उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

यूपीपीसीएस 2018: हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, बीडीओ का पद नहीं होगा शामिल, जानें क्यों

Google Oneindia News

इलाहाबाद। सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2018 यानी पीसीएस को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने यूपी पीसीएस में बी.डी.ओ(ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) के खाली पदों को शामिल करने से इनकार कर दिया है। यानी जितने पदों पर पीसीएस की भर्ती हो रही थी उतने ही पदों पर भर्ती पूरी की जाएगी। पीसीएस भर्ती में पिछले कुछ सालों से खाली पड़े बी.डी.ओ के पदों को शामिल नहीं किया जाएगा। हाईकोर्ट ने अपने फैसले के दौरान यह साफ कर दिया कि इस मांग को लेकर याचिका का कोई औचित्य नहीं है। हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याची पर 25000 का हर्जाना भी लगाया है। याचिका पर जस्टिस यशवंत वर्मा की एकलपीठ ने फैसला सुनाया है।

यूपीपीसीएस 2018: हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, बी.डी.ओ का पद नहीं होगा शामिल, जानें क्यों

क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में पिछले 3 सालों से ब्लॉक डेवलपमेंट अफसर के पदों पर भर्ती नहीं हो रही है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश में बी.डी.ओ के 460 पद खाली चल रहे हैं। इन पदों पर भर्ती ना होने के कारण ब्लॉक लेवल के विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। इन्हीं कारणों के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट मे अवनीश पांडे ने याचिका दाखिल की थी और कोर्ट से मांग की थी कि पीसीएस 2018 की भर्ती में ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर के 460 पदों को जोड़ दिया जाए। इस याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिका दाखिल करने का याची के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है। उसके बावजूद उन्होंने इस तरह की याचिका दाखिल की, इससे कोर्ट का समय व्यय हो रहा है, जबकि ढेरों बड़े व महत्वपूर्ण मुकदमे पेंडिंग में चल रहे हैं। हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याची अवनीश पांडे पर 25000 का हर्जाना भी लगाया है। वहीं, याचिका खारिज होने के बाद अवनीश पांडे ने बताया कि वह स्पेशल कोर्ट में अपील करेंगे।

यूपीपीसीएस 2018: हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, बी.डी.ओ का पद नहीं होगा शामिल, जानें क्यों

हो चुकी है प्रारंभिक परीक्षा

यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा बीते 28 अक्टूबर को ही पूरी हो चुकी है। इस बार प्रारंभिक परीक्षा आईएएस की परीक्षा के तर्ज पर हुई थी और पूरे प्रदेश में कहीं भी विवाद की स्थिति सामने नहीं आई थी। जिसके चलते आयोग ने भी इस बार राहत की सांस ली है। हालांकि आयोग द्वारा पूछे गए कई प्रश्नों को लेकर अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं और विषय विशेषज्ञों द्वारा भी आयोग की त्रुटियां उजागर करने के बाद मामला हाई कोर्ट जाने संभावना से जुड़ गया है। ऐसे में आयोग ने इस भर्ती को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए वह अपने कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। यही कारण है कि 2018 की पीसीएस भर्ती को आगे बढ़ाने से पहले 2016 व 17 की पीसीएस भर्ती के रिजल्ट की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का भी काम किया जा रहा है।

यूपीपीसीएस 2018: हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, बी.डी.ओ का पद नहीं होगा शामिल, जानें क्यों

6 लाख से अधिक आए थे आवेदन

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के इतिहास में पहली बार पीसीएस परीक्षा 2018 के लिए 6 लाख से अधिक रिकॉर्ड आवेदन आए हैं। इस बार परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया है और आईएएस की तर्ज पर यह परीक्षा होनी है। हालांकि पहली बार पीसीएस के साथ संयुक्त रूप से एसीएफ/आरएफओ की प्रारंभिक परीक्षा भी कराई जा रही है। 6 अगस्त को आवेदन खत्म होने बाद आवेदनकर्ता की संख्या 6 लाख 35 हजार 844 पहुंच गई थी। फिलहाल हर भर्ती परीक्षा को लेकर विवादों से घिरा रहने वाला आयोग इस परीक्षा को कैसे बिना विवाद के निपटाएगा और कैसे अपनी धूमिल साख को वापस साफ करेगा यह देखना दिलचस्प होगा।

ये भी पढ़ें:- यूपीटीईटी 2018 : एक दिन देरी से जारी होगा आंसर की, किसी भी मदद के लिए यहां करें संपर्कये भी पढ़ें:- यूपीटीईटी 2018 : एक दिन देरी से जारी होगा आंसर की, किसी भी मदद के लिए यहां करें संपर्क

Comments
English summary
bdo seats is not add on in uppcs examination 2018 court said
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X