पांचवां टेस्ट- टीम इंडिया जरा संभल कर! क्योंकि ‘जॉनी’ मेरा नाम
नई दिल्ली, 17 जून। भारत-इंग्लैंड के बीच 1 जुलाई को एक मात्र टेस्ट खेला जाना है। यह पिछले साल की श्रृंखला का बचा हुआ पांचवां टेस्ट मैच है। भारत इस सीरीज में 2-1 से आगे हैं। अगर उसे यह श्रृंखला जीतनी है तो इस टेस्ट मैच को कम से कम ड्रा करना होगा।
अगर जीत गये तो सोने पे सुहागा। लेकिन पांचवें टेस्ट मैच के पहले इंग्लैंड की टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ गेंद और बल्ले से हैरतअंगेज प्रदर्शन किया है। तब और अब में बहुत फर्क आ गया है। इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टो ने टेस्ट क्रिकेट में 77 गेंदों पर शतक ठोक कर इंग्लैंड को न्यूजीलैंड के खिलाफ एक रोमांचक जीत दिलायी। कप्तान बेन स्टोक्स ने 75 रन बना कर उनका अच्छा साथ निभाया। जो रूट और ओली पोप न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक लगा कर अपने बल्ले की धार तेज कर चुके हैं। ऐसे में भारत के लिए पांचवां टेस्ट मैच एक कठिन परीक्षा की तरह है।
तब और अब में बहुत फर्क, इंग्लैंड का धाकड़ प्रदर्शन
2021 से 2022 के बीच कई चीजें बदल गयी हैं। तब भारत के कप्तान विराट कोहली थे। अब रोहित शर्मा हैं। पिछले साल इंग्लैंड की कमान जो रूट के हाथ में थी अब बेन स्टोक्स कप्तानी संभाल रहे हैं। इंग्लैंड की बल्लेबाजी अभी अपने चरम पर है। इंग्लैंड ने पहले टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड को पांच विकेट से हराया। दूसरे टेस्ट में तो इतिहास रच दिया। इस टेस्ट मैच में जब रनों का अंबार लग गया तो अधिकांश लोगों ने यही सोचा कि मैच ड्रा होने वाला है। लेकिन अजूबा हो गया। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में पांच सौ से अधिक रन बनाये तो जवाब में इंग्लैंड ने पांच सौ का आंकड़ा पार कर लिया। न्यूजीलैंड को मामूली बढ़त ही हासिल हुई। न्यूजीलैंड के 553 रन के जावाब में इंग्लैंड ने 539 रन बनाये थे। चौते दिन का खेल खत्म हुआ तो न्यूजीलैंड का स्कोर था 7 विकेट के नुकसान पर 224 रन। पांचवें और अंतिम दिन न्यूजीलैंड की दूसरी पारी लंच से कुछ पहले 284 रनों पर खत्म हुई। इस तरह इंग्लैंड को 299 रनों का लक्ष्य मिला। इंग्लैंड के पास समय कम था और 299 का टारगेट आसान नहीं था। इंग्लैंड जब चौथी पारी के लिए मैदान पर उतरा तो उसके पास दो विक्लप थे। या तो ड्रॉ के लिए खेले या फिर जीत के लिए जोखिम उठाये। इंग्लैंड के जब 93 रन पर चार विकेट गिर गये तो हार की आशंका सताने लगी। इस मोड़ पर जीत की बात सोचना जुआ खेलने के बराबर था। क्रीज पर बेन स्टोक्स और जॉनी बेयरस्टो थे। बेयरस्टो के मन में एक तूफान चल रहा था लेकिन उन्होंने ऊपर से खामोशी ओढ़ रखी थी। जब टी ब्रेक हुआ तो इंग्लैंड का स्कोर था चार विकेट पर 139 रन। बेयरस्टो 48 गेंद पर 43 रन और स्टोक्स 33 गेंदों में 25 रन बना कर खेल रहे थे। मैच अभी भी ड्रा की तरफ जा रहा था।
जॉनी मेरा नाम
