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कैदी नंबर 259 : दीवारों पर सैंकड़ों खूबसूरत पेंटिंग्स बनाकर साधुराम ने बदली उदयपुर सेंट्रल जेल की तस्वीर

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उदयपुर। कहते हैं प्रतिभा को छुपाया नहीं जा सकता। भले ही इंसान सलाखों के पीछे ही क्यों ना हो। उसे मौका मिलने पर वह अपने हुनर का जादू दिखा ही देता है। ऐसा ही कुछ कमाल कर दिखाया है साधुराम ने, जो इन दिनों राजस्थान के उदयपुर सेंटल जेल में बंद है।

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Rajasthan: साधुराम ने अपने हुनर से बदली Udaipur Central Jail की काया, देखें तस्वीर | वनइंडिया हिंदी
12 सौ कैदी हैं उदयपुर सेंट्रल जेल में

12 सौ कैदी हैं उदयपुर सेंट्रल जेल में

जेलर मानसिंह ने बताया कि उदयपुर की सेंट्रल जेल में 1200 से ज्यादा कैदी हैं। इन कैदियों में कुछ कैदी ऐसे भी हैं जो अपराध की दुनिया में शामिल होने के बाद अब पश्चाताप की आग में झुलस रहे हैं और जेल में वे अपने गुनाहों की सजा काटने के साथ कुछ अच्छा कार्य करना चाहते हैं। ऐसा ही एक कैद है साधुराम।

कैदी नंबर 259 मतलब साधुराम

कैदी नंबर 259 मतलब साधुराम

बता दें कि साधु राम को जेल में कैदी नंबर 259 के रूप में पहचाना जाता है। साधुराम जेल से बाहर निकलने पर एक अच्छे नागरिक की तरह जीवनयापन करना चाहता है। इसकी शुरुआत जेल से ही कर दी है। साधुराम ने सेंट्रल जेल में सैंकडों खूबसूरत पेंटिंग्स बनाई है।

 12 साल की सजा काट रहा साधुराम

12 साल की सजा काट रहा साधुराम

एनडीपीएस मामले में 12 साल की सजा काट रहे कैदी साधुराम से जब जेल ने उसकी रूचि पूछी गई तो उसने पेंटिग करना अपना शौक बताया। ऐसे में जेल प्रबंधन ने एक चित्र बनाने को दिया जिसे उसने बेहद खूबसूरती के साथ बना दिया। उसके बाद पिछले दो साल में साधुराम ने जेल की दीवारों पर सैंकड़ों पेंटिंग्स बना दी हैं, जिससे जेल की दीवारें अब खूबसूरत नजर आ रही हैं।

 जेल से छूटकर पेटिंग से कमाकर खाना चाहता है साधुराम

जेल से छूटकर पेटिंग से कमाकर खाना चाहता है साधुराम

कैदी साधुराम कहता है कि वह जेल से बाहर निकलकर इसी पेशे को अपनाएगा। अपराध से दूरी बनाने का दृढ निश्चय किया है। साधुराम के इस संकल्प और लगन से जेल के अन्य कैदी भी प्रभावित हुए हैं। साधुराम ने जेल की सूरत बदलने की शुरुआत अकेले की थी, लेकिन दो साल में कई कैदी इससे जुडे और साधुराम ने उन्हें भी पेंटिंग बनाना सीखा दिया। करीब 15 कैदियों ने पेंटिंग बनाना सीखकर साधुराम का हाथ बंटाया है।

साढ़े सात लाख का खर्च आया

साढ़े सात लाख का खर्च आया

जेल प्रबंधन की यह सोच रहती है कि जब कैदी जेल से बाहर निकले तो वह पुन: अपराध की दुनिया में कदम ना रखें। इसी सोच के चलते उसे जेल में भी उसकी रूचि के कार्य कराने का प्रयास किया जाता है। साधुराम का भी जेल प्रबंधन ने सहयोग किया तो वहीं जनसहभागिता से उसके लिये पेंटिंग का सामान उपलब्ध कराया। करीब साढ़े सात लाख रुपए का खर्च जेल की दीवारों पर पेंटिंग बनाने का आ रहा है।

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English summary
Prisoner Number 259 Sadhuram Changed Picture of Udaipur Central Jail by Making Paintings
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