गरम हो रहा UP का सियासी पारा, चुनावी यात्राओं के जरिए राजनीतिक पिच तैयार करने में जुटे सभी दल
लखनऊ, 20 सितंबर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में महज सात महीने ही बचे हैं। चुनाव जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा वैसे वैसे राजनीतिक दल अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए चुनावी यात्राएं निकाल रही हैं। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी जहां जन आशीर्वाद यात्रा निकालकर पूरे यूपी में कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में जुटी है वहीं दूसरी और समाजवादी पार्टी की तरफ से साइकिल यात्रा निकाली गई। इसके अलावा कांग्रेस की और दलित स्वाभिमान यात्रा तो आम आदमी पार्टी की तरफ से तिरंगा यात्रा के माध्यम से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की जा चुकी है।
चुनाव से पहले यूं कहें तो अगस्त का महीना चुनावी यात्राओं के नाम पर रहा वहीं सितंबर में भी कई यात्राएं निकाली जा रही हैं। जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), प्रमुख विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस जैसी पार्टियों ने इन यात्राओं के जरिए अपनी राजनीतिक पिच तैयार करना शुरू कर दिया है। आने वाले समय में यूपी का माहौल और गरमाएगा और कई नई यात्राएं भी देखने को मिलेंगी। बताया जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में जनता के बीच राज्य सरकार को लेकर काफी विरोध देखने को मिला था। कई विधायकों और मंत्रियों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अब उन खामियों पर पर्दा डालने और कार्यकर्ताओं के साथ ही जनता को भी संतुष्ट करने के लिए यह यात्रा निकाली गई। अब बीजपी इन यात्राओं का फीडबैक जुटाने में लगी हुई है।
भाजपा
ने
निकाली
3500
किलोमीटर
की
जन
आशीर्वाद
यात्रा
भाजपा
की
जन
आशीर्वाद
यात्रा
अगस्त
में
उत्तर
प्रदेश
के
विभिन्न
स्थानों
से
शुरू
हुई
थी।
यात्रा
ने
उत्तर
प्रदेश
में
तीन
दर्जन
लोकसभा
और
120
विधानसभा
क्षेत्रों
के
माध्यम
से
3,500
किमी
से
अधिक
की
दूरी
तय
की।
उत्तर
प्रदेश
में
भाजपा
की
ओर
से
निकाली
गई
जन
आशीर्वाद
यात्रा
में
उन
केंद्रीय
मंत्रियों
को
जिम्मेदारी
दी
गई
है
जिन्हें
हाल
ही
में
मंत्रिमंडल
में
शामिल
किया
गया
था।
अगले
साल
होने
वाले
विधानसभा
चुनाव
को
देखते
हुए
बीजेपी
की
यह
यात्रा
कई
मायनों
में
काफी
अहम
मानी
जा
रही
थी।
कांग्रेस
की
दलित
स्वाभिमान
यात्रा
दूसरी
ओर,
कांग्रेस
ने
उत्तर
प्रदेश
में
दलित
स्वाभिमान
यात्रा
के
माध्यम
से
उत्तर
प्रदेश
में
भाजपा
सरकार
पर
दलित
समुदाय
की
उपेक्षा
करने
का
आरोप
लगाते
हुए
यूपी
में
अपनी
यात्रा
शुरू
की।
यह
यात्रा
उस
दिन
निकाली
गई
थी
(29
अगस्त)
भीमराव
अंबेडकर
को
संविधान
मसौदा
समिति
का
अध्यक्ष
बनाया
गया
था।
दलित
परिवार
में
जन्मे,
अम्बेडकर
ने
उस
समिति
की
अध्यक्षता
की
जिसने
संविधान
का
मसौदा
तैयार
किया
और
जिसे
"भारतीय
संविधान
के
पिता"
के
रूप
में
पहचान
मिली
थी।
'कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्रा: हम वचन निभाएंगे' नाम से निकालेगी कांग्रेस
