मंदिर निर्माण के बीच में आए पेड़ को बचाने के लिए बदल डाला नक्शा, 10 लाख रुपए अतिरिक्त भी खर्च कर रहे
बाड़मेर, 22 जून। राजस्थान भारत-पाकिस्तान सीमा पर रेत के समंदर बाड़मेर में पर्यावरण संरक्षण का गजब उदाहरण देखने को मिला है। यहां पर करोड़ों की रुपए की लागत के एक प्रोजेक्ट का पूरा नक्शा सिर्फ पेड़ का बचाने के लिए बदल दिया गया।
माता राणी भटियाणी मंदिर
दरअसल, बाड़मेर शहर में महावीर सर्किल के पास माता राणी भटियाणी मंदिर का निर्माण हो रहा है। यहां कुछ खेतड़ी का एक वर्षों पुराना पेड़ है, जो मंदिर निर्माण के नक्शे के तहत काटा जाना है। इस पर मंदिर ट्रस्ट कमेटी ने खेजड़ी के एक पेड़ को बचाने के लिए न केवल दस लाख रुपए खर्च कर डाले बल्कि मंदिर के नक्शे में भी फेरबदल किया है।
पेड़ को सुरक्षित रखने के लिए क्रेन को मंगवाया
बाड़मेर शहर में राणी भटियाणी मंदिर निर्माण तक उस खेजड़ी के पेड़ को सुरक्षित रखने के लिए एक क्रेन को मंगवाया है, जो खेजड़ी के पेड़ को बांधकर रखेगी। खेजड़ी के इस पेड़ के चारों और पत्थरों और सीमेंट का फाउंडेशन भरा जा रहा है, जिससे उसकी नींव मजबूत रहेगी। फिर अंडर ग्राउंड से निर्माण कार्य शुरू किया है।
लाखों रुपए अतिरिक्त लगेंगे
कमेटी के स्वरूप चंद ने बताया कि इस खेजड़ी को बचाने के लिए हमने ना केवल मंदिर के नक्शे में बदलाव किया है। इससे हमारे लाखों रुपए अतिरिक्त लगेंगे। खेजड़ी को बचाने के लिए हम अतिरिक्त पैसे खर्च करने को तैयार हैं। क्योंकि आज के समय में पर्यावरण को बचाना बहुत जरूर है। माता राणी के मंदिर प्रांगण के आगे इतना बड़ा खेजड़ी का पेड़ होगा तो आने वाले श्रद्धालुओं ठंडी छाया भी मिल सकेगी। साथ ही यहां का वातावरण भी शुद्ध रहेगा।
मंदिर का शिलान्यास 11 जून को हुआ
कमेटी सचिव सुरेश तेजमालता ने बताया कि मंदिर का शिलान्यास 11 जून को हुआ था। फिलहाल नींव भरने का काम चल रहा है। मंदिर बनाने के लिए 10 दिसम्बर 2019 को महावीर सर्किल के पास भूखंड लिया गया था। दस फीट गहरी नींव खोदे जाने के कारण मंदिर निर्माण में पेड़ को बचाना मुश्किल हो रहा था। इसलिए हमने क्रेन की मदद ली है।
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