मां छोड़ चुकी थी दुनिया, मौत से अनजान दो मासूम बच्चे छह घंटे तक शव के पास खेलते रहे
राजस्थान के टोंक जिले में हर किसी के दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 20 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी। इस बात से अनजान उसके दो बच्चे शव के पास खेलते रहे। दो साल की बेटी मां के शव से चादर खींचती रही जबकि तीन माह का उसका बेटा उसी बैड पर बैठा रहा।
मामला टोंक जिले के नैनवा के सीएचसी का है। मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव को छह घंटे तक मुर्दाघर में नहीं पहुंचाया था। ऐसे में दोनों मासूस भाई बहन शव के पास खेलते रहे। अस्पताल प्रशासन कागजी खानापूर्ति के लिए 15 किलोमीटर दूर से आ रही पुलिस का इंतजार करता रहा। मृतका की मां बच्चों से बार बार यही कहती रही कि वे अपनी मां को डिस्टर्ब नहीं करें। वह सो रही है, लेकिन मां की मौत से अनजान दो साल की बेटी बार बार मां मां पुकारकर उसे जगाने की कोशिश करती रही।
मृतका की शिनाख्त शबाना के रूप में हुई है। सूचना पाकर अस्पताल पहुंची पुलिस ने उसका शव मुर्दाघर में रखवाया। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मृतका दिहाड़ी मजदूर परिवार से ताल्लुक रखती थी। उसके परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से यह कहकर इनकार कर दिया कि उसे लंबे समय से पेट संबंधी बीमारी थी। पूरा घटनाक्रम पिछले सप्ताह का है। शबाना का ससुराल हरियाणा के रेवाड़ी में हैं। इन दिनों वह टोंक जिले के नैनवा से करीब 15 किलोमीटर दूर टोंक के नगरफोर्ट में अपने मायके आई हुई थी।
मीडिया से बातचीत में शबाना के भाई सलीम ने बताया कि शबाना के पेट दर्द की शिकायत होने पर उसे मां व भाई और दो बच्चों के साथ कोटा ले जाया जा रहा था, मगर रास्ते में तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे दोपहर को नैनवा सीएचसी में भर्ती करवाया गया। सलीम ने बताया कि सीएचसी में उसकी बहन की मौत हो गई थी। फिर अस्पताल प्रशासन ने नगरफोर्ट पुलिस को सूचना दी और उनके आने तक शव को मुर्दाघर में नहीं रखवाया। तब तक अस्पताल स्टाफ ने शव को चादर से ढक दिया। ऐसे में शबाना के दोनों बच्चे शव के पास खेलते रहे।
शाम साढ़े छह बजे नगरफोर्ट पुलिस थाना इंचार्ज प्रभुसिंह अस्पताल पहुंचे और शव को मोर्चरी में रखवाया। उन्होंने शव परीक्षण के लिए सहमति के लिए अगले दिन उसके पति के हरियाणा से आने का इंतजार किया। पुलिस ने बताया कि शबाना की शादी चार साल पहले हुई थी। इस मामले में नैनवा स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी समुद्र लाल मीणा ने कहा कि शव को वार्ड में रखा गया था क्योंकि मोर्चरी में स्थानांतरित करने से पहले उसके परिवार की सहमति की आवश्यकता थी।