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बंगाल की हार के बाद यूपी में जोखिम नहीं लेना चाहते मोदी, जानिए शाह-नड्‌डा- राजनाथ को क्यों मिली जिम्मेदारी

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लखनऊ, 20 नवंबर: उत्तर प्रदेश में चुनाव की तैयारियां तेज होती जा रही हैं। एक तरफ जहां सपा चीफ अखिलेश यादव पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास कर रहे हैं। आने वाले दिनों में उनके साथ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी दिखाई देंगी। सपा की रणनीति को भांपते हुए ही बीजेपी के दो पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षों के अलावा वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी यूपी में अहम जिम्मेदारी दी गई है। 6 प्रांतों में दो-दो प्रांत तीनों राष्ट्रीय नेताओं में सोच समझकर बांटे गए हैं। बीजेपी के सूत्रों का दावा है कि पश्चिमी बंगाल में मिली हार के बाद अब बीजेपी यूपी में कोई चांस नहीं लेना चाहती है क्योंकि बीजेपी और संघ को इस बात का एहसास है कि यदि यूपी हाथ से निकल गया तो 2024 की दिल्ली की राह और भी कठिन हो जाएगी। इसलिए बीजेपी ने अब अपनी पूरी ताकत यूपी में झोंक दी है।

पश्चिम बंगाल में हार के बाद जोखिम नहीं लेना चाहती बीजेपी

पश्चिम बंगाल में हार के बाद जोखिम नहीं लेना चाहती बीजेपी

उत्तर प्रदेश में शाह ने अपनी टीम को 300 सीटों का भारी लक्ष्य रखा है। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के अगले दौर में भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण होगा। आखिरी दौर में बीजेपी का बड़ा निशाना बंगाल था, जहां पार्टी को 200 सीटें मिलने की उम्मीद थी। यहां पार्टी को भारी नुकसान हुआ क्योंकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी को पूरी तरह से मात दे दी। असम को छोड़कर, इसका प्रदर्शन अन्य राज्यों में शानदार प्रदर्शन से कम था, जहां उसने चुनाव लड़ा था।

कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे अमित शाह

कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे अमित शाह

2014 के आम चुनावों में राज्य से पार्टी की अभूतपूर्व 70 संसदीय सीटों से उत्साहित, अमित शाह ने अखिलेश यादव के यादव-दलित समर्थकों के खिलाफ गैर-यादव ओबीसी और गैर-जाटव दलितों को एक नए मतदाता आधार के रूप में जोड़ने की एक मास्टर रणनीति तैयार की थी। इस बार समाजवादी पार्टी प्रमुख की ओर से चुनौती बढ़ती दिखाई दे रही है। अखिलेश यादव की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही है। हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि भीड़ वोट में तब्दील हो जाएगी। शाह भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

रथ यात्रा के लिए चार समन्वयक नियुक्त किए जाएंगे

रथ यात्रा के लिए चार समन्वयक नियुक्त किए जाएंगे

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी यूपी की चारों दिशाओं से चार रथ यात्रा निकालने की योजना बना रही है. इन रथों को कब और कौन से नेता झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, इस पर अंतिम रणनीति बना ली गई है। अब सिर्फ मुहर बाकी है। रथ यात्रा 7 दिसंबर से यूपी के मुजफ्फरनगर से शुरू होगी। वहीं, रथ यात्रा 25 दिसंबर को लखनऊ में खत्म हो सकती है। खबरों के मुताबिक इस दौरान लखनऊ में बड़ी रैली का आयोजन किया जा सकता है। इस रैली को पीएम मोदी संबोधित कर सकते हैं।

 22-23 नवंबर को भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक

22-23 नवंबर को भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक

बैठक में तय किया गया है कि जेपी नड्डा 22 और 23 नवंबर को गोरखपुर और कानपुर क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे. वहीं राजनाथ सिंह काशी और अवध क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे. वहीं अमित शाह पश्चिम और ब्रज क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसकी तारीखों की घोषणा की जाएगी। भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक 19 से 21 नवंबर तक होगी। जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी विषयों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही जिम्मेदारियां भी तय होंगी। यह भी तय होगा कि चुनावी राज्यों में संगठन के अन्य राज्यों के महामंत्रियों का क्या योगदान हो सकता है।

 दो पूर्व और वर्तमाान राष्ट्रीय अध्यक्ष को अहम जिम्मेदारी

दो पूर्व और वर्तमाान राष्ट्रीय अध्यक्ष को अहम जिम्मेदारी

बैठक में यूपी चुनाव को लेकर बीजेपी के बड़े नेताओं की रैलियों और कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। यूपी चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैलियां हैं। दिल्ली में हुई बैठक में नेताओं ने यूपी क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के साथ बैठक की और संबोधन की तारीख तय की गई। बैठक में यूपी चुनाव से पहले बीजेपी के प्रचार और प्रचार की रणनीति पर चर्चा हुई थी। इस दौरान चुनावी रथ यात्रा को लेकर भी चर्चा हुई थी।

दिल्ली में बना था यूपी का गेम प्लान

दिल्ली में बना था यूपी का गेम प्लान

यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव के तहत बीजेपी हर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं तक पहुंचने की योजना बना रही है। यही वजह है कि रणनीति बनाने के लिए दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में संगठन महासचिव बीएल संतोष, यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और यूपी बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल मौजूद थे। दिल्ली में हुई इस बैठक में मुख्य तीन बिंदुओं पर चर्चा हुई। इस दौरान बीजेपी की रथ यात्रा यानि विजय संकल्प यात्रा की तारीख और रूट तय किया गया।

 बुंदेलखंड-अवध और पूर्वांचल पर भी फोकस

बुंदेलखंड-अवध और पूर्वांचल पर भी फोकस

बीजेपी का विजय संकल्प रथ पश्चिमी यूपी, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, अवध, ब्रज समेत तमाम इलाकों से गुजरेगा। फिलहाल चार रथ यात्राओं की तैयारी की गई है। इन रथयात्राओं को बीजेपी के चार बड़े नेता हरी झंडी दिखाएंगे। वहीं, केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्री अलग-अलग समय और जगहों पर इन रथ यात्राओं में शामिल होंगे. आज हुई बैठक में यूपी के बड़े नेताओं की रैलियों और कार्यक्रमों पर चर्चा हुई।

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English summary
After the defeat of West Bengal, BJP does not want to take risk in UP, know why Shah-Nadda-Rajnath got the responsibility
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