रांचीः लाश के पास छूटी चप्पल के जरिये कातिल तक पहुंची पुलिस, जानिए क्या है पूरा माजरा
रांची । झारखंड की राजधानी रांची तमाड़ थाना क्षेत्र में काशीनाथ महतो नामक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी थी। पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी संतोष महतो को उसकी चप्पल के जरिये शिनाख्त करते हुए गिरफ्तार किया है। वहीं अन्य आरोपित भीम महतो और सोमेन महतो की खोजबीन में पुलिस जुटी हुई है। पुलिस ने आरोपित संतोष की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त दाउली (हथियार) बरामद कर लिया है। उसने जमीन विवाद में हत्याकांड में संलिप्तता की बात स्वीकार कर ली है।
शनिवार को ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने दी ने बताया कि बीते चार मई की सुबह सात बजे तमाड़ थाना क्षेत्र के हुराहुरू के पास एक शव मिला था, जिसकी पहचान तमाड़ के पेड़ायडीह निवासी काशीनाथ महतो के रूप में हुई थी। मृतक की पत्नी के बयान के आधार पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के आधार पर हत्या का केस दर्ज कर लिया था। पुलिस को घटनास्थल से एक चप्पल मिली थी साथ ही खून के नमूने लिये गये थे। ग्रामीणों ने बताया था कि चप्पल किसकी है।
सरमाली निवासी संतोष महतो ने बताया कि पेड़ायडीह में खुटकटी जमीन को लेकर जामुनपीढ़ी निवासी बसंती देवी और पेड़ायडीह निवासी संतोष मुंडा के बीच विवाद चल रहा था। उस जमीन के पास में ही लेखीमनी देवी नामक महिला की जमीन है। जिस पर एक कंपनी का टावर है। टावर के लिए वह सड़क के किनारे स्वराज मुंडा के सहयोग से ट्रांसफॉर्मर लगवा रही थी, जिसका विरोध बसंती देवी कर रही थी।
बसंती के पक्ष में काशीनाथ महतो, फनी महतो के साथ अन्य लोग थे। विवाद बढ़ने के बाद स्वराज मुंडा ने कोर्ट कंप्लेन केस किया था, जिसमें सिंदवारडीह निवासी हड़िया महतो का भी नाम था। इस बात से नाराज होकर काशीनाथ ने हड़िया को दो बार जाने से मारने का प्रयास किया, लेकिन वह बच गया। इसके बाद हड़िया महतो के बेटे भीम महतो ने काशीनाथ की हत्या की योजना बनायी।
उसने योजना की जानकारी संतोष और सोमेन महतो को दी। योजना के तहत तीन मई को पेड़ायडीह मोड़ पर भीम और सोमेन मांस पका रहे थे। इसी दौरान काशीनाथ वहां से साइकिल से गुजर रहा था.उन्हें पता चला कि काशीनाथ अपने गोतिया के साथ चल रहे जमीन विवाद को सुलझाने के लिए अमीन से मिलने ऐदेलडीह जा रहा है।
इसके बाद भीम ने संतोष को फोन कर वहां बुलाया। तब तक अंधेरा हो चुका था। इस कारण काशीनाथ रास्ते में खड़ी बाइक से टकरा कर गिर गया। इसके बाद भीम ने उस पर हमला कर दिया। काशीनाथ ने उससे कहा कि मुझे क्यों मार रहे हो। छोड़ दो। लेकिन वह नहीं सुना।
इसके बाद तीनों उसे पुल के नीचे ले गये, जहां संतोष ने टांगी से हमला कर उसकी नाक काट दी। इसके बाद दो अन्य आरोपियों ने दाउली से जान से मार दिया और शव को झाड़ी में फेंक दिया। इसके बाद भागने के दौरान संतोष तो की एक चप्पल मौके पर छूट गयी थी।
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