रियो डे जेनेरियो। रियो ओलंपिक 2016 के मुकाबलों में मेडल की जीत-हार से दूर कई खिलाड़ी ऐसे भी रहे, जिन्होंने खेल के दौरान कुछ ना कुछ ऐसा किया जो ओलंपिक के इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
इसी कड़ी में मंगोलिया के पहलवान गांजोरिजीन मेंडेकनेरन का भी नाम जुड़ गया। मेंडेकनेरन ने कभी नहीं सोचा होगा कि रियो में उनका सफर इस अजीबोगरीब ढंग से खत्म होगा।
क्वालीफाई राउंड में भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त को हराने के बाद सेमीफाइनल मुकाबले में मंगोलिया के मेंडेकनेरन का मुकाबला उज्बेक पहलवान इख्तियोर नवरूजोव से था।
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मुकाबला खत्म होने से चंद सेकंड पहले ही मेंडेकनेरन को लगा कि वह कांस्य पदक जीत गए हैं और उन्होंने मैच के आखिरी सेकंड्स में अपनी जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया। यही नहीं... इस जश्न में उनके दोनों कोच भी शामिल हो गए।
लेकिन...मेंडेकनेरन और उनके कोच का जश्न उस वक्त फीका पड़ गया जब जजों ने अपना फैसला सुनाया। मुकाबले को उज्बेक पहलवान ने 8-7 के अंतर से जीत लिया। जजों ने मेंडेकनेरन पर मुकाबले से भागने और अपनी प्रतिद्वंदी को चिढ़ाने के लिए पेनल्टी भी लगाई।
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इसके बाद मेंडेकनेरन के कोच अपना आपा खो बैठे और उन्होंने जजों के सामने ही अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए। कोच यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने अपने जूते भी उतारकर मैदान पर पटक दिए।
इसके बाद निराश मेंडेकनेरन ने पदक समारोह में शामिल होने से इंकार कर दिया। मंगोलियाई पहलवान की गैरमौजूदगी में रेफरी ने उज्बेक पहलवान को विजेता घोषित कर दिया।
सुरक्षा अधिकारी ने मंगोलिया के दोनों कोचों को मैदान से दूर किया और मेंडेकनेरन का रियो का सफर इस तरह अजीबोगरीब ढंग से समाप्त हुआ।