भारत का सबसे बड़ा रेल-टिकट घोटाला: 8 करोड़ के ई-टिकट ब्लॉक, IRCTC ने सिक्योरटी बढ़ाई
सूरत. मैक सॉफ्टवेयर के जरिए करोड़ों रुपए की रेल ई-टिकट बुकिंग के मामले में भारतीय रेलवे ने 8 करोड़ रुपए कीमत के ई-टिकट ब्लॉक करने का प्रोसेस शुरू किया है। इन टिकटों को दुबई में बैठे मास्टरमाइंड की गैंग ने जारी किया था, जिससे आईआरसीटीसी (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) को चूना लगाया जा रहा था। अब आईआरसीटीसी ने ऑनलाइन टिकट-बुकिंग में संशोधन करके सिक्योरिटी फीचर्स एड किए हैं। दूसरी तरफ रेलवे ने आरबीआई को पत्र लिखकर प्रत्येक ई-टिकट बुकिंग के लिए ओटीपी भेजने की व्यवस्था करने के लिए कहा है।
ज्ञातव्य है कि, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने हाल ही बताया था कि टिकट बुकिंग गैंग का मास्टरमाइंड दुबई में छिपा हुआ है। जांच एजेंसियों ने इस मामले में टेरर लिंक की भी आशंका जताई है। यह खुलासा भी किया गया है कि, दुबई में बैठे मास्टरमाइंड को सुपर सेलर ने दो करोड़ रुपए भेजे हैं। आरपीएफ द्वारा पांच सुपर सेलर, सेलर के साथ मालिक अमीन कागजी को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पश्चिम रेलवे में सूरत रेलवे सुरक्षा बल ने एडमिन और प्रोग्रामर अमित प्रजापति (32), सुपर सेलर इरफान (30) तथा कोसंबा निवासी तथा हग मैक सॉफ्टवेयर का सुपर सेलर कम टेक्निकल स्टाफ रिजवान रफीक कागजी (24) को गिरफ्तार किया है।
सबसे बड़े ई-टिकट घोटाले का मास्टरमाइंड हामिद दुबई में दुबका, 79 दबोचे, 30 Cr के टिकट जब्त
रेलवे सुरक्षा बल के महानिरीक्षक अरुणकुमार ने बताया कि, टॉप लेवल के (एडमिन, सुपर सेलर और सेलर) 79 लोगों को देश के अलग-अलग गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि, अभी तक इन मामलों में किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी की मिलीभगत की जानकारी नहीं मिली है। अरुणकुमार ने यह भी बताया कि आईआरसीटीसी ने अभी तक 7 प्राइवेट लोगों को ई-टिकट के लिए अधिकृत किया है। इनके नीचे लाखों लोग प्राइवेट में ऑनलाइन ई टिकटों की बुकिंग करते हैं। इनमें से 317 लोगों को पकड़ा, जो अवैध आईडी बनाकर ई-टिकटों की बुकिंग करते थे। लेकिन, इनमें से सिर्फ दो लोग ही सॉफ्टवेयर का उपयोग करते पाए गए हैं।
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