मंदिर निर्माण के बीच बाबरी विध्वंस की 30वीं बरसी आज, जानिए अयोध्या में क्या कुछ बदला
लखनऊ, 06 दिसंबर: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस बीच आज 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रशासनिक अधिकारियों और सक्रिय खुफिया विभाग की टीमों सहित सुरक्षा व्यवस्था को आगे बढ़ाया। अयोध्या में सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी पहले से ही ड्यूटी पर हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के मंदिर निर्माण को लेकर आने वाले फैसले के बाद यहां काफी कुछ बदला है। यहां के संतों और पुलिस से जुड़े आला अधिकारियों का दावा है कि पहले से ज्यादा संख्या में यहां श्रद्धालुओं की आमद बढ़ी है। लेकिन बरसी को देखते हुए पूरे अयोध्या में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है। हालांकि अयोध्या के बाद अब बीजेपी की तरफ से मथुरा और काशी के मुद्दे को भी गरमाने की कोशिश की जा रही है। उन जगहों पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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अयोध्या की सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए एसएसपी शैलेश पांडेय ने कहा कि, 'अयोध्या में श्रद्धालुओं का आगमन बढ़ा है, ऐसे में अयोध्या के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम पहले ही किए जा चुके हैं. सुरक्षा के लिए नागरिक पुलिस, पीएसी और अन्य एजेंसियों सहित सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। खुफिया एजेंसियों को भी तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
इस बीच, बाबरी विध्वंस मामले के एक प्रमुख अभियोजन पक्ष के गवाह हाजी महबूब ने आश्वासन दिया है कि सोमवार को कोई कार्यक्रम नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'अब जब फैसला राम जन्मभूमि के पक्ष में आया है तो इस पर कोई कार्यक्रम नहीं होगा। 6 दिसंबर 1992 को मारे गए मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए मस्जिदों में कुरान खानी (पाठ) का एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।"
अयोध्या में स्थिति शांतिपूर्ण, इस बार नहीं हो रहा कोई बड़ा कार्यक्रम
अयोध्या में सोमवार को स्थिति पूरी तरह से शांत है। हालांकि सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कहा है कि इस दिन को चिह्नित करने के लिए कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं होगा, लेकिन राम मंदिर के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया था। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक बयान में कहा, "6 दिसंबर पूरे देश के लिए एक बड़ा दिन है। इसलिए विहिप शाखा बजरंग दल 6 दिसंबर को 'शौर्य दिवस' के रूप में मनाता रहा है। पहले की तरह ही इस दिन को चिह्नित करने के लिए कार्यक्रम और कार्यक्रम होते हैं। इसी तरह कार्यक्रम छोटे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।"
मुस्लिम समाज की ओर से प्रार्थना सभा का आयोजन
हालांकि अयोध्या के मुस्लिम समुदाय ने कहा है कि वह विध्वंस के बाद हुई हिंसा में मारे गए लोगों के लिए प्रार्थना के अलावा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करेगा। मामले के वादियों में से एक हाजी महबूब ने कहा कि अब फैसला मंदिर के पक्ष में आया है। इसलिए किसी कार्यक्रम की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर कोई मथुरा में भी बाबरी विध्वंस की तरह कोई कदम उठाया गया तो उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।
बाबरी की 30वीं बरसी पर पूरे अयोध्या में सुरक्षा
बाबरी मस्जिद विध्वंस की 30वीं बरसी को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. प्रशासन ने छह दिसंबर को होने वाली किसी भी घटना पर नजर रखने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। अयोध्या मंदिर शहर और जिले को कई सुरक्षा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और संवेदनशील बिंदुओं पर बलों को तैनात किया गया है। सभी मजिस्ट्रेटों को अयोध्या और फैजाबाद के जुड़वां शहरों में सभी छोटी और बड़ी घटनाओं पर चौबीसों घंटे निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।
6 दिसम्बर पर मथुरा में पहली बार किये गए हैं इतने कड़े इंतजाम
6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में हुई कार सेवा के बाद हर वर्ष इस दिन जहां हिन्दूवादी विजय दिवस मनाते हैं वहीं मुस्लिम काला दिवस। 6 दिसम्बर को श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाती है। लेकिन पहली बार है कि इस बार सुरक्षा के इतने कड़े इंतजाम किए गए हैं। श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह की तरफ जाने वाले मार्ग पर यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया है। मथुरा वृंदावन के बीच चलने वाली रेल बस भी 7 दिसम्बर तक बन्द है। बाजार खुले है लेकिन शहर में अजीब सा सन्नाटा है।
6 दिसम्बर पर शाही ईदगाह मस्जिद में जलाभिषेक और वहां तक पदयात्रा निकालने की विभिन्न संघटनों द्वारा घोषणा के बाद शहर में अलर्ट है। चप्पे चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। हर गतिविधि पर खुफिया तंत्र रख रहा है। शहर में उत्तर प्रदेश पुलिस के अलावा , पीएसी, आरएएफ और सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं।
2025 तक पूरी तरह से बनकर तैयार होगा राम मंदिर
साल 2025 में पूरे 110 एकड़ पर मंदिर काम्प्लेक्स होगा। पूरे राम मंदिर निर्माण में 900 से 1000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। मंदिर काम्प्लेक्स में म्युजियम,आर्काइव और एक छोटा सा रिसर्च सेंटर भी बनेगा। प्रशानिक ब्लॉक, गेस्ट हाउस, संतों, फजरियों, प्रसाद बनाने और वितरण का स्थान होगा। मंदिर में कितने देशों में रामायण लिखी गई है वो रहेगी। मंदिर का इतिहास, राम नवमी के दिन सूर्य की रोशनी राम मंदिर के अंदर रामलला पर सीधी पड़े इसका भी प्रयास है। हेरिटेज वाले भवनों का रख-रखाव किया जाएगा। कुबेर महल, सीता कुंड जैसे स्थानों को एक अति आधुनिक मंदिर जिसमें प्राचीन भारत की झलक हो, उसे भी बनाया जाएगा।
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