PICs: बाजारों में चीनी आइटम्स की होली जलाकर व्यापारियों ने मनाई दिवाली
हिंदू त्योहारों के आसपास इस तरह की चर्चाएं आम हो जाती हैं। वहीं इस बार डोकलाम विवाद घर-घर पहुंच चुका है। जिसके कारण चाइनीज सामग्रियों की बिक्री पर काफी प्रभाव पड़ा है।
उन्नाव। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए व्यापारियों के उपहार और त्योहारी छूट जारी हैं लेकिन चीनी आइटम पर किसी प्रलोभन का फायदा नहीं हो रहा है। हिंदू त्योहारों के आने के पहले विभिन्न संगठनों ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए बड़े पैमाने पर जन आंदोलन चलाया है। इसके साथ ही चाइनीज आइटम की होली भी जलाई जाती है। व्यापारी भी अब चाइनीज उत्पादों को स्टोर करने में भयाक्रांत हैं। ऐसे में देशी उत्पाद की मांग बढ़ना स्वाभाविक है। एक से एक देसी झालर और झूमर मार्केट में उपलब्ध हैं। लेकिन महंगे होने के कारण आम लोगों की पहुंच से बाहर है। ज्यादा विकल्प ना होने के चलते आम लोग चाइनीज झालर खरीदने को मजबूर हैं। जो टिकाऊ तो नहीं लेकिन सस्ते जरूर है और देखने में भी आकर्षक होते हैं। ऐसे में उत्पादों के बहिष्कार का मन बनाने के बावजूद आम लोग मजबूरी में चीन में बने झालर और अन्य आकर्षक आकृति की सामग्री खरीद रहे हैं। इसके उलट पटाखा व्यापार से चीनी आइटम लगभग गायब हो चुका है। इस संबंध में बातचीत करने पर पटाखा व्यापार से जुड़े लोगों ने बताया की चीनी पटाखा मार्केट में खोजने से नहीं मिलेगा। वहीं कुछ ग्राहक बताते हैं कि चीनी उत्पादों को भारतीय बताकर बेचा जा रहा है। हिंदू त्योहारों के आसपास इस तरह की चर्चाएं आम हो जाती हैं। वहीं इस बार डोकलाम विवाद घर-घर पहुंच चुका है। जिसके कारण चाइनीज सामग्रियों की बिक्री पर काफी प्रभाव पड़ा है।
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए व्यापारी लाएं हैं तमाम योजनाएं
नोटबंदी के बाद जीएसटी ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। व्यापार में लगे एक साथ दो-दो झटकों से उभरने के लिए व्यापारी ग्राहकों के लिए तमाम योजनाएं लेकर आए हैं। किसी ने त्योहारी छूट का नाम दिया तो किसी व्यापारी ने कूपन, नगदी उपहार आदि की योजना लेकर ग्राहकों के ग्राहकों को लुभाने की कोशिश की है। मोटरसाइकिल एजेंसी ने फ्री बीमा, जीरो परसेंट पर फाइनेंस की सुविधा दे रहे हैं। इसके अलावा गिफ्ट आइटम भी दिया जा रहा है। ग्राहक भी इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए घर से निकल रहा है। धनतेरस के अवसर पर बाजार में रौनक रही। सोने, चांदी की ऊंची कीमतों के कारण धनतेरस का बाजार बर्तन और जरूरत के इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की तरफ ज्यादा रहा। इस संबंध में बातचीत करने पर सर्राफा व्यवसाई ओम गुप्ता ने बताया कि नोटबंदी के बाद जीएसटी ने व्यापार को बर्बाद कर दिया। प्रधानमंत्री जीएसटी को भारत के इतिहास का महत्वपूर्ण मोड़ बताते हैं। जबकि जीएसटी के कारण व्यापारी खून के आंसू रो रहा है। पहले जहां वेट के रूप में एक पर्सेंट का टैक्स पड़ता था। वहीं अब जीएसटी के रूप में 3 पर्सेंट देना पड़ता है। जिसके कारण व्यापार पर काफी असर पड़ा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि धनतेरस में जॉर्ज पंचम, विक्टोरिया के सिक्के और गिन्नी खरीदने का रिवाज बन गया था। जो कि अब टूटता नजर आ रहा है। अब लोगों का झुकाव बनाए गए जेवर की तरफ ज्यादा है।
थोड़ी सी लापरवाही बड़े घटना का सबब
शहर के बाहर अब्बास बाग में पटाखा व्यवसाइयों को व्यवसाय करने की अनुमति दी गई है। जबकि शहर के अंदर राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में 3 दिनों तक पटाखे का व्यवसाय करने का लाइसेंस दिया जाता है। अब्बास बाग के पटाखा व्यवसाई मोहम्मद सलीम ने बताया कि अब उनकी दुकानों में चीन के बने पटाखे नहीं मिलेंगे। उन्होंने बताया कि चीनी पटाखे प्रदूषण और स्वास्थ्य के हिसाब से काफी हानिकारक होते हैं। अग्निशमन अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि पटाखा पटाखा व्यवसाय में थोड़ी सी लापरवाही बड़े हादसे का सबब बन जाती है। इसलिए सुरक्षा उपकरणों को क्रियाशील बना दिया गया है। इसके अलावा पानी बालू की भी प्रचूर मात्रा में व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अवैध भंडारण और विक्री की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।
जागरुकता का असर चीन के बने उत्पादों पर पड़ा
चाइनीज सामग्री की बात की जाए तो बाजार रंग-बिरंगे झालर और आकर्षक झूमर, तरह तरह के डिजाइन लाइट की व्यवस्था देखने को मिलती है। इसमें तमाम झूमर देश में ही निर्मित हैं और लोगों के बीच आकर्षण का भी केंद्र रहे हैं। लेकिन चाइनीज झालर और झूमर के मुकाबले भारतीय उत्पाद की चमक फीकी पड़ जाती है। जो कहीं ना कहीं चाइनीज उत्पादों के खिलाफ अभियान चलाने वालों के लिए विचारणीय प्रश्न है। हिंदू युवा वाहिनी के धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि चीनी उत्पाद ने देश के अंदर के कुटीर उद्योगों और कुम्हारों की हालत बद से बदतर कर दी है। इसके अलावा हिंदू जागरण मंच व विश्व हिंदू परिषद ने भी चाइनीस वस्तुओं की के बहिष्कार की अपील की थी और इस दौरान कई बार चाइनीज वस्तुओं की होली भी जलाई गई। हिंदू संगठनों संगठनों द्वारा आम लोगों को इस बात की जानकारी देने का वादा जागरुक करने का प्रयास किया गया कि चीन लगातार भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है। इसलिए वहां के बने उत्पादों को प्रयोग करने से परहेज करें।
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