टी ब्रेक के बाद खेल शुरु हुआ। अंतिम सत्र में 38 ओवर खेलने थे जिसमें इंग्लैंड को जीत के लिए 160 रन बनाने थे। चाय की चुस्की ने जॉनी बेयरस्टो रिचार्ज कर दिया था। उन्होंने ड्रॉ की बजाय जीत के लिए दांव लगाने का फैसला किया। पंजाब के लिए ताजा -ताजा आइपीएल खेल कर लौटे थे। उन्होंने आसीबी के खिलाफ 21 गेंदों पर तूफानी पचासा बनाया था जिसमें 6 छक्के और तीन चौके शामिल थे। टेस्ट मैच में भी उन्होंने दे दनादन शुरू कर दिया। 48 गेंदों में 43 रन बनाने वाले बाले जॉनी ने अगली 29 गेदों में 57 रन कूट दिये। 77 गेंदों पर शतक बना कर न्यूजीलैंड को हक्का-बक्का कर दिया। इस पारी को देख कर खेल प्रेमी भी भौंचक्के रह गये। खरबूजा को देख खरबूजा रंग बदलता है। जॉनी को देख कर कप्तान बेन स्टोक्स ने भी आतिशी पारी खेली उन्होंने 70 गेंदों पर नाबाद 75 रन बनाये। जॉनी ने इंग्लैंड के लिए दूसरा सबसे तेज टेस्ट शतक लगाया। उनसे पहले 1902 में गिलबर्ट जेसप ने 76 गेंदों में शतक लगाया था। जॉनी का यह प्रचंड फॉर्म भारत की राह में रोड़ा अटका सकता है।
भारतीय बैटरों को फॉर्म की तलाश
एक तरफ इंग्लैंड के बैटर रनों की बरसात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ भारतीय बल्लेबाज अभी फॉर्म की ही तलाश कर रहे हैं। हालांकि टेस्ट मैच और टी-20 में कोई समानता नहीं है। दोनों में बैटिंग और बॉलिंग का ग्रामर बिल्कुल अलग है। लेकिन सीमित ओवरों की कामयाबी का एक फायदा यह होता है कि इससे किसी बल्लेबाज या गेंदबाज का आत्मविश्वास बढ़ जाता है। अगर आइपीएल को पैमाना माने तो भारतीय टेस्ट टीम के तीन प्रमुख बल्लेबाजों का प्रदर्शन बहुत फीका रहा है। कप्तान रोहित शर्मा आइपीएल में कोई हाफ सेंचुरी भी नहीं लगा सके। उन्होंने 14 मैचों में केवल 268 रन बनाये। मुम्बई इंडियंस अंतिम पायदान पर रही। विरोट कोहली ने भी अपने बल्ले से निराश किया। कोहली ने 14 मैचों में 309 रन बनाये। श्रेयस अय्यर ने बहुत उम्मीदों के साथ कोलकाता नाइटराइडर्स की कप्तानी संभाली थी। लेकिन उनकी टीम अंतिम चार में भी नहीं पहुंच सकी। आइपीएल में जिस केएल राहुल ने रन बरसाये वे इंजुरी के चलते टेस्ट टीम से बाहर हो गये। इससे प्रतीत हो रहा है शुभमन गिल को रोहित शर्मा के साथ पारी शुरू करने का मौका मिल सकता है। वे आइपीएल विजेता टीम गुजरात टाइटंस के ओपनर थे। कई जिताऊ पारियां भी खेलीं थीं। उम्मीद है कि गिल इस सफलता को टेस्ट मैच में भुनाएंगे। चेतेश्वर पुजारा काउंटी क्रिकेट में दो दोहरे शतक लगा कर टीम में लौटे हैं। अब भारत को उनकी ठोस बल्लेबाजी की जरूरत है। लेकिन कुल मिला कर भारत की बल्लेबाजी अभी सवालों के घेरे में है। अब दुआ करें कि रोहित शर्मा और विराट कोहली समय रहते अपनी लय हासिल कर लें। भारत की सफलता बहुत हद तक इन दोनों की बल्लेबाजी पर निर्भर है। जिस तरह से इंग्लैंड में तेज गेंदबाजों को पिच और हवा से मदद मिलती है उससे भारतीय बल्लेबाजों को कठिन चुनौती झेलनी होगी।
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