इस यात्रा का मकसद योगी सरकार की कथित वादाखिलाफी और अपने चुनावी वायदे जनता को बताना होगा। यह फैसला कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मौजूदगी में पार्टी की सलाहकार और रणनीति कमेटी ने शुक्रवार (10 सितंबर) को हुई बैठक में लिया। हालांकि आधिकारिक तौर पर तिथि जारी नहीं की गई है। पार्टी का दावा है कि यह यात्रा भाजपा सरकार के खिलाफ जनता के गुस्से को आवाज देगी और कांग्रेस के असल विकल्प होने का दावा पेश करेगी।
समाजवादी
पार्टी
की
साइकिल
यात्रा
समाजवादी
पार्टी
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
अखिलेश
यादव
ने
बाराबंकी
और
उन्नाव
से
रथ
यात्रा
की
शुरुआत
की
जिसके
बाद
5
अगस्त
को
उत्तर
प्रदेश
में
पार्टी
की
साइकिल
यात्रा
निकाली
गई।
सीतापुर
के
महमूदाबाद
से
"किसान
नौजवान
पटेल
यात्रा"
नाम
से
एक
और
यात्रा
शुरुआत
की
गई।
यात्रा
में
यूपी
इकाई
के
अध्यक्ष
नरेश
उत्तम
और
उत्तर
प्रदेश
विधानसभा
में
विपक्ष
के
नेता
राम
गोविंद
चौधरी
सहित
पार्टी
के
कई
नेताओं
ने
भाग
लिया
था।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने आरोप लगाया कि,
"प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों और उनके लाभ के प्रति पूरी तरह से उदासीन है। समाजवादी पार्टी किसानों, मजदूरों और युवाओं की पार्टी है। सरकार किसानों और उनके लाभों के प्रति पूरी तरह से उदासीन है। युवा और छोटे व्यापारी आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने के लिए तैयार हैं, जो भाजपा को जवाब देंगे।"
छाटे
दल
भी
निकाल
रहे
यात्राएं
इसी
तरह,
महान
दल,
जो
उत्तर
प्रदेश
में
समाजवादी
पार्टी
के
नेतृत्व
वाले
गठबंधन
का
हिस्सा
है,
ने
पीलीभीत
से
इटावा
तक
जन
आक्रोश
रैली
का
आयोजन
किया,
जिसमें
पार्टी
अध्यक्ष
केशव
देव
मौर्य
ने
भाजपा
पर
निशाना
साधा।
रैली
में
बोलते
हुए,
समाजवादी
पार्टी
के
महासचिव
राम
गोपाल
यादव
ने
केशव
मौर्य
को
"कलियुग
का
केशव"
कहा।
समाजवादी
पार्टी
के
एक
अन्य
सहयोगी,
जनवादी
पार्टी
(समाजवादी)
के
नेता
संजय
चौहान
ने
बलिया
से
"भाजपा
हटाओ
प्रदेश
बचाओ
यात्रा"
शुरू
की।
यात्रा
31
अगस्त
को
अयोध्या
में
समाप्त
होगी।
वहीं,
राष्ट्रीय
लोक
दल
(रालोद)
ने
पश्चिमी
उत्तर
प्रदेश
के
सहारनपुर
से
आगरा
तक
न्याय
यात्रा
(न्याय
यात्रा)
निकाली।
आम
आदमी
पार्टी
की
तिरंगा
यात्रा
उत्तर
प्रदेश
में
विधानसभा
चुनाव
2022
को
अभी
कुछ
महीने
शेष
हैं
लेकिन
राजनीतिक
पार्टियां
ने
अभी
से
अपनी
तैयारी
शुरू
कर
दी
हैं।
यूपी
की
प्रमुख
पार्टियों
के
अलावा
आम
आदमी
पार्टी
भी
इस
बार
उत्तर
प्रदेश
में
अपना
परचम
लहराने
के
लिए
पूरा
दम-खम
लगाने
में
जुट
चुकी
है।
इसी
क्रम
में
मंगलवार
से
आम
आदमी
पार्टी
ने
अयोध्या
से
तिरंगा
यात्रा
की
शुरूआत
की
है।यूपी
चुनाव
2022
को
लेकर
आप
मैदान
में
उतर
चुकी
है।
यूपी के विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी काफी संजीदा नजर आ रही है, उसने पिछले कई महनों से राम मंदिर का मुद्दा पकड़ा हुआ है। यूपी में सरकार बनाने के बाद राम के आदर्शो पर सरकार चलाने का वादा करने वाली आम आदमी पार्टी ने राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्र किए गए चंदे में हुए घोटाले को लेकर जमकर भाजपा को घेरा था।