यूपी: मिलिए कानपुर के सिपाही से जिसके पास है 35 करोड़ की संपत्ति
कानपुर। यूपी के कानपुर में इन दिनों एक सिपाही की चर्चा जोरों पर है। एसटीएफ का पूर्व सिपाही शिवेंद्र सिंह सेंगर करोड़ो का सिपाही है। एसटीएफ में तैनाती के इसने दौरान 35 से 40 करोड़ की संपत्ति एकत्र की। उसके पास चकेरी में आधा दर्जन से ज्यादा प्रॉपर्टी है। उसके पास 4 मकान व लखनऊ में उसके पास काफी जमीन है। इस पूरे मामले की शिकायत पर जांच हुई तो मामला सही पाया गया। सिपाही की जांच का जिम्मा भ्रष्टाचार निवारण संगठन के पास पहुंचा लेकिन दो साल बाद भी यह जांच ठप पड़ा हुआ है।
फर्जी तरीके से इक्ट्ठा की संपत्ति
चकेरी के HAL का रहने वाले शिवेंद्र सिंह की पोस्टिंग पीएसी कानपुर में हुई थी। सिपाही के बाद उसकी तैनाती एसटीएफ में हुई। इसी दौरान एसटीएफ सिपाही ने खाकी के बल पर अथाह सम्पत्ति एकत्र कर ली। यह सम्पत्ति 35 करोड़ के आसपास पहुंच गई है। सिपाही ने नौकरी के दौरान ही चकेरी में बंगले समेत कई जमीन खरीद लिए। इसके साथ ही प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर भी कई सारी संपत्ति खरीद ली। सादी वर्दी में चलने वाला यह सिपाही पिस्टल के दम पर पैसा कमाता था। उसकी दबंगई से इलाके के लोग भी परेशान हैं लेकिन पुलिस में होने के कारण उस पर कार्रवाई नहीं होती थी।
जांच पाया गया दोषी, पर जांच ना हो सकी पूरी
सुरेश शुक्ल नाम के शख्स ने सिपाही के पास अथाह संपत्ति होने की शिकायत एसएसपी, एसटीएफ के अधिकारी, सीएम, राष्ट्रपति और लोकायुक्त से की। सीओ कैंट रहे अवनीश मिश्र ने जांच की तो सिपाही को गलत पाया और आय से अधिक संपात्ति होने की रिपोर्ट दर्ज की। लोकायुक्त ने भी जांच में सिपाही को गलत पाया। बाद में यह जांच कानपुर भ्रष्टाचार निवारण के पास गई और यहीं से सिपाही का काम आसान हो गया। इस शिकायत और जांच की शुरुआत दो साल पहले हुई थी लेकिन इसकी फाइल अब भी दबी हुई है। जबकि जांच के 6 महीने में रिपोर्ट शासन में भेजकर कार्रवाई की जाती है, फिर आखिर इस जांच को क्यों रोक दिया गया।
कहां और कितनी है संपत्ति-
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लगभग
30
से
35
करोड़
की
है
प्रॉपर्टी।
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शक्ति
नगर-
200
वर्गगज।
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गांधी
ग्राम-
513
वर्गगज।
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गदियाना-
1940
वर्गमीटर।
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सनिगवां-
270
वर्गमीटर।
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कृष्णापुरम-
360
वर्गमीटर।
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कर्मचारी
नगर-
400
वर्गगज।
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HAL-
550
गज
में
मकान।
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इसके
अलावा
लखनऊ,
उन्नाव
और
अन्य
शहरों
में
कई
जगहों
पर
है
संपत्ति।