हैप्पी बर्थडे: 82 की उम्र में 60 के दिखते हैं दलाई लामा, पूछा राज क्या है?
तिब्बतियों के धार्मिक गुरु दलाई लामा 82 साल के हो गए हैं। उनका बर्थडे धर्मशाला में धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं दलाई लामा लद्दाख में बर्थडे मना रहे हैं।
शिमला। दुनिया भर में फैले तिब्बती व बौद्ध अनुयायी दलाई लामा के जन्म दिवस के जश्न में डूबे हैं। हलांकि दलाई लामा इस बार धर्मशाला में नहीं हैं, वह लद्दाख में हैं। वहां भी जश्न का महौल है। आज छह जुलाई को तिब्बतियों के अध्यात्मिक नेता चौदहवें दलाई लामा तेनजिन गयात्सो आज 82 साल के हो गये। तिब्बती दलाई लामा का जन्म दिवस श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मना रहे हैं। दलाई लामा की दीर्घायु की कामना के साथ प्रार्थना सभायें हो रही हैं।
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बौद्ध अनुयायी उनको मानते हैं भगवान
82 के पड़ाव पर दलाई लामा अभी भी कम उम्र के दिखते हैं। उनकी उम्र उनके विश्व शांति,आपसी भाईचारा व प्रेम सद्भाव के प्रति सर्मपित उनके अभियान के कहीं आड़े नहीं आ रही। भले ही चीन उन्हें अलगाववादी करार देता हो लेकिन दुनियाभर के बौद्ध अनुयायी उन्हें भगवान मानते हैं। उनकी शिक्षाओं व प्रवचन के लाखों लोग मुरीद हैं। वह जहां जाते हैं, वहां लोागें का जमावड़ा लग जाता है।
उनकी सेहत का राज जानने के लिए लोग उत्सुक
दलाई लामा आज भी विदेशों में निर्बाध रूप से प्रवचन देते हैं, लोगों से मिलते हैं व बौद्ध धर्म के प्रचार में उनकी प्रमुख भूमिका है। इसी तरह जब धर्मशाला में हों तो भी उनसे मिलने वालों की तादाद कम नहीं होती। दलाई लामा हमेशा हंसी ठिठोली करते दिखाई देते हैं, उनकी सेहत का राज जानने के लिये कई लोग उत्सुक रहते हैं।
रोजाना जिम करते हैं दलाई लामा
दलाई लामा के धर्मशाला कार्यालय में तैनात संयुक्त सचिव तेनजिन तखाला बताते हैं कि दलाई लामा की दिनचर्या में धार्मिक कर्मकांड के साथ वह रोजाना अपने आवास में जिम पर हाथ आजमाते हैं। अपने कार्यालय में साढ़े 12 बजे से लेकर साढ़े तीन बजे तक बैठते हैं। इससे पहले उन्हें दोपहर का भेाजन करीब साढ़े गयारह बजे दिया जाता है। आमतौर पर सात बजे के बाद ही आराम करने अपने आवास में जाते हैं। अपने धर्मशाला ठहराव के दौरान दलाई लामा कभी भी मांसाहार नहीं लेते। न ही रात्रिभोज करते हैं लेकिन करीब साढ़े पांचे बजे उन्हें चाय दी जाती है। अपने बिस्तर पर जाने से पहले दलाई लामा दो घंटे तक धार्मिक कर्मकांड व मेडिटेशन करते हैं। तखाला बताते हैं कि अगर दलाई लामा धर्मशाला से बाहर होते हैं, तो उनके शेड्यूल में कुछ बदलाव आ जाता है। उस जगह और देश के लिहाज से शेड्यूल पहले ही तय कर दिया जाता है। भारत में दलाई लामा से मिलने वालों को महीनाभर इंतजार करना पड़ता है। यही हाल विदेशों में है। उनके विदेशी दौरे करीब एक साल पहले ही तय कर लिये जाते हैं।
82 साल की उम्र में भी दिखते हैं 60 के
हाल ही में दलाई लामा ने अपने अमेरिका प्रवास के दौरान एक घटना का जिक्र करते हुये कहा कि,जब मैं अमेरिका जा रहा था तो हीथ्रो हवाई अड्डे पर किसी शख्स ने पूछा कि आपकी आयु 82 साल होने जा रही है, लेकिन वह दिखते तो साठ साल के हैं। आखिर कैसे? आपकी सेहत का राज क्या है? दलाई लामा ने भी लगे हाथ जवाब दिया कि यह मेरा सीक्रेट है। मैं आपको इसके बारे में नही बताऊंगा। बाद में स्पष्ट किया कि यह सब मेरे मस्तिष्क की शांति से ही संभव हो पाया है।
लेडी गागा के साथ इंटरव्यू में बताया था राज
लेडी गागा के साथ अपने साक्षात्कार के दौरान भी दलाई लामा ने कहा था कि वह मेडिटेशन से अपने आपको ज्यादा संतुष्ट व तंदरुस्त पाते हैं। अमेरिका में दलाई लामा ने एक सार्वजनिक समारोह में महिलाओं पर मजाकिया लहजे में कहा था कि वह अपनी बाहरी सुंदरता दिखाने के लिये प्रयासरत रहती हैं लेकिन अपनी आतंरिक सुदंरता व ह्रदय की गर्मजोशी को सामने नहीं ला पातीं।
दलाई लामा को गुस्सा क्यों आता है?
ऐसा नहीं है कि दलाई लामा को गुस्सा नहीं आता। हाल में उन्होंने माना है कि वह भी कई बार गुस्से का शिकार हो जाते हैं। दलाई लामा ने बीते साल टाइम मैगजीन को दिये एक साक्षात्कार में बताया था कि जब उनके सहायक उनके मामले में लापरवाही बरतते हैं तो उनकी आवाज भी तेज हो जाती है। दलाई लामा को उनके तिब्बती अंदोलन में अपनायी गई मध्यमार्गी नीति पर 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया। गुरुवार को दुनिया भर में दलाई लामा का जन्मदिन मनाया जा रहा है। लेकिन इस बार खुद दलाई लामा इस अवसर पर धर्मशाला में नहीं हैं। तिब्बत की निर्वासित सरकार के तमाम अधिकारी व मंत्रिमंडल के सदस्य दलाई लामा की मौजूदगी में जम्मू कश्मीर के लद्दाख में लद्दाख बुद्धिस्ट एसोशिएसन व तिब्बती समुदाय की ओर से आयोजित समारोह में शामिल हो रहे हैं। सुबह से ही यहां कार्यक्रम चल रहे हैं। सुबह आठ बजे दलाई लामा की दीर्घायु की कामना के साथ एक प्रार्थना सभा आयोजित की गई। दलाई लामा आजकल लेह लद्दाख की तीर्थयात्रा पर हैं।
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