पाकिस्तानी झंडे में लिपटे अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के शव की वीडियोज वायरल, पुलिस ने दर्ज किया केस
इंटरनेट पर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटे जाने के कई वीडियोज सामने आए हैं।
श्रीनगर, 4 सितंबर। जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता और पाकिस्तान समर्थक सैयद अली शाह गिलानी का 1 सितंबर को निधन हो गया था। इंटरनेट पर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटे जाने के कई वीडियोज सामने आए हैं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ही गिलानी के शव को शुक्रवार को दफ्नाया था। इस पूरे मामले के संज्ञान में आते ही पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम या यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
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92 वर्षीय पाकिस्तानी समर्थक गिलानी का बुधवार शाम को निधन हो गया था। उनकी मौत पर सुरक्षा की दृष्टि से कश्मीर में फोन और इंटरनेट सेवाओं को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। ब्रॉडबेंड इंटरनेट सेवा की बहाली के बाद पिछली रात को यह वीडियोज सामने आईं। हालांकि मोबाइल इंटरनेट सेवा को अभी भी बहाल नहीं किया गया है। पुलिस ने भीड़ के इक्ट्ठा होने पर भी पाबंदी लगा रखी है। वायरल वीडियोज में से एक में कुछ लोग, ज्यादातर महिलाएं पाकिस्तानी झंडे में लिपटे सैयद अली शाह गिलानी के शव के चारों ओर खड़ी दिखाई दे रही हैं। कमरे में हंगामा और नारेबाजी हो रही है। दरवाजे पर धक्का-मुक्की और धक्का-मुक्की के बीच महिलाएं विरोध करती नजर आ रही हैं। खचाखच भरे इस कमरे में धीवारों पर कुछ आयतें लिखी हैं और वहां एक पुलिसकर्मी भी दिखाई दे रहा है।
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सियासत
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भूमिका
और
शख़्सियत
बता
दें
कि
कट्टर
अलगाववादी
नेता
गिलानी
को
बेहत
शांत
तरीके
से
दफ्नाया
गया।
उनके
परिवारजनों
ने
आरोप
लगाया
कि
पुलिस
जबरदस्ती
उनके
शव
को
ले
गई
और
उन्हें
अन्तिम
संस्कार
में
भी
शामिल
नहीं
होने
दिया
गया।
जम्मू-कश्मीर
पुलिस
के
महानिदेशक
दिलबाग
सिंह
ने
कहा,
'सभी
राष्ट्र
विरोधी
गतिविधियों
में
प्राथमिकी
दर्ज
की
गई
है।'
सिंह
ने
कहा
कि
अलगाववादी
के
घर
पर
लोगों
ने
एक
वरिष्ठ
पुलिस
अधीक्षक
और
अन्य
पुलिसकर्मियों
के
साथ
दुर्व्यवहार
किया
और
सोशल
मीडिया
और
फोन
कॉल
का
उपयोग
करके
लोगों
को
देश
विरोधी
नारेबाजी
और
भड़काने
का
प्रयास
किया
गया।
पिछले
तीन
दिनों
से
पूरे
कश्मीर
में
पाबंदियां
लगाई
गई
हैं।
सभी
दुकानें
बंद
हैं
और
सार्वजनिक
परिवहन
पर
भी
रोक
लगाई
गई
है।