गुजरात: बीमार बेटियों का इलाज कराने में असमर्थ था पिता, जहर खाकर दे दी जान
Gujarat News, राजकोट। गुजरात में राजकोट के हरिजनवास में रहने वाले एक शख्स की दो बेटियां बीमार हो गईं। वह शख्स उनके उपचार का खर्च करने में असमर्थ था, कोई चारा न देख उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक शख्स अपने माता-पिता का इकलौता बेटा व अपनी 2 बहनों का इकलौता भाई था। उन्हें अपनी 2 बीमार बेटियों के भी इलाज की चिंता थी।
मृतक की पहचान 35 साल के भीखुभाई परमार के रूप में हुई। वह सफाईकर्मी की नौकरी करते थे। रविवार को जहर खा लिया था, जिसके चलते फौरन अस्पताल ले जाए गए थे। अस्पताल में पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में उन्होंने कहा था कि, मेरी दो बेटियां है। जिसमें 14 वर्षीय बेटी मानसिक अस्वस्थ है और 12 वर्ष की बेटी को डायबिटीज होने के कारण नियमित रुप से इश्युलिन के इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं। अपनी कम आय के कारण ना तो वो दोनों का खर्च उठा सकते थे, और ना ही अपनी मासूम बेटियों का दर्द देख पा रहे थे। जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया। इलाज के दौरान भीखुभाई ने दम तोड़ दिया। उनकी मौत होने से दोनों मासूम बेटियों के सर से पिता का हाथ उठ गया।
बेटी
को
जन्म
देने
के
8वें
दिन
मां
ने
की
खुदकुशी
राजकोट
के
विश्वनगर
क्षेत्र
की
रहने
वाली
33
वर्षीय
महिला
श्रद्धाबेन
पार्थभाई
चंदाराणा
ने
खुदकुशी
कर
ली।
हफ्तेभर
पहले
ही
उसने
एक
बच्ची
को
जन्म
दिया
था
और
वह
अपने
पिता
के
घर
पर
रह
रही
थी।
सोमवार
को
अचानक
वह
फंदे
पर
झूल
गई।
जिसके
चलते
परिजनों
द्वारा
उसे
फौरन
अस्पताल
भेजा
गया।
हालांकि,
उपचार
शुरू
होने
से
पहले
ही
उसने
दम
तोड़
दिया।
मालवीयानगर
पुलिस
मौके
पर
पहुंची।
पुलिस
के
मुताबिक,
श्रद्धाबेन
की
शादी
दो
साल
पहले
इसी
क्षेत्र
के
रहने
वाले
पार्थ
चंदाराणा
से
हुई।
गर्भवती
होने
पर
वह
पिता
के
घर
डिलीवरी
के
लिए
आई।
सात
दिनों
पहले
ही
फूल
सी
मासूम
बच्ची
को
जन्म
भी
दिया
था।