गुजरात: 16 बीघा में बोई कपास बर्बाद हो गई तो किसान ने खेत में ही किया आत्मदाह
गुजरात में नहीं थम रहीं किसानों की मौतें, बर्बादी से फिर गई एक जान
Gujarat News, जूनागढ़। सौराष्ट्र में जूनागढ़ के वंथली में एक किसान ने अपने खेत में आत्मदाह कर लिया। किसान की 16 बीघा जमीन थी, जिसमें उसने कपास की फसल बोई थी। पानी नहीं बरसने के चलते वह बर्बाद हो गई, जिसके बाद किसान पर कर्ज बढ़ गया। जिसके चलते उसकी आर्थिक स्थिति खराब होती चली गई। वह हताश हो गया। बीते दिनों तो उसने खाना-पीना भी छोड़ दिया, इसके बाद तो उसने और भी गंभीर कदम उठाया। अपने खेत में जाकर मिट्टी का तेल छिड़क आग लगा ली, जहां उसकी जान चली गई। वहीं, पता चलते ही उसकी पत्नी भी बेहोश हो गई।
खेत
के
मकान
में
मिट्टी
का
तेल
छिड़ककर
लगाई
आग
मामला
वंथली
के
बंटिया
गांव
का
है।
यहां
55
साल
के
हरसुखभाई
आरदेसना
बीते
कल
की
शाम
अपने
खेत
की
ओर
गए
थे।
यह
खेत
रवनी
रोड
पर
है,
बताया
जाता
है
कि
वहीं
स्थित
मकान
में
ही
उन्होंने
मिट्टी
का
तेल
छिड़ककर
आत्मदाह
कर
लिया।
मृतक
आरदेसना
के
कौटुम्बिक
भाई
किरीटभाई
ने
तत्काल
इसकी
सूचना
पुलिस
को
दी।
जिसके
बाद
पुलिस
ने
शव
को
पोस्टमार्टम
के
लिए
भेजा।
पिछले
दो
सालों
से
बर्बाद
हो
रही
थी
फसल
मृतक
के
परिजनों
के
मुताबिक,
पानी
के
अभाव
के
कारण
उनकी
फसल
पिछले
दो
सालों
से
बर्बाद
हो
रही
थी।
जिसके
चलते
न
केवल
बैंक
का
कर्ज
बढ़
रहा
था,
बल्कि
घर
में
आर्थिक
हालात
भी
बिगड़ते
जा
रहे
थे।
इसी
चिंता
में
उन्होंने
जीवनलीला
समाप्त
करने
की
ठान
ली।
किसान
की
पत्नी
की
भी
हालात
खराब
हो
गई
है,
उसे
हॉस्पिटल
में
भर्ती
कराया
गया
है।
गुजरात में फंदे पर झूला 22 साल का किसान, आर्थिक तंगी से जान जाने की 3 महीने में 5वीं घटना
गुजरात
में
लगातार
बेमौत
मर
रहे
किसान
सूबे
में
किसानों
द्वारा
खुदकुशी
किये
जाने
की
घटनाएं
लगातार
हो
रही
हैं।
राजकोट
में
ही
24
जनवरी
तक
10
दिन
में
3
किसानों
ने
जान
दे
दी।
सभी
के
परिवार
ने
फसल
बर्बाद
होने
के
कारण
चल
रही
आर्थिक
तंगी
को
इसकी
वजह
बताया।
ऐसे
में
सरकार
की
कार्यशैली
पर
सवाल
उठ
रहे
हैं।
वहीं,
सरकार
किसानों
की
आय
दोगुना
करने
की
बातें
कर
रही
है।