सर्वे रिपोर्ट: मुलायम-शिवपाल रह गए पीछे, अखिलेश यादव ने मार ली बाजी
यूपी का सत्ता संग्राम शुरू होने से पहले ही परिवार में बढ़ी तकरार के बीच अखिलेश यादव पर लगातार गंभीर आरोप लगाए गए लेकिन असर कुछ और हुआ है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में मचे घमासान और नजदीक आ रही चुनावी जंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जनता के बीच मजबूत नेता के तौर पर उभर रहे हैं। चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ हुई तकरार और इस बीच लिए गए फैसलों ने उन्हें सपा के वोटरों के बीच खासा लोकप्रिय कर दिया है।
पढ़ें: यूपी में मुलायम नहीं अखिलेश हैं इस वोट बैंक की पहली पसंद
सी-वोटर के सर्वे में किया गया दावा
सी-वोटर की ओर से सितंबर और अक्टूबर में कराए गए अलग-अलग सर्वे में अखिलेश यादव की लोकप्रियता का ग्राफ ऊपर उठता दिख रहा है। अखिलेश यादव सितंबर में जहां 77.1 फीसदी लोगों की पहली पसंद थे तो वहीं, हालिया विवाद के बाद कराए गए सर्वे में अक्टूबर में 83.1 फीसदी लोगों ने उन्हें अपनी पहली पसंद बताया है।
पढ़ें: कश्मीर घाटी में फिर लौट रहे हैं 1990 जैसे हालात?
सपा में CM पद की रेस में भी सबसे आगे
मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर सपा से अखिलेश यादव को प्रोजेक्ट किए जाने के आसार नहीं हैं। लेकिन इस रेस में वह अपने पिता मुलायम सिंह यादव से कहीं आगे हैं। सितंबर में जहां 66.7 फीसदी लोग उन्हें सीएम के तौर पर पहली पसंद मानते थे, वहीं अक्टूबर में यह ग्राफ बढ़कर 75.7 फीसदी हो गया। वहीं सितंबर में जहां मुलायम सिंह यादव को 19.1 फीसदी लोग बेहतर सीएम मानते थे वो आंकड़ा अक्टूबर में घटकर 14.9 फीसदी हो गया।
पढ़ें: शर्त में हार गया पैसे, दोस्त से पत्नी का रेप करवाकर बनाया वीडियो
शिवपाल और मुलायम दोनों की लोकप्रियता घटी
सी-वोटर ने प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में कुल 12221 लोगों के बीच यह सर्वे किया। मुलायम, शिवपाल और अखिलेश के बीच जारी तकरार की शुरुआत से लेकर अब तक कराए गए दो सर्वे में जनता का समर्थन अखिलेश यादव के लिए बढ़ रहा है। सपा के वोटरों के बीच शिवपाल सिंह यादव की लोकप्रियता काफी कम है।
पढ़ें: BSF की जवाबी कार्रवाई में 15 पाक रेंजर्स ढेर, कई घर भी खाक
अखिलेश को मिला क्लीन इमेज का फायदा
सर्वे में अखिलेश यादव विवादों से परे और साफ छवि के नेता के रूप में सामने आए हैं। यूपी का सत्ता संग्राम शुरू होने से पहले ही परिवार में बढ़ी तकरार के बीच अखिलेश यादव पर लगातार गंभीर आरोप लगाए गए। 68 फीसदी लोगों का मानना है कि अखिलेश यादव पार्टी की 'गुंडाराज' वाली छवि को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।