आगरा: 'खुद को देशभक्त साबित करने के लिए मुस्लिमों ने निकाली तिरंगा यात्रा'
आगरा। कासगंज की तिरंगा यात्रा के बाद आगरा में मुस्लिम उलेमाओं के नेतृत्व में एक तिरंगा यात्रा निकालने की कोशिश हुई। इस यात्रा के लिए ना तो कोई अनुमति ली गई थी और न हीं प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई थी। मुस्लिम उलेमाओं का कहना था कि इस तिरंगा यात्रा का मकसद खुद को देशभक्त साबित करना है। मुस्लिम मौलानाओं का कहना था कि कासगंज में सांप्रदायिक सौहार्द खराब हुआ उसके बाद से मुस्लिमों पर तिरंगा यात्रा के दौरान गोली बरसाने की घटना से एक धब्बा सा लगा है। इसी धब्बे को मिटाने के लिए ही आगरा के मुस्लिमों ने तिरंगा यात्रा का आयोजन किया है।
खुद को देशभक्त साबित करने को निकाली यात्रा
कासगंज हिंसा के बाद मुस्लिमों पर लगे आरोपों को सिरे से खारि्ज करने और खुद को देशभक्त साबित करने के लिए मुस्लिमों ने शहीद स्मारक पार्क से तिरंगा यात्रा निकाली। हालांकि पुलिस ने आगरा में धारा 144 लागू होने के चलते शहीद स्मारक पर ही मुस्मिल उलेमाओं का ज्ञापन ले तिरंगा यात्रा को समाप्त करा दिया। कांग्रेस नेत्री शबाना ने बताया कि ये कोई राजनीतिक प्रोग्राम नहीं है इसलिए पार्टी को भी इस आयोजन से दूर रखा गया है।
'मुसलमान भी रखते हैं देश में पूरी निष्ठा'
ये तिरंगा यात्रा उन लोगों के लिए कड़ा जवाब है जो कासगंज हिंसा में मुस्लिमों की देशभक्ति पर बड़ा सवाल उठा रहे है। शबाना ने बताया कि मुसलमान इस देश में पूरी निष्ठा के साथ रह रहे हैं और उन्हें भी इस देश से उतना ही प्रेम है, जितना प्रेम अन्य धर्म के लोगों को है। संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक से ये यात्रा निकाली जानी थी जिसे लेकर आगरा पुलिस प्रशासन ने संजय प्लेस पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया था।
'मुस्लिम नहीं करते तिरंगे से परहेज'
कांग्रेसी नेता शबाना के मुताबिक बाहर के लोगों ने भ्रांतियां फैलाई हैं कि मुस्लिम लोग तिरंगे से परहेज करते हैं। वह गलतफहमी हम दूर करना चाहते थे। हम ने ज्ञापन दिया है जिसमें 14 मांगे हैं मस्जिदों की हमने हिफाजत मांगी है मदरसों की हिफाजत मांगी है कासगंज में शहीद हुए चंदन के परिजनों को मुआवजे की मांग की है।
तिरंगा यात्रा की नहीं थी अनुमति
आगरा के एसपी सिटी अनुपम सिंह का कहना था कि यह जो प्रस्तावित कार्यक्रम था उसके बारे में उन्होंने यह बताया था के एक यात्रा निकालना चाहते हैं। जिस के संदर्भ में इनके पास अनुमति नहीं थी इनका कहना है कि हम यहां कुछ संख्या में आए हैं ज्ञापन देना चाहते हैं। ज्ञापन ले लिया गया है जिनकी मांग है ऊपर तक पहुंचा दी जाएंगी
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