कैराना उपचुनाव में मुजफ्फरनगर दंगा मामला फिर हुआ जिंदा, अजीत के दांव से घबराई भाजपा!
शामली। आने वाली 28 तारीख को कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव है जिसको लेकर सभी राजनैतिक पार्टियां जोरशोर से अपने प्रचार में लगी हैं। चुनाव प्रचार की कड़ी में रालोद सुप्रीमो चौधरी अजीत सिंह ने 2013 में दंगे में प्रभावित गांवों में चुनाव प्रचार किया था जिसके बाद से बीजेपी परेशान नजर आ रही है। इस दौरे से बीजेपी को यह डर सता रहा कि कहीं चौधरी अजीत सिंह जाटों के वोटबैंक में सेंधमारी न कर लें। मुजफ्फरनगर से सांसद और बीजेपी के पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने प्रेस वार्ता की और कहा कि हम दिल्ली के नेता नहीं है। हम लोगों के बीच रहने वाले नेता हैं। बालियान बातों बातों में ये कह गए कि चौधरी साहब कहते हैं कि मुस्लिमों को वोट देने से साम्प्रदायिक सौहार्द बनेगा तो एक बात मैं भी कहना चाहता हूं, इस जनता ने पहले मुन्नवर हसन को भी वोट दी कादिर राणा को भी वोट दी और जब-जब ये लोग ताकत बनकर उभरे है तब-तब साम्प्रदायिक ताकतें बढ़ी हैं।
राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया चौधरी अजीत सिंह ने 2013 में दंगे के दौरान प्रभावित हुए गांवों में चुनाव प्रचार किया। इससे परेशान भाजपा नेता संजीव बालियान गठवाला खाप के चौधरी बलजीत सिंह को भी अपने साथ लाये थे। अजीत सिंह के गठवाला खाप के गांवों में दौरा करने से जाट वोटबैंक में सेंधमारी का डर भाजपा को है। इसी को लेकर बालियान ने अजीत सिंह पर खूब हमला बोला।
'आजम
खान
ने
कराया
दंगा'
पूर्व
मंत्री
संजीव
बालियान
ने
कहा
कि
2013
के
दंगों
के
लिए
दोषी
तो
आजम
खान
ही
थे,
ये
जनता
को
भी
पता
है।
बालियान
ने
कहा
कि
उस
दिन
जब
निर्दोष
लोगों
को
झूठे
मुकदमों
में
फंसाया
जा
रहा
था,
तब
चौधरी
अजीत
सिंह
कहां
थे।
कहा
कि
हम
दिल्ली
के
नेता
नहीं
है,
हम
लोगों
के
बीच
के
नेता
हैं,
हमें
यहीं
रहना
है।
बालियान
ने
अजीत
सिंह
पर
निशाना
साधते
हुए
कहा
कि
आप
लोगों
पर
से
मुक़दमे
हटवाने
की
बात
कह
रहे
हैं,
आपको
तो
ये
भी
नहीं
पता
कि
आगजनी
और
पुलिस
का
विरोध
करने
के
जो
मुकदमे
लोगों
पर
हुए
थे
वो
सभी
वापस
हो
चुके
हैं।
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