यूपी चुनाव में मिर्जापुर क्षेत्र में फिर अनुराग पर भारी पड़ सकती हैं अनुप्रिया!
2014 के लोकसभा चुनाव में अनुराग सिंह का मिर्जापुर सीट से टिकट कटा था। वह सीट भाजपा ने गठबंधन के साथी अपना दल की अनुप्रिया पटेल को दिया था। विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अनुराग दावेदारी ठोक रहे हैं।
मिर्जापुर।
विधानसभा
चुनाव
का
ऐलान
हो
गया
और
भाजपा
ने
अब
तक
अपने
प्रत्याशियों
की
लिस्ट
जारी
नहीं
की
है।
भाजपा
ने
2014
लोकसभा
चुनाव
में
अपना
दल
से
गठबंधन
किया
था।
भाजपा
के
मजबूत
प्रत्याशी
के
तौर
पर
मिर्जापुर
सीट
पर
अनुराग
सिंह
का
दावा
था
लेकिन
गठबंधन
होने
के
बाद
यह
सीट
वर्तमान
केंद्रीय
स्वास्थ्य
एवं
परिवार
कल्याण
मंत्री
अनुप्रिया
पटेल
को
मिल
गया।
विधानसभा
चुनाव
में
इस
बार
अनुराग
सिंह
फिर
से
दावेदारी
ठोक
रहे
हैं।
पर
इस
बार
भी
गठबंधन
धर्म
के
चक्कर
में
कहीं
अनुप्रिया
पटेल,
अनुराग
सिंह
पर
भारी
न
पड़
जायें।
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पटेल बाहुल्य होने के कारण होगी अनुप्रिया की दावेदारी
मिर्जापुर
जिले
में
चुनार
और
मडिहान
सीट
पटेल
बाहुल्य
है।
लोक
सभा
चुनाव
में
अनुप्रिया
पटेल
ने
पटेल
बाहुल्य
सीट
होने
के
कारण
ही
गठबंधन
में
भाजपा
से
मिर्जापुर
और
प्रतापगढ
की
सीट
ली
थी।
ऐसे
में
जब
तक
भाजपा
गठबंधन
की
ओर
से
सूची
नहीं
आ
जाती,
कयास
यही
लगाये
जा
रहे
हैं
कि
अनुप्रिया
पटेल
जिले
के
चुनार
व
मडिहान
विधानसभा
सीट
पर
अपने
प्रत्याशी
को
उतारने
की
दावेदारी
करेंगी।
इसमें
से
दोनों
या
एक
सीट
देना
भी
भाजपा
के
गठबंधन
धर्म
की
मजबूरी
होगी।
लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बाद जब अनुप्रिया पटेल प्रत्याशी हुयी थीं तो उन्होंने अनुराग सिंह को भाई बताते हुए उन्हें मना लेने की बात कही थी। यहां तक की राखी बांधने की भी बात कही थी। ये बात अलग है कि चुनाव जीतने के बाद गठबंधन दल का नेता होने के बाद भी कही भी अनुप्रिया पटेल और अनुराग एक साथ नहीं दिखे। इसके बाद देखना होगा कि अनुप्रिया अपने मुंहबोले भाई पर भारी पडती हैं या फिर भाजपा, अनुराग सिंह की दावेदारी पर मुहर लगाती है।
भाजपा के कद्दावर नेता ओम प्रकाश के पुत्र अनुराग सिंह, लोक सभा 2009 में मिर्जापुर से भाजपा के प्रत्याशी थे। वे भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के पुत्र है। ओमप्रकाश सिंह का चुनार विधानसभा में दबदबा है। तीन बार लगातार विधायक रहने के बाद 2012 में उन्हें सपा के जगदंबा सिंह पटेल ने हराया था। अनुराग सिंह इस सीट से अपनी दावेदारी प्रस्तुत करते हुए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। भाजपा के सहयोगी दल के रुप में अनुप्रिया पटेल का ग्राफ बढ़ा है, वह केंद्रीय राज्यमंत्री बन गयी हैं, वहीं 2009 की हार के बाद ओम प्रकाश सिंह का कद पार्टी के अंदर घटा है। Read Also: मोदी की काशी में है ऐसा भवन जहां रहकर लोग करते हैं मौत का इंतजार