी की जरूरत पड़ी तो सुरक्षा दस्ते में तैनात महिला सिपाहियों की मदद ली जाएगी। होली के बाद पोलिंग पार्टी बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। ऑनलाइन टूल में सभी जिलों के सरकारी कर्मचारियों की सूची होगी जिनमें से चुनाव ड्यूटी के लिए मतदान कर्मियों का चयन किया जाएगा।
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