क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Sidhi News : महावत के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली हथिनी की कहानी, शावकों की कर चुकी रखवाली

Google Oneindia News

Chitra Elephant Story,: जिले के जंगल में घायल मिली हथिनी अब संजय टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों की जान बचा रही है। गोली के जख्म का दर्द झेल रही यह हथिनी संजय टाइगर रिजर्व की वफादार संरक्षक है। एक बाघिन की मौत के बाद उसने 3 बेसहारा शावकों की चार माह तक रखवाली भी की। छत्तीसगढ़ से आने वाले जंगली हाथियों को भी खदेड़ चुकी है। हथिनी ने संजय टाइगर रिजर्व के नौ रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

पार्क के कर्मचारियों ने हथिनी को जंगली से पालतू बना दिया है। हर विशेष कार्यक्रम पर बचाव काम में वह शामिल रहती है। इसे संजय टाइगर रिजर्व में चित्रा के नाम से पहचाना जाता है। कार्य के प्रति वफादारी और शालीनता, महावत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना, इसकी खास पहचान है।

6 महीने की दी गई ट्रेनिंग

6 महीने की दी गई ट्रेनिंग

छत्तीसगढ़ के जंगल से निकलकर वर्ष 2019 में पांच जंगली हाथियों का दल संजय टाइगर रिजर्व एरिया में पहुंचा था। हाथी क्षेत्र के अंदर घुस कर उत्पात मचा रहे थे। रिजर्व बल को जब इसकी जानकारी मिली तो रेस्क्यू के लिए दल पहुंचा। देखा कि 1 हथिनी के पिछले पैर में गोली लगी है। दल इस हथिनी को अपने साथ संजय टाइगर रिजर्व लाए। इसका उपचार शुरू किया गया। उपचार के बाद महावत ने उसे बाघ के बचाव के गुण सिखाए। 6 माह में यह एक्सपर्ट हो गई। चित्रा ने कई रेस्क्यू में भाग लिया। अभी भी उसके पैर में घाव दिखता है।

3 बार हुआ चित्रा का ऑपरेशन

3 बार हुआ चित्रा का ऑपरेशन

संजय गांधी टाइगर रिजर्व संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि चित्रा का तीन बार ऑपरेशन कराया गया। पैर में घुसी गोली तो निकल चुकी है। लेकिन कभी-कभी चित्रा के पैर में दर्द और घाव उभर आता है, इसका उपचार किया जाता है।

एसडीओ निकुंज पांडेय ने जानकारी दी कि तीन बार जंगली बाघ को रिहायशी इलाके से दूर ले जाने में चित्रा की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 3 बार जंगली हाथी 2020-21 में ग्रामीण क्षेत्रों में घुस गए थे, उन्हें छत्तीसगढ़ की सीमा में छोड़ने में इसने भूमिका निभाई थी। कुल मिलाकर 9 बड़े सफल रेस्क्यू चित्रा ने निभाई है।

शावकों की की रखवाली

शावकों की की रखवाली

निकुंज पांडे ने जानकारी दी कि इसी वर्ष अप्रैल में बाघिन टी-18 की ट्रेन एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। उसके 4 शावक थे। चार शावकों में 1 को नर बाघ ने मार डाला था। इसके बाद तीन शावक असुरक्षित हो गए थे। उन शावकों की सुरक्षा के लिए करने के लिए चित्रा को ही लगाया गया था। उसकी बदौलत से आज तीन शावक अपने आप की सुरक्षा करने के लिए तैयार हो गए हैं। चित्रा घायल हालत में भी अपने कामो को बखूबी निभाती है।

हथिनी की खासियत

हथिनी की खासियत

महावत हीरेंद्र यादव जानकारी दी कि चित्रा 11 साल की है। 6 माह के अंदर इसने सभी तौर तरीके सीख लिए। बैठने, चिल्लाने,कोड वर्ड में चलने, पेड़ को काट कर फेंकने,सूंड हिलाने सहित रेस्क्यू के समय हर बात पर तत्काल बात मानती है, जिसका नतीजा है कि हम रेस्क्यू में सफल हो जाते हैं।

चित्रा रिजर्व के विशेष कार्यक्रम में नजर आती है। बाघों को कॉलर आईडी लगाने से पहले रेस्क्यू, टी-18 शावकों की मॉनिटरिंग में महावत के साथ नजर आई। कई ऐसे अवसर रहे, जब चित्रा ने विभाग को रेस्क्यू दिलाने में कामयाब रही है।

यह भी पढ़ें- MP: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अनोखी प्रेम कहानी, अनारकली के पीछे सलीम दीवाना, जानें पूरी दास्तानयह भी पढ़ें- MP: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अनोखी प्रेम कहानी, अनारकली के पीछे सलीम दीवाना, जानें पूरी दास्तान

Comments
English summary
Chitra Hathini Story, Sanjay Tiger Reserve, Cubs Protection, Sidhi, Madhya Pradesh
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X