'इस लड़ाई को कायर नहीं लड़ सकते', भाजपा में शामिल हुए आरपीएन सिंह पर कांग्रेस ने साधा निशाना
नई दिल्ली, 25 जनवरी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तरीखों की घोषणा के बाद से प्रदेश में राजनेताओं को दल बदलने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता आरपीएन सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली। चुनाव से पहले ये कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। वहीं अब आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन करने के तुरंत बाद कांग्रेस ने तीखा प्रहार किया है।
प्रियंका
गांधी
ने
आरपीएन
सिंह
को
बताया
कायर
कांग्रेस
प्रवक्ता
सुप्रिया
श्रीनेत्र
ने
संवाददाताओं
से
प्रियंका
गांधी
की
ओर
से
कहा
"कांग्रेस
पूरे
देश
में,
विशेष
रूप
से
उत्तर
प्रदेश
में
जो
लड़ाई
लड़
रही
है,
वह
सरकारी
संसाधनों,
उसकी
एजेंसियों
के
खिलाफ
लड़ाई
है।
यह
विचारधारा,
सच्चाई
की
लड़ाई
है
और
इस
तरह
की
मजबूत
लड़ाई
लड़ने
के
लिए
आपको
साहस
और
बहुत
समर्पण
के
साथ
इससे
लड़ना
होगा।
मुझे
नहीं
लगता
कि
यह
लड़ाई
कायरों
के
लिए
है।
उन्होंने
जैसा
कि
प्रियंका
गांधी
वाड्रा
ने
कहा,
इस
लड़ाई
को
लड़ने
के
लिए
आपको
अपने
पैर
की
अंगुली
पर
रहने
की
जरूरत
है,
आपको
साहस
की
जरूरत
है,
आप
कायर
नहीं
हो
सकते
हैं
और
इस
लड़ाई
को
लड़
सकते
हैं।
सिंधिया
के
भाजपा
ज्वाइन
करने
के
बाद
कांग्रेस
को
लगा
है
ये
तीसरा
झटका
बता
दें
यूपी
में
कांग्रेस
के
चुनाव
प्रचार
की
अगुवाई
सोनिया
गांधी
की
बेटी
प्रियंका
गांधी
वाड्रा
कर
रही
हैं।
जब
से
उन्होंने
2019
में
पार्टी
के
यूपी
प्रभारी
के
रूप
में
पदभार
संभाला
है,
उन्होंने
राज्य
में
तीन
बड़े
नेताओं
को
खो
दिया
है।
सबसे
पहले
ज्योतिरादित्य
सिंधिया
2019
के
राष्ट्रीय
चुनाव
में
प्रियंका
गांधी
के
साथ
यूपी
के
प्रभारी
थे,
लेकिन
मार्च
2020
में
उन्होंने
पार्टी
छोड़
दी
और
मध्य
प्रदेश
के
कई
विधायकों
को
अपने
साथ
ले
गए,
जिससे
राज्य
में
कांग्रेस
की
सरकार
गिर
गई
और
वहां
शिवराज
सिंह
चौहान
की
अगुवाई
में
भाजपा
की
सरकार
बनी।
जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली थी
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वहीं यूपी चुनाव से पहले 2021 के अंत में यूपी में पार्टी के एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरे जितिन प्रसाद ने छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। तीनों, श्री सिंधिया, श्री प्रसाद और आरपीएन सिंह, गांधी परिवार के करीबी थे और राहुल गांधी के तथाकथित आंतरिक घेरे का हिस्सा थे। सिंह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सबसे प्रमुख ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) नेताओं में से एक थे। भाजपा के लिए, सिंह और अखिलेश यादव की रिश्तेदार अपर्णा यादव की ऑनबोर्डिंग ने हाल के हफ्तों में कई पिछड़ी जाति के नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने के बाद ऑप्टिक्स को ठीक किया।
यूपी में चार चरणों में होगा चुनाव
बता दें देश पांच राज्य जहां चुनाव होने है उनमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। यूपी में 10 फरवरी से सात चरणों में मतदान होगा। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। इस चुनाव में कांग्रेस जहां अपनी खोई राजनीतिक जमीन तलाशने की कवायद कर रही है, वहीं चुनाव में भाजपा की मुख्य टक्कर समाजवादी पार्टी से मानी जा रही है।
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