PICs: फेसबुक की शक्ल का बनाया पंडाल, मां दुर्गा के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़
अनोखे तरीके से सजाए गए इस पंडाल की कई और खासियत है, ये पूरा पंडाल एक नाले को ढककर बनाया गया और तो और लोगों की खातिर खास तरह का सेल्फी प्वॉइंट बनाया गया।
सुल्तानपुर। देश के अंदर दुर्गा पूजा के त्योहार में दूसरा स्थान रखने वाले जिले में इस बार हाईटेक पंडाल बनाए गए। सुल्तानपुर में मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर फैजाबाद रोड पर कूड़ेभार कस्बे में एक पंडाल इस तरह सजाया गया है कि माता रानी को फेसबुक पर आनलाइन दिखाया गया। लीग से हटकर सजे इस अनोखे पंडाल को देखने भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। अनोखे तरीके से सजाए गए इस पंडाल की कई और खासियत है, ये पूरा पंडाल एक नाले को ढककर बनाया गया है। वहीं लोगों के लिए खास सल्फी प्वॉइंट भी तैयार किया गया, इस नए तरीके से मां के दर्शन के लिए भक्त उमड़ पड़े। ये नया डिजाइन लोगों ने काफी पसंद किया।
ऑनलाइन दिखे माता के 9 रूप
फेसबुक के प्रोफाइल डिटेल के साथ बने इस पंडाल में माता की फेसबुक आईडी वॉल विराट दुर्गा पूजा समिति के नाम से है। माता के फ्रैंड लिस्ट में ब्रह्मदेव, विष्णुदेव, महादेव, श्रीकृष्ण, हनुमान जी दिखाई दे रहे हैं। कुल फ्रैंड की संख्या 2100 है, वहीं चैट पर माता के नौ रूप ऑनलाइन दिख रहे हैं। पंडाल को देखने पर ये एक लैपटॉप जैसा दिख रहा है। जिस पर माता रानी की फेसबुक आईडी की प्रोफाइल डिटेल का पेज खुला है। कवर फोटो, प्रोफाइल फोटो के साथ सारी डिटेल दिख रही है। माता द्वारा लाइव दिखने के वीडियो की जगह पंडाल का गेट है। जहां से माता रानी की मूर्ति के दर्शन किए जा रहे हैं।
डिजिटल इंडिया के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित
साथ ही पंडाल के सामने नाले को ढककर पहाड़ भी बनाया गया है और भक्तजनों की सेल्फी के लिए तिरंगे के प्रतिरूप में सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है। जिस पर सेल्फी खिंचवाने के लिए लोगों की कतार लगती है। नव बाल विराट दुर्गा पूजा पंडाल समिति के अध्यक्ष और हिन्दू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री गौरव मौर्य ने बताया कि इस पंडाल को बनाने का मकसद भक्तजनों को डिजिटल इंडिया के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना और कुछ ऐसा करना था जिससे लोगों को कुछ नयापन लगे। इसलिए भक्ति को नवीनीकरण से जोड़ने का प्रयास किया गया है।
बनाने वाले को लग रहा था डर
पंडाल को सजाने में लगे पवन जायसवाल बताते हैं कि पंडाल बनाने से पहले मुझे डर लग रहा था कि लोग नई चीजे पसंद करेंगे या नहीं लेकिन जब पंडाल तैयार हो गया तो लोगों की भीड़ ने ये साबित कर दिया कि लोगों को भी कुछ नया पसंद है। पंडाल के ढांचे को बनाने में लगे विनय विश्वकर्मा कहते हैं कि पंडाल को लैपटॉप का रूप देना और फेसबुक से एकदम मिलता जुलता बनाने में कई दिनों की मेहनत लगी। लोगों को ये पंडाल अच्छा लग रहा है तो मेहनत सफल हो गई है।
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