BHU हॉस्पिटल पर मुर्दे का पेट चीर किडनी निकालने के आरोप, थाने में तहरीर
वाराणसी। जून महीने में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के सर सुन्दर लाल चिकित्सालय में हुए मरीजों की मौत का विवाद अभी सुलझा ही नहीं कि अब बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में मरीज के परिजनों ने उसकी मौत के बाद अस्पताल प्रशासन पर किडनी निकालने का आरोप लगा दिया है। इस मामले में मृतक के भाई ने लिखित तहरीर में इलाज कर रहे डॉक्टर सहित अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और कार्रवाई के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है तो दूसरी तरफ बीएचयू के पीआरओ ने इस बात का खंडन करते हुए कहा है कि ऐसा आरोप सिर्फ बीएचयू और उससे जुड़े हुआ संस्थानों को बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे हैं।
सड़क हादसे में इलाज के लिए लाया गया था मरीज
दरसअल 5 अक्टूबर को रात करीब आठ बजे सोनभद्र के बीजपुर एनटीपीसी अस्पताल चंद्रिका नाम के मरीज को रेफर के बाद बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया था। अपने घर से ससुराल जाते समय चंद्रिका का एक्सीडेंट हो गया था और उसके सिर व दाहिने पैर के अंगूठे में काफी चोटों आयी थीं। चंद्रिका के भाई रमेश कुमार पनिका ने आरोप लगते हुए कहा कि जब उसे परिवार के लोग अस्पताल लेकर आये तो शनिवार को उसका ऑपरेशन करने की बात कह कर इलाज शुरू कर दिया गया। हम लोगों ने दवाइयां और ऑपरेशन के सभी सामान मंगवा लिए। शनिवार की शाम ऑपरेशन किया गया और उसके बाद से मरीज से मिलने पर रोक लगा दी।
भाई ने कहा कि दूसरे दिन जब मेरे भाई चंद्रिका की हालत गंभीर हो गयी तो हमे देर रात इस बात की जानकारी दी गयी और कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गयी। जब हमने उन्हें देखा तो उनके पेट में कटे का निशान था। इस बारे में जब पूछा गया कि सर में चोट लगी तो पेट क्यों कटा गया तो कोई जबाब देने को तैयार नहीं हुआ। यही नहीं रमेश बताते है कि दूसरे दिन भी जब पूरा परिवार उनके पोस्टमॉर्टम करने की बात कर रहा था तो पूरा अस्पताल प्रशासन इस मामले में आनाकानी कर रहा था। इसके बाद हम लोगों ने 100 को सूचना देकर पुलिस को बुलवाया।
अस्पताल कुछ यूं दे रहा सफाई
वहीं इन दिनों विवादों में बने रहे बीचयू के ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉक्टर एस के माथुर ने मीडिया को बताया कि इस तरीके के आरोप ट्रॉमा सेंटर को बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे है। मरीज का ऑपरेशन पूरी ईमानदारी के साथ किया गया हैं और उनका ऑपरेशन न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर रविशंकर ने किया हैं। हमने उनसे बात की है उन्होंने बताया की रोड एक्सीडेंट में अक्सर मरीज के ब्रेन का परेशान बढ़ जाता हैं तो सर में हड्डी का कुछ हिस्सा निकाल कर उसे पेट के अंदरूनी हिस्सों में रख दिया जाता है और जब ब्रेन का प्रेशर काम हो जाता है तो उसे दोबारा से पेट से निकल कर सिर में लगाया जाता है।
क्या कह रही पुलिस
वहीं इस पूरे मामले पर ONEINDIA से बात करते हुए थाना लंका के प्रभारी संजीव मिश्रा ने बताया कि कल हमें मृतक चंद्रिका के भाई रमेश कुमार पानिक की और से तहरीर मिली है कि उसके भाई के इलाज के दौरान पेट से किडनी निकाल ली गयी है जिससे उसकी मौत हो गयी। इस जानकारी के बाद हमने मृतक के शरीर को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मंगलवार की शाम तक पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने पर सम्बंधित कार्रवाई की जाएगी।
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