मिर्जापुर: BJP जिलाध्यक्ष पर गाली-गलौज और धमकी देने का मुकदमा, कार्यकर्ता को क्यों दे रहा था धमकी?
सोशल मीडिया पर भाजपा जिलाध्यक्ष और पदाधिकारियों खिलाफ कार्यकर्ता प्रिंस सिंह को गाली और धमकी देने का ऑडियो वायरल हुआ है। कार्रवाई की मांग को लेकर प्रिंस सिंह ने कई बार एसपी को ज्ञापन दिया।
मिर्जापुर। विधानसभा चुनावी खुमारी में जहां पार्टी के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं से सामंजस्य बनाकर प्रत्याशी को जिताने की तैयारी में लगे हैं। वहीं मिर्जापुर में एक कार्यकर्ता को फोन पर गाली देने और धमकी देने पर नाराज कार्यकर्ता ने भाजपा जिलाध्यक्ष बालेंदुमणि त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जिले के पडरी थाने में भाजपा जिलाध्यक्ष के अलावा दो अन्य पदाधिकारी मनोज पांडेय और रमेश पर भी मुकदमा दर्ज कराया है।
कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल है ऑडियो
सोशल मीडिया पर भाजपा जिलाध्यक्ष और पदाधिकारियों खिलाफ कार्यकर्ता प्रिंस सिंह को गाली और धमकी देने का ऑडियो वायरल हुआ है। कार्रवाई की मांग को लेकर प्रिंस सिंह ने कई बार एसपी को ज्ञापन दिया। आरोप लगाया की मुकदमा दर्ज कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इसके बाद मिर्जापुर सेवा समिति के बैनर तले कई पार्टी पदाधिकारियों और संगठनों के प्रभारियों ने प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की।
कार्यकर्ता को गाली देने का क्या है माजरा?
भाजपा कार्यकर्ता प्रिंस सिंह के मुताबिक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के आईटी सेल के प्रभारी पद पर थे। इस समय भारतीय जनता युवा मोर्चा का संगठन भंग है। उनका कहना है कि वो भाजपा के सक्रिय सदस्य है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों नगर में चर्चा चल रही थी कि भाजपा जिलाध्यक्ष ने लोगों से पैसा लेकर स्कॉर्पियो गाड़ी ली है। इस बात को लेकर उन्होंने 14 जनवरी को भाजपा जिलाध्यक्ष को फोन कर पूछा कि लोग इस तरह की चर्चा क्यों कर रहे हैं तो भाजपा जिलाध्यक्ष बालेंद्रमणि त्रिपाठी, जिला महामंत्री रमेश दुबे और जिला कार्यसमिति के सदस्य मनोज दुबे फोन पर उन्हे गाली देकर बात करने लगे।
'पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें निकाला गया था'
भाजयुमो जिलाध्यक्ष के मुताबिक प्रिंस सिंह को पार्टी ने निकाला है। भाजपा जिलाध्यक्ष पर कार्यकर्ता प्रिंस सिंह को गाली देने के मामले में जब भाजपा जिलाध्यक्ष बालेंदुमणि से फोन कर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस संबंध में भाजयुमो के जिलाध्यक्ष प्रमोद सिंह का कहना है कि प्रिंस और एक अन्य कार्यकर्ता को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निकाल दिया गया था।